उत्तराखंडदो टूकपुलिस

राजधानी में थानेदारों और जांचकर्ताओं को एसएसपी की दो टूक, इन कामों में लापरवाही की तो कार्रवाई तय

देहरादून। राजधानी के एसएसपी अजय सिंह का स्मार्ट पुलिसिंग पर फोकस है। इसके लिए सभी थाना प्रभारियों को स्मार्ट पुलिसिंग के गुर सिखाये गए। कहा कि पुलिस को तकनीकी रूप से और अधिक दक्ष बनाकर अपराधों के अनावरण में आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। साथ ही चेतावनी दी कि विवेचना में लापरवाही बरतने वाले विवेचकों के साथ थाना प्रभारी के विरूद्ध भी अब सख्त कार्रवाई की फ़ाइल खुलेगी। इसके अलावा शिकायती प्रार्थना पत्रों को अनावश्यक रूप से लंबित रखने वाले जांचकर्ताओं के साथ-साथ सम्बन्धित थाना प्रभारी भी अब विभागीय कार्रवाई के दायरे में आएंगे।

एसएसपी अजय सिंह ने देर रात अपने दफ्तर में अधीनस्थों के साथ मैराथन बैठक की। कहा कि CRIMAC पोर्टल का अधिक से अधिक इस्तेमाल कर अपराध व अपराधियों के Alert को तत्काल साझा किया जाए। इसके लिए NAFIS SOFTWARE के माध्यम से अपराधियों का डाटा बेस बनाया जा रहा है। एसएसपी ने कहा कि सभी थाना क्षेत्रों में मार्गों पर लगे सीसीटीवी कैमरों गूगल मैपिंग कराकर अपराधों के अनावरण में शामिल किया जा रहा है। सभी थानों में ई-एफआईआर का शत-प्रतिशत पंजीकरण किया जाना सुनिश्चित करें।एसएसपी ने अपराधों की समीक्षा में सख्त तेवर दिखाते हुए कहा कि विवेचना में लापरवाही बरतने वाले विवेचकों के साथ थाना प्रभारी के विरूद्ध भी सख्त कार्यवाही होगी तथा जांच की फ़ाइल खुलेगी। थाना और चौकी स्तर पर शिकायती प्रार्थना पत्रों को अनावश्यक रूप से लंबित रखने वाले जांचकर्ताओं के साथ-साथ सम्बन्धित थाना प्रभारी के खिलाफ भी विभागीय कार्यवाही के दायरे में लाया जाएगा।

एसएसपी ने नशा तस्करों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही के लिए नगर व देहात क्षेत्र के लिए स्पेशल टीमें बनाते हुए नगर व देहात एसओजी प्रभारी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके लिए पीसी पीएनडी एक्ट में प्रभावी कार्यवाही के लिए अलग-अलग थाना क्षेत्रों से 10 उपनिरीक्षकों को कार्यालय में सम्बद्ध किया गया है। ताकि नशा तस्करों द्वारा अर्जित अवैध सम्पत्ति पर प्रभावी कार्यवाही की जा सके।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा पुलिस कार्यालय देहरादून में जनपद देहरादून के समस्त राजपत्रित अधिकारियों एवं थाना प्रभारियों के साथ मासिक अपराध गोष्ठी की गई।गोष्ठी में उपस्थित अधिकारियों को निम्न दिशा-निर्देश दिये गये।

