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उत्तराखंड में यूसीसी पर एसएसपी की ‘क्लास’, महिला सशक्तिकरण से लेकर व्यक्तिगत कानूनी अधिकार पर कह दी ये बातें

देहरादून। राज्य में लागू हुए यूसीसी कानून को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच राजधानी के एसएसपी अजय सिंह ने ग्राफिक एरा में आयोजित कार्यशाला में प्रतिभाग किया। इस दौरान एसएसपी ने उपस्थित छात्र, छात्राओ को सम्बोधित करते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण व व्यक्तिगत कानूनी अधिकारों के संरक्षण के लिए यूसीसी कानून बेहद कारगर है। एसएसपी ने उपस्थित छात्र-छात्राओं के प्रश्नों के उत्तर देकर उनकी शंकाओ को भी दूर किया है। जबकि छात्र-छात्राओं से यूसीसी के प्रति आम लोगों को जागरूक करने का भी आह्वन किया है।

राजधानी के प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ग्राफिक एरा में सोमवार को  “यूसीसी” कानून पर आयोजित कार्यशाला में एसएसपी देहरादून द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यशाला के दौरान अपने सम्बोधन में उपस्थित छात्र/छात्राओं को सम्बोधित करते हुए एसएसपी दून द्वारा बताया गया कि उत्तराखण्ड यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य है। महिला सशक्तिकरण व नागरिकों के व्यक्तिगत कानूनी अधिकारों का संरक्षण के बारे मे जागरूक करते हुए समय के साथ समाज में नये ट्रेंड्स आने पर, इन बदलावों को ध्यान में रखकर राज्य में यूनिफार्म सिविल कोड लागू किया गया है। कार्यशाला में छात्र-छात्राओं के यूसीसी से जुड़े प्रश्नों के उत्तर देते हुए एसएसपी दून द्वारा बताया गया कि यह कानून लिंग, धर्म या समुदाय के आधार पर भेदभाव नहीं करता और सुनिश्चित करता है कि इसके दायरे में आने वाले हर व्यक्ति को समान रूप से व्यक्तिगत व कानूनी अधिकार मिले। यह मुख्य रूप से शादी, तलाक, उत्तराधिकार व अन्य मुद्दों से सम्बन्धित मामलों में लागू होगा। इससे किसी भी व्यक्ति की प्राईवेसी पर प्रभाव नहीं पड़ेगा ।

कार्यक्रम में दौरान एसएसपी दून द्वारा उपस्थित छात्र-छात्राओं से यूसीसी के प्रति लोगों को जागरूक करने का आह्वान किया। साथ ही युवाओं को यूसीसी के प्रति जागरूक करने तथा उनके मन में उठ रही शंकाओं के समाधान हेतु कार्यशाला का आयोजन करने के लिये ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स की प्रशंसा की। उक्त कार्यशाला में ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स के चेयरमैन डॉ कमल घनशाला, संयुक्त निदेशक विधि जीसी पंचोली, विशेष लोक अभियोजक पंकज राज व ममता मानादूली, ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. नरपिन्दर सिंह, सहायक अभियोजन अधिकारी भानु प्रताप बिष्ट तथा विभिन्न विभागों के शिक्षक-शिक्षिकाएं और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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