उत्तराखंडदो टूकसरकार का फैसला

उत्तराखंड में सबसे बड़ा नकल विरोधी कानून, जमीन कब्जाने वालों पर कड़ी कार्रवाई, यूसीसी पर जल्द लगेगी मुहर

देहरादून। जबरन धर्म परिवर्तन संज्ञेय एवं गैर जमानती होगा। इसमें 2 से 7 साल तक जेल और 25 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है। यही नहीं राज्य में देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। राज्य में सरकारी नौकरियों में व्याप्त भ्रष्टाचार का न केवल राज्य सरकार ने खुलासा करते हुए कईयों को जेल की सलाखों के पीछे धकेला बल्कि राज्य का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून भी लागू किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सरकारी ज़मीनों और निजी ज़मीनों पर अवैध क़ब्ज़े के विरुद्ध सख़्त अभियान चलाया जा रहा है। अब तक 2700 एकड़ से ज्यादा वन भूमि से अवैध क़ब्ज़े हटाये गये हैं। यह अभियान लगातार जारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अल्पसंख्यक विरोधी नही अतिक्रमण विरोधी हैं। धर्म समाज में संस्कार तिरोहित कर स्वयं और समाज को संयमित करने के लिए होता हैं। धर्म की आड़ में हम अराजकता या अतिक्रमण करने की छूट किसी को नहीं दे सकते। उत्तराखंड में अब अतिक्रमण का संक्रमण काल समाप्त हो चुका हैं । उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का मुखिया होने के नाते उन्हें जो ज़िम्मेदारियाँ मिली हैं, उन्हें सुअवसर मानकर वह अपना बेस्ट देने का प्रयास कर रहे हैं।

भारी बारिश के कारण प्रदेश को हुए नुकसान का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आप सभी लोगों से पहाड़ी राज्यों में बारिश की विभीषिका से उत्पन्न हुआ संकट छुपा नही हैं । देवभूमि उत्तराखंड और पड़ोसी राज्य हिमाचल में हुई तबाही में आहत हुए परिवारों के प्रति वे अपनी संवेदना प्रकट करते हैं। उन्होंने कहा कि बाबा केदार हमें इस संकट में पुनः पूरी मज़बूती से खड़े होकर पुनर्निर्माण की शक्ति दें वे ऐसी प्रार्थना करते हैं। साथ ही उत्तराखंड की देवतुल्य जनता को वे आश्वस्त करते हैं कि उनका यह मुख्य सेवक उनकी हर परेशानी में उनके परिवार के सदस्य की तरह उनका सहयोगी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वे बोलने पर नही करने पर विश्वास रखते है। अति वृष्टि और भू स्खलन जैसी समस्याओं से निपटने के लिए हर संभव प्रयास त्वरित गति से पीड़ितों के बीच पहुँचाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी पूरी सरकार हर पीड़ित के साथ अपने संसाधनों के साथ खड़ी है।

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