
देहरादून। उत्तराखंड के युवा लोकगायक रजनीकांत सेमवाल ने पहाड़ की लोक संस्कृति और विरासत को संजोए “दिशा दांगुड़ी” गीत की शानदार प्रस्तुति दी है। यूट्यूब और सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म पर यह गीत रिलीज हो गया है। लोक संस्कृति और पहाड़ की रीति रिवाजों को दर्शाता यह गीत सात बहिनों और एक भाई की कहानी पर आधारित है। इस गीत का फिल्मांकन उत्तरकाशी के प्रसिद्ध दयारा बुग्याल, रैथल गांव और मां गंगा के शीतकालीन निवास मुखबा गांव के सेलकु मेले में किया गया। रजनीकांत बताते हैं कि लोकगाथा पर आधारित यह गीत सात बहिनों और एक भाई की कहानी है। यह भाई-बहन खेतों में काम करते वक्त तेज बारिश से बचने को पथर के शेड यानी उड़ार में जाते हैं, जहां सभी दबकर मर जाते हैं। बाद में ये सभी मातरी यानी वन देवी देवता बन जाते हैं। आज भी इनकी कहानी उस क्षेत्र में गीतों और नृत्यों में सुनने और देखने को मिलती हैं। रजनीकांत ने उसी कहानी को अपने गीत में बोल देकर युवाओं और उत्तराखंड के हजारों प्रशंसकों का दिल जीता है। आज गीत रिलीज होते ही यूट्यूब से लेकर अन्य सोशल प्लेटफार्म पर धूम मचा रहा है। इस गीत में रजनीकांत के साथ प्रतीक्षा बमराडा ने साथ दिया है।