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पहल: दुनिया के 140 देशों तक स्पीड पोस्ट से पहुंचेगा बदरी-केदारनाथ धाम का ‘प्रसाद’

श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति इसी यात्रा सीजन से करेगी शुरुआत
-स्पीड पोस्ट से 72 घण्टे में सात समंदर पार पहुंचेगा धामों का प्रसाद
-मंदिर में चढ़ाने के बाद प्रसाद को भक्तों तक पहुंचाने की अनोखी पहल

संतोष भट्ट, देहरादून

श्री बदरी नाथ-केदारनाथ मंदिर समिति भक्तों को घर बैठे भगवान बदरीविशाल और बाबा केदारनाथ धाम का प्रसाद पहुंचाएगी। इसके लिए डाक विभाग से मंदिर समिति का करार हो गया है। इसी यात्रा सीजन से इसकी विधिवत शुरुआत की जाएगी। समिति प्रसाद को दोनों धामों में चढ़ाने के बाद संपूर्ण भारत के साथ ही दुनिया के 140 देशों में भक्तों तक प्रसाद पहुंचाएगी।


श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति इस यात्रा सीजन में कई नई शुरुआत करने की तैयारी में जुटी है। इसी कड़ी में समिति ने भगवान बदरीनाथ और बाबा केदारनाथ का प्रसाद धामों तक किन्ही कारणों न पहुंच पाने वाले भक्तों तक पहुंचाने की योजना बनाई है। इसके लिए भारतीय डाक विभाग के साथ करार हो गया है। मंदिर समिति के नवनियुक्त सीईओ विजय प्रसाद थपलियाल ने करंटन्यूज़ यूके से बातचीत में बताया कि उनके संज्ञान में आया है कि देश-विदेश में रहने वाले भक्तों को हर साल बाबा केदारनाथ और भूबैकुंठ धाम बदरीनाथ के प्रसाद का इंतजार रहता है। इसके लिए बड़ी संख्या में भक्त धामों तक भी पहुंचते हैं, लेकिन कुछ भक्त आ नहीं पाते हैं। ऐसे में मंदिर समिति ने इसके लिए घर बैठे ही प्रसाद पहुंचाने की व्यवस्था की है। यह व्यवस्था कपट खुलते ही शुरू हो जाएगी। इस सम्बंध में भारतीय डाक विभाग के साथ करार हो गया है। डाक विभाग की स्पीड पोस्ट से प्रसाद देशभर पहुंचने के साथ ही 140 देशों तक भी पहुंचेगा। उन्होंने बताया कि यह प्रसाद धामों में चढ़ाने के बाद और कपाट खुले रहने तक पहुंचाया जाएगा।

प्रसाद की पवित्रता और शुद्धता का ख्याल

मंदिर समिति प्रसाद की पवित्रता और शुद्धता बनाए रखने का पूरा ख्याल रखेगी। इसके लिए स्थानीय फलों पर आधारित प्रसाद तैयार किया जाएगा। प्रसाद भेजने के लिए मंदिर समिति ने विशेष बॉक्स भी बनाया गया है। इसमें प्रसाद सुरक्षित रूप से पहुंचाया जा सकेगा। प्रसाद भेजने की व्यवस्था को विशेष मॉनिटरिंग टीम बनाई जा रही है। ताकि भक्तों तक पहुंचाने वाले प्रसाद में किसी तरह की लापरवाही न बरती जाए।

समिति ने 9 भाषाओं में तैयार किया लिटरेचर

मंदिर समिति ने देशभर और दुनिया में रहने वाले आस्थावान तक बदरीनाथ और केदारनाथ धामों के अलावा समिति के अधिकार क्षेत्र में आने वाले मंदिरों, धार्मिक स्थलों आदि महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचाने को अंग्रेजी, हिंदी के अलावा तमिल, तेलगु, कनाड, मलयालम, गुजराती, मराठी, असमिया, बंगला आदि 9 क्षेत्रीय भाषाओं में लिटरेचर प्रकाशित किया है। ताकि सभी लोगों को देवभूमि के बारे में जानकारी मिल सके।

ग्रीन यात्रा को बढ़ावा देगी समिति

मंदिर समिति इस बार ग्रीन यात्रा पर जोर दे रही है। मंदिर समिति के सीईओ विजय थपलियाल के अनुसार धामों में पॉलीथिन पर पूरी तरह बैन रहेगा, खासकर मंदिर समिति ईको फ्रेंडली बैग और अन्य उपयोगी वस्तुओं को प्राथमिकता देगी। धामों में पहली बार शूज बैग की व्यवस्था की गई है। यात्रियों के जूते चप्पल बैग में रखकर टोकन देकर निश्चित स्टैंड पर नम्बर के अनुसार रखे जाएंगे। इसका फायदा यह होगा कि तीर्थयात्रियों को दर्शन के बाद पुनः प्रवेश वाले स्थान पर नहीं आना पड़ेगा। बल्कि निकासी वाले द्वार के बाद शूज बैग समिति के कर्मचारी पहुंचा देंगे। इससे परिसर में व्यवस्था बनी रहेगी।

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