1- वर्तमान परिदृश्य में हाइटेक होते अपराधियों पर अंकुश लगाने हेतु हमेशा उनसे एक कदम आगे रहना पुलिस विभाग की अनिवार्यता बन गया है। इसके लिये अपराधों के अनावरण में परम्परागत तरीकों के साथ-साथ नवीनतम आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल आवश्यक हो गया है। सभी थाना प्रभारी यह सुनिश्चित करें कि अपराधों के अनावरण हेतु SMART TECHNOLOGY का अधिक से अधिक इस्तेमाल सुनिश्चित किया जाये।
2- भारत सरकार द्वारा लांच किये CRIMAC पोर्टल के समबन्ध में जानकारी दी गयी, जिसमें किसी भी क्षेत्र में घटित अपराध की सूचना अपलोड करने पर उक्त अपराध की जानकारी को आस-पास के क्षेत्रो व अन्य राज्यों से तत्काल साझा किया जा सकता है, साथ ही उक्त अपराध की प्रवृत्ति से मिलते जुलते अपराधों व उसमें लिप्त अपराधियो के सम्बन्ध में अन्य जनपदो/राज्यो की पुलिस से समन्वय स्थापित करते हुए अपराध के अनावरण में तत्काल सहायता प्राप्त की जा सके। सभी थाना प्रभारी अपने थाना क्षेत्र में घटित अपराधो का विवरण CRIMAC पोर्टल पर अनिवार्य रूप से अपलोड करना सुनिश्चित करें, जिससे किसी भी अपराध के घटित होने पर तत्कालिक रूप से आस पास के थानाक्षेत्रों व सीमावर्ती जनपदों/राज्यों में अलर्ट किया जा सके।
3- सभी थाना प्रभारी अपने थाना क्षेत्रो में घटित अपराधो में गिरफ्तार किये गये अपराधियों के फिंगर प्रिंट अनिवार्य रूप से NAFIS SOFTWARE में अपलोड करना सुनिश्चित करें, जिससे सभी अपराधियों का डाटा बैंक तैयार किया जा सके तथा भविष्य में उनके द्वारा किसी भी अपराध को कारित करने की स्थिती में साफ्टवेयर की सहायता से उनकी तात्कालिक रूप से पहचान की जा सके।
4- जनपद के सभी थाना क्षेत्रो स्थापित ऐसे सीसीटीवी कैमरे जो रोड फेसिंग हैं उनकी गूगल मैपिंग के माध्यम से लिंक किया जा रहा है, जिससे किसी अपराध के घटित होने पर सम्बन्धित घटना स्थल व उसके आस-पास के कैमरों तक पुलिस की पहुंच आसान हो सके तथा अपराध का समयबद्ध अनावरण सुनिश्चित किया जा सके। सभी थाना प्रभारी अपने-अपने थाना क्षेत्रों में ऐसे सभी सीसीटीवी कैमरों की शत-प्रतिशत गूगल मैपिंग कराना सुनिश्चित करेंगे।
5- सभी थाना प्रभारी E- FIR का शत प्रतिशत पंजीकरण सुनिश्चित करेंगें, इसमें किसी भी प्रकार की कोताई अथवा लापरवाही बर्दास्त नहीं की जाएगी।
6- सम्पत्ति सम्बन्धी अपराधों की थानावार समीक्षा के दौरान सभी थाना प्रभारियों को कडे निर्देश दिये गये कि धोखाधडी से सम्बन्धित अभियोगों को अनावश्यक रूप से लम्बित रखने पर सम्बन्धित विवेचक के साथ-साथ थाना प्रभारी की जवाबदेही तय करते हुए उसके विरूद्ध भी जांच खोलते हुए कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।
7- सभी थाना प्रभारियों को गौकशी, पशु क्रूरता तथा अवैध पशु कटान में लिप्त अपराधियों के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये, साथ ही स्पष्ट किया कि उक्त पृवृत्ति के अपराधो को किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। यदि किसी थाना क्षेत्र में अवैध रूप से पशु कटान, गौकशी या अवैध मांस की बिक्री से सम्बन्धित शिकायतें प्राप्त होती हैं तो सम्बन्धित थाना प्रभारी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।
8- नशा तस्करों के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई के लिए नगर व देहात क्षेत्र में स्पेशल टीमें बनाई गई है जो नगर व देहात एस0ओ0जी0 प्रभारी के अधीन कार्य करेंगी।
9- नशा तस्करों द्वारा अवैध रूप से अर्जित की गई संपत्ति के जब्तीकरण की कार्रवाई को पिट एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रभावी रूप अमल में लाने के लिए विभिन्न थानों से 10 उपनिरीक्षकों को पुलिस कार्यालय सम्बद्ध किया गया है ।

 

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