केदारनाथ में कांग्रेस के दुष्प्रचार पर तीर्थीपुरोहित हुए मुखर

–प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में केदारपुरी को संवारने में जुटे हुए मुख्यमंत्री धामी
-केदारनाथ के साथ अब चारधाम के मंदिरों के नाम का नहीं होगा दुरुपयोग
-बोले, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कड़ा कानून बनेगा धामों के लिए कवच
-जनता से झूठ बोलकर कांग्रेस कर रही सस्ती राजनीति
देहरादून। केदारनाथ विधानसभा उप चुनाव में कांग्रेस सस्ती लोकप्रियता हासिल करने को झूठ परोसने में जुटी है। इसके विरोध में न केवल स्थानीय जनता, बल्कि केदारनाथ के तीर्थीपुरोहित खुलकर सामने आ गए हैं। तीर्थीपुरोहित ने कहा कि केदारपुरी के साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी केदारनाथ विधानसभा को संवारने में जुटे हैं। ऐसे में चुनावी नफा-नुकसान के लिए कांग्रेस का बयान सिर्फ झूठ का पुलिंदा है।
केदारनाथ विधानसभा उप चुनाव में भाजपा की बढ़त से कांग्रेस पार्टी बौखलाहट में दिख रही है। नवीं मुंबई में केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम की नींव रखने वाली कांग्रेस अब सस्ती राजनीति के लिए आरोप प्रत्यारोप में जुट गई है। खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केदारपुरी को संवारने में जुटे राज्य के मुख्य सेवक पुष्कर सिंह धामी की लोकप्रियता से कांग्रेस बौखलाहट में दिख रही है। यही कारण है कि कांग्रेस दिल्ली में केदारनाथ मंदिर निर्माण को लेकर झूठी अफवाह फैलाकर माहौल बना रही है। जबकि मुख्यमंत्री धामी ने राज्य गठन के 23 साल बाद कड़ा फैसला लेकर धामों की महत्ता एवं सर्वोच्चता का ख्याल रखते हुए कानून लाया है। अब चारों धाम के नाम के न तो कोई दुरुपयोग कर पाएगा और न ही ट्रस्ट, संस्था या अन्य काम में उपयोग कर पाएंगे। सरकार के इस कड़े कानून से कांग्रेस में भारी बौखलाहट दिख रही और उप चुनाव में निराशा और हताशा के चलते अफवाहें फैलाने का काम कर रही है। कांग्रेस के इस कुचक्र के खिलाफ तीर्थीपुरोहित ने मोर्चा खोलते सरकार के निर्णय की तारीफ की है। केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने कहा कि श्री केदारनाथ धाम के नाम से दिल्ली में कुछ समय पूर्व जो केदारनाथ ट्रस्ट बनाने की तैयारी थी, उसको तीर्थीपुरोहित ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के संज्ञान में लाते ही सरकार ने ऐसे क़ानून लाया कि अब न केवल केदारबाबा बल्कि चारोंधाम के नाम का कोई भी दुरुपयोग नहीं कर सकेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तीर्थ पुरोहितों की भावनाओं का सम्मान करते हुए इस मामले में कैबिनेट में प्रकरण लाते हुए चारधामों के नाम से देश में कहीं भी मंदिर नहीं बनाने को लेकर कड़ा कानून बनाया गया। केदारनाथ के आचार्य संजय प्रसाद ने कहा कि दिल्ली में केदारनाथ नाम से मंदिर बनाये जाने का कोई मामला वर्तमान में है ही नहीं और केवल उप चुनाव के माहौल में राजनीतिक रोटियां सेकी जा रही हैं। उन्होंने कहा कुछ लोग ऐसा कर केवल सरकार को बदनाम करने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि इस मामले में केवल लोगों को भ्रमित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में केदारनाथ धाम और विधानसभा में ऐतिहासिक कार्य हो रहे हैं। केदारनाथ क्षेत्र के आचार्य विनोद शुक्ला ने कहा कि केदारनाथ धाम का मंदिर दिल्ली में बनाये जाने को लेकर राजनीतिक नफा के लिए झूठ फैलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी केदारबाबा के साथ ही चारधाम के विकास को लेकर संकल्पकृत हैं। ऐसे में राजनीति करने वाले झूठ फैलाकर जनता को गुमराह करने में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि नवीं मुंबई में केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम बनाने वाले दिल्ली में केदार शिला ले जाने का झूठ फैला रहे हैं। जबकि ऐसा कभी कुछ हुआ ही नहीं। उन्होंने कहा कि यह सरासर झूठ है और उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि वे इन अफवाहों पर ध्यान न दें। तीर्थ पुरोहित अंकित सेमवाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का धन्यवाद प्रकट करते हुए कहा कि 31 जुलाई को आई आपदा के बाद सरकार ने जिस तेजी के साथ यात्रा का सुरक्षित संचालन कराया है, वह काबिलेतारीफ है। इससे केदारनाथ क्षेत्र में हकहकूक धारियों के साथ ही रोजगार करने वालों को का सरकार के प्रति भरोसा बढ़ा है। सरकार की त्वरित कार्रवाई से यात्रा शुरू हो पाई है। उन्होंने मुख्यमंत्री धामी का आभार जताया कि वह केदारनाथ धाम के साथ ही केदारनाथ विधानसभा के विकास को लेकर कड़े और बड़े फैसले ले रहे हैं। इसका लाभ केदारवासियों को मिल रहा है।