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उत्तराखंड में आपदा में फंसे 40 यात्रियों के लिए देवदूत बनी एसडीआरएफ

देहरादून। उत्तराखंड में एसडीआरएफ सच में आपदा में फंसने वालों के लिए देवदूत बनकर सामने आ रही है। आज पिथौरागढ़ के धारचूला क्षेत्र में आदि कैलाश यात्रा कर लौट रहे 40 यात्रियों की जान जोखिम में पड़ गई थी। यहां गर्वाधार में भूस्खलन के कारण यात्री फंसे हुए थे, जिन्हें एसडीआरएफ की टीम ने जान जोखिम में डालकर रेस्क्यू किया। इस दौरान यात्रियों ने जान बचाने पर एसडीआरएफ के जवानों का दिल से आभार जताया है।

पिथौरागढ़ के धारचूला क्षेत्र में गर्वाधार के पास आज भारी भूस्खलन से रास्ता बंद हो गया। इससे आदि कैलाश यात्रा कर लौट रहे तीर्थ यात्रियों का दल दूसरी तरफ फंस गया था। एसडीएम धारचूला ने एसडीआरएफ टीम को सूचित किया गया की गर्भधार के पास भूस्खलन हो रहा है। जिसके कारण कुछ यात्री जो आदि कैलाश यात्रा से वापस लौट रहे थे, फंस गए है। यात्रियों के रेस्क्यू हेतु एसडीआरएफ टीम की आवश्यकता है। उक्त सूचना पर एसडीआरएफ टीम के मुख्य आरक्षी नवीन कुमार के हमराह मय रेस्क्यू उपकरणों के तत्काल घटनास्थल के लिए रवाना हुई। टीम द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुऐ तत्काल घटनास्थल पर पहुँचकर देखा गया की पहाड़ी से लगातार पत्थर गिर रहे है। भूस्खलन के कारण मार्ग पर अत्यधिक मलबा आ गया था जिसे साफ कर यात्रा सुचारू होने में समय लगना था। ऐसे में टीम द्वारा मौसम के करवट लेने से पूर्व ही बिना समय गवाये फंसे हुए 40 यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग से नदी किनारे से रोप की मदद से रेस्क्यू कर सुरक्षित केएमवीएन गेस्ट हाउस धारचूला पहुंचाया गया। यात्रियों में कुछ बुज़ुर्ग व महिलाएं भी शामिल थी , जिन्हें टीम द्वारा अत्यंत विषम परिस्थितियों में पूर्ण सावधानी से सकुशल सुरक्षित स्थान पहुंचाया गया। सभी यात्रियों द्वारा विकट परिस्थिति में किये गए इस उत्कृष्ट कार्य के लिए एसडीआरएफ उत्तराखण्ड पुलिस का हृदय से आभार व्यक्त किया गया।

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