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उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पुलिस को एफिडेविट जमा करने में दी बड़ी राहत, अब तक सवा करोड़ की बचत

देहरादून। उच्च न्यायालय नैनीताल उत्तराखंड, के निर्देशानुसार के बाद राज्य में पुलिस विभाग को कोर्ट में एफिडेविट जमा करने में बड़ी राहत मिली है। अब पुलिस के इन्वेस्टीगेशन ऑफिसर को एफिडेविट जमा करने को कोर्ट में उपस्थित नहीं होना पड़ेगा। बल्कि एक क्लिक से ऑनलाइन सभी दस्तावेज कोर्ट में जमा हो सकेंगे। इससे पुलिस के जांचकर्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी।

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पुलिस विभाग को कोर्ट में मुकदमे से सम्बंधित एफिडेविट जमा करने में ऑनलाइन सुविधा दी है। अब ऑनलाइन ई-रिट पोर्टल के माध्यम से जांच अधिकारी प्रतिवेदन पत्र दाखिल करने की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। इसका उद्देश्य पुलिस कर्मियों के कार्य में सहूलियत प्रदान करना और न्यायिक प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता एवं गति लाना है। प्रथम चरण में यह सुविधा देहरादून जनपद में और द्वितीय चरण में हरिद्वार जनपद में लागू की गई थी। वर्तमान में यह सुविधा राज्य के सभी जनपदों के लिए उपलब्ध है, जिसके माध्यम से पुलिसकर्मी ई-रिट पोर्टल का उपयोग करते हुए उच्च न्यायालय में प्रतिवेदन पत्र दायर कर सकते हैं।

1257 शपथपत्र से सवा करोड़ की बचत

माह जुलाई 2023 से सितंबर 2024 तक, पुलिस विभाग द्वारा ई-रिट पोर्टल के माध्यम से लगभग 1257 प्रतिशपथ पत्र उच्च न्यायालय में दायर किए गए हैं। इस प्रक्रिया के माध्यम से लगभग 21,36,900 रुपये की राशि दैनिक/यात्रा भत्तों के रूप मे बचत की गयी है, जो कि पुलिस विभाग द्वारा पोर्टल के उपयोग में हो रही बढ़ोतरी को दर्शाता है। सामान्यतः एक विवेचक को उच्च न्यायलय में प्रतिशपथ पत्र दाखिल करने मे 03 दिवस का समय लगता था। नई प्रणाली से पुलिसकर्मियों को अपने केस संबंधी दस्तावेज सीधे ऑनलाइन जमा करने की सुविधा मिली है, जिससे वे अपनी ड्यूटी के दौरान समय की बचत कर रहे हैं और कार्य को सुगमता से पूरा कर रहे हैं। एक विवेचक औसतन रू 3000 प्रतिदिन वेतन प्राप्त करता है। इस प्रकार 1257 प्रतिशपथ पत्र आनलाइन दाखिल करने से लगभग रू 1,13,13,000 का अपव्यय भी रोका गया ।

ई-रिट पोर्टल की विशेषताएँ

1. ऑनलाइन प्रक्रिया – पुलिस कर्मियों को अब प्रतिशपथ पत्र दाखिल करने के लिए कोर्ट आने की आवश्यकता नहीं है। वे थाने से ही ई-रिट पोर्टल के माध्यम से दस्तावेज दायर कर सकते हैं, जिससे उनकी ड्यूटी में व्यवधान कम होता है।

2. समय एवं संसाधनों की बचत – ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से पुलिसकर्मी अब लंबी यात्राओं और कागजी दस्तावेज़ों की आवश्यकता से मुक्त हो गए हैं, जिससे समय और संसाधनों की बचत हो रही है।
3. पारदर्शिता और दक्षता – ई-रिट पोर्टल से पुलिस विभाग में केस की स्थिति की नियमित जानकारी उपलब्ध होती है, जिससे कार्य में पारदर्शिता एवं दक्षता बनी रहती है।

पुलिस अधिकारियों के लिए निर्देश:

सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे ई-रिट पोर्टल की प्रक्रिया को समयबद्ध, पारदर्शी और सुगम बनाए रखने में अपनी पूरी भूमिका निभाएँ। सभी थानों में कर्मियों को इस प्रणाली का प्रयोग करने हेतु आवश्यक जानकारी एवं प्रशिक्षण प्रदान किया जाए। अधिकारियों से अपेक्षा की जाती है कि वे उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हुए न्यायिक प्रक्रिया को और अधिक कुशल बनाएं। उत्तराखंड पुलिस विभाग का उद्देश्य ई-रिट पोर्टल के माध्यम से सभी पुलिस कर्मियों को सुविधा प्रदान करना है ताकि वे अपने कार्य को सरलता, पारदर्शिता और तेजी के साथ कर सकें। इस डिजिटल प्रक्रिया के माध्यम से पुलिस विभाग का न्यायालय के साथ समन्वय और बेहतर हुआ है, जिससे विभागीय कार्यों में सहजता और गति प्राप्त हो रही है।

 

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