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उत्तराखंड में भ्रष्टाचार पर धामी सरकार की सबसे बड़ी कार्रवाई, विजिलेंस ने आईएएस अफसर को देर रात किया गिरफ्तार

देहरादून। उत्तराखंड में धामी सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे आईएएस अधिकारी राम बिलास यादव पर बड़ी कार्रवाई की है। विजिलेंस की जांच से गुजर रहे आईएएस अफसर यादव को सरकार ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। देर रात विजिलेंस ने यादव को गिरफ्तार कर लिया है। इधर, पटवारी भर्ती घोटाला और कुछ साल पहले एनएच घोटाले के बाद किसी आईएएस के निलंबन के खिलाफ यह राज्य में तीसरी बड़ी कार्रवाई है। जबकि राज्य बनने के बाद जेल जाने में आईएएस अफसरों में यादव का पहला नाम शामिल हो गया। सूत्रों का कहना कि यादव जैसे कुछ और अफसरों पर भी सरकार जल्द कार्रवाई कर सकती है। इसके लिए भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे अफसरों की कुंडली खंगाली जा रही है।

उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड आये आईएएस राम बिलास यादव खुद के जाल में फंसता नज़र आ रहा है। समाज कल्याण विभाग में करोड़ों की छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपियों को बचाने वाले राम विलास अब अपने जाल में फंस गए हैं। विजिलेंस जांच में यादव की देहरादून से दिल्ली तक करोडों की संपति सामने आ चुकी है। उत्तराखंड में कुछ साल में ही यादव ने कई कोठियां और प्रॉपर्टी खरीदी है।इससे अंदाजा लगाया जा सकता कि यादव ने किस तरह से भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है। इधर, विजिलेंस में मुकदमा दर्ज होने तथा यादव के ठिकानों पर विजिलेंस की छापेमारी में करोड़ों रुपये की संपति सामने आने पर विजिलेंस ने गत दिवस यादव को पूछताछ के लिए बुलाया था। विजिलेंस ने यादव से कड़ी पूछताछ कर करोड़ों की संपति को लेकर सवाल जवाब किए हैं। इसके बाद सरकार ने भी यादव के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए गुरुवार को निलंबित करने के आदेश दिए थे। इसके बाद देर रात यादव को गिरफ्तार कर लिया है। आज यादव को कोर्ट में पेश किया जाएगा। जहां से यादव का जेल जाना लगभग तय है। उधर, आईएएस रामबिलास यादव की गिरफ्तारी के बाद भ्रष्टाचार से जुड़े अफसरों में हड़कंप मचा है।

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