दवा । दिल्ली टूर से उत्तराखंड मुख्यमंत्री सचिवालय सचिवालय। यहां लगातार जारी बारिश और आपदा से हुए नुकसान की जानकारी से ली गई जानकारी। इसके अलावा आपदा प्रबंधन एवं धारावाहिक योजना पर चर्चा कर जल्द ही ठोस नीति बनाने की बात कही। इस दौरान सीएम ने टीम के सदस्यों पर भी गहरी उदासी जाहिर की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज सुबह ही दिल्ली से निकले हैं। यहां प्रदेश में भारी बारिश से हो रही भारी बारिश से हो रहे नुकसान को लेकर सीएम खासे चिंतित हैं। मुख्यमंत्री दिल्ली से वापसी के बाद सीधे सचिवालय आपदा नियंत्रण कक्ष। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से की चर्चा, आपदा से हुए नुकसान की जानकारी ली। इस मौक़े पर बद्रीनाथ राजमार्ग, भूस्खलन हादसे, समेत प्रदेश के अन्य इलाक़ों में बारिश से हुए नुकसान की जानकारी ली। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आपदा से होने वाले नुकसान से हर जिले में हर हाल में तेजी से काम किया जाएगा। विशेष रूप से प्रभावशाली प्रभावितों की कहानियों को ठोस नीति तैयार करने के बारे में कहा गया है। इस नीति में स्थानीय प्रभावितों को भी शामिल करने के लिए अपनी सलाह दें। इसके अलावा आपदा से हुई क्षति के बारे में चेतावनी देने वाले अधिकारियों के निर्देश दिए गए हैं।
पुनर्वास एवं प्रशिक्षण के साथ अनाथ बच्चों की शिक्षा को बने योजना
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली से वापस आते ही सचिवालय स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र पहुंचकर प्रदेश में हो रही अतिवृष्टि एवं नुकसान की अधिकारियों से जानकारी ली। उन्होंने जिलाधिकारी टिहरी एवं पौड़ी से फोन पर वार्ता कर इन जनपदों में हुए नुकसान की जानकारी ली। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि अगले दो दिनों में राज्य के अधिकांश जनपदों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि मौसम विभाग