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मरीजों के प्रति डॉक्टरों को संवेदनशील बनने को ऐटिटूड, एथिक्स एंड कम्युनिकेशन रखें बेहतर

देहरादून। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज एक विषम भौगोलिक परिस्थतियों वाले क्षेत्रों को चिकित्सा सेवा देने के मकसद से स्थापित किया गया है। यहां आने वाले हरके मरीज विभिन्न कठिनाईयों के बीच होकर यहां इलाज के लिए पहुंचता है, ऐसे में हमें चाहिए कि यहां पहुंचने वाले हरके मरीज के प्रति सभी डॉक्टर संवेदनशील बने। एनएमएसी एटकॉम मॉड्यूल के अनुसार अपनी चिकित्सा सेवा के दौरान मरीजों के साथ ऐटिटूड, एथिक्स एंड कम्युनिकेशन बेहतर रखना होगा। तभी जाकर हम मरीजों की बेहतर सेवा से अस्पताल और अपना नाम ऊंचा कर सकेगे।
यह बात प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा निदेशक एवं श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आशुतोष सयाना ने पीजी कर रहे डॉक्टरों एवं एमबीबीएस छात्र-छात्राओं के साथ बैठक लेते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि अस्पताल की रेपुटेशन बढ़ाने के लिए सभी कार्य करने होगे। यहां मरीज कई किमी दूर से इलाज के लिए पहुंचता है, ऐसे में मरीजों को बेहतर सेवा मिले, जिस उद्देश्य और ठीक होने की भावना से यहां आया है। मरीज की दिक्कतों को बेहतर ढ़ग से पूछे और अपने सीनियर डॉक्टर से पूछकर इलाज पर आगे की कार्यवाही करे। डॉ. सयाना ने कहा कि चिकित्सा सेवा में ऐसा कार्य कर दिखाये कि हर कोई उस डॉक्टर का नाम ले, जिनसे इलाज दिया हो। कहा कि चिकित्सा सेवा के अलावा अस्पताल में सफाई, उपकरण संबंधी जानकारी भी डॉक्टर भी देखे, ताकि कहीं भी कोई दिक्कतें ना रहे। एक जंजीर की भांति सभी मिलकर कार्य करे। उन्होंने कहा कि एकेडमिक और डियूटी संबंधी जो भी सुविधाएं चाहिए वह दी जायेगी। किसी को शोध कार्य में सहयोग चाहिए वह भी दिया जायेगा। प्लेसमेंट संबंधी कार्य हो तो वह भी पूरा किया जायेगा। आगामी चारधाम यात्रा को देखते हुए उन्होंने सभी पीजी डॉक्टरों को हर समय अलर्ट मोड रहकर कार्य कर चारधाम यात्रियों को बेहतर चिकित्सा सेवा देने का कार्य करना होगा, जिसके लिए सभी को अभी से तैयारियां करनी होगी। वहीं एमबीबीएस छात्रों ने हॉस्टल में आरो खराब होने की बात कही। जिस पर डॉ. सयाना ने संबंधी विभाग को जल्द कार्यवाही के निर्देश दिये। इसके साथ ही एमबीबीएस छात्रों को टीचिंग क्लास हेतु मेडिकल कॉलेज से बेस चिकित्सालय तक आने तक बस लगाने तथा मैस में खाने का समय परिवर्तन करने की बात कही। कहा कि छात्र हित में जो भी दिक्कतें होगी उन्हें ठीक कियका जायेगा। जबकि हॉस्टलों के मरम्मत कार्य में देरी होने पर संबंधी विभाग के साथ रविवार को बैठक बुलाई गई है। इस मौके पर डिप्टी एमएस डॉ. वरूण मौजूद थे।

अस्पताल में ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा शुरु हो-
चिकित्सा निदेशक डॉ. सयाना ने शनिवार को भी बेस अस्पताल के सभी वार्डो, डायलिसिस, कैथ लैब, आक्सीजन प्लांट सहित कई स्थानों पर भ्रमण किया। जिसमें उन्होंने देखा कि कई स्थानों पर फर्नीचर खराब, अधिकांश शौचालय की स्थिति खराब होने पर उन्हें जल्द मरम्मत करने के निर्देश दिये। इसके साथ ही उन्होंने मरीजों की सुविधा हेतु क्यूआर कोड के माध्यम से ऑनलाइन पमेंट हो इसके लिए जल्द सभी काउंटरों पर क्यूआर कोड लगाये जाए।

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