उद्योगपतियों को आमंत्रित करने सात समंदर पार जाएगी उत्तराखंड सरकार, इन देशों का है कार्यक्रम

देहरादून। उत्तराखंड में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में विदेशी इन्वेस्टर्स भी शामिल होंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार खुद सात समंदर पार विदेशी उद्योगपतियों को आमंत्रित करने जाएगी। इस माह के अंत में सरकार का शिष्टमंडल यूरोप के देशों के भ्रमण पर जाएगा। जहां उद्योगपतियों को देवभूमि में उद्योग लगाने का आमंत्रण दिया जाएगा।
गौरतलब है कि भारत और उत्तराखंड के प्रमुख सिडकुल(औद्योगिक क्षेत्र) में विदेशी कम्पनियों का दबदबा है। इसका फायदा राज्य को राजस्व के अलावा रोजगार में मिलता है। अभी तक सिडकुल में काम करने वाली विदेशी कम्पनियां एजेंट या फिर एनआरआई के मार्फ़त काम कर रही है। लेकिन अब सरकार की मंशा है कि विदेशी कम्पनियों को सीधा आमंत्रित कर उनको राज्य में उद्योग लगाने में मिलने वाली सुविधाओं एवं बाज़ार की जानकारी दी जाएगी। सूत्रों का कहना है कि उत्तराखंड में रोजगार औऱ निवेश के लिहाज से राज्य के मुखिया युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार का शिष्टमंडल विदेशों में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट कार्यक्रम आयोजित कर विदेशी उद्योगपतियों को उत्तराखंड में उद्योग लगाने को आमंत्रित करेंगे। गौरतलब है कि उत्तराखंड में दिसंबर माह में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट प्रस्तावित है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शिरकत करेंगे। ऐसे में निवेशकों को आमंत्रित करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लंदन, दुबई, आबूधाबी, समेत अन्य देश जाएंगे। लंदन में 25 से 28 सितंबर तथा अन्य देशों में अक्टूबर तक इन्वेस्टर्स समिट को लेकर उद्योगपतियों, एनआरआई के साथ बड़ी सेमिनार, बैठकें, रोड शो होगा। इसके लिए कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत के अअलावा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय, डीजी इंडस्ट्री रोहित मीणा,डीजी सूचना बंशीधर तिवारी आदि के नाम सीएम धामी के साथ जाने के लिए प्रस्तावित हैं।
राज्य सरकार 25 सालों के रोडमैप को ध्यान में रखते हुए कर रही कार्य
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राजपुर रोड स्थित एक होटल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 के लिए आवासीय परियोजनाओं एवं अन्य विषयों पर रियल एस्टेट इन्वेस्टर के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिसम्बर 2023 में प्रस्तावित इन्वेस्टर समिट राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। राज्य की आर्थिकी को बढ़ाने में निवेश सम्मेलन अहम भूमिका निभायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अगले 25 सालों के रोडमैप को ध्यान में रखते हुए कार्य कर रही है। विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े निवेशकों से लगातार संवाद किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए नई नीतियां बनाई जा रही है। राज्य में उद्योगों के हित में 27 नई नीतियां बनाई गई हैं। सिंगल विंडो सिस्टम को और प्रभावी बनाया जा रहा है। नीतियों के सरलीकरण की दिशा में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट के सबंध में जो भी सुझाव आज प्राप्त हुए हैं, उन सुझावों को आगे की कार्ययोजना में शामिल किया जायेगा। उन्होंने कहा कि उद्योग जगत से जुड़े लोगों से समय-समय पर जो सुझाव प्राप्त हुए हैं, उन सुझावों को ध्यान में रखते हुए नीतियां बनाई गई है। जो भी सुझाव प्राप्त हो रहे हैं, उन पर तात्कालिक रूप से जो कार्य हो सकते हैं, वे कार्य किये जायेंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में निवेशकों का रूझान तेजी से बढ़ रहा है। निवेश के लिए देवभूमि उत्तराखण्ड में अनुकूल माहौल है। सड़क, रेल और हवाई कनेक्टिविटी का राज्य में तेजी से विस्तार हो रहा है। औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े लोगों का आकर्षण तेजी से राज्य में बढ़ा है।कैबिनेट मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल ने कहा कि राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में नीतियां निवेश के अनुकूल बनाई जा रही हैं। 2025 तक उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों के श्रेणी में लाने के प्रयास किये जा रहे हैं। इस इन्वेस्टर समिट की बैठकें उत्तराखण्ड के अलावा देश के विभिन्न राज्यों एवं विदेशों में भी प्रस्तावित हैं। रियल एस्टेट के क्षेत्र में निवेश की अनेक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के समग्र विकास के लिए हम सबको अपना योगदान देना होगा। इस अवसर पर रेरा के अध्यक्ष रबिन्द्र पंवार, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनंद बर्द्धन, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, एस.एन. पाण्डेय, उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी एवं रियल एस्टेट से जुड़े निवेशक उपस्थित थे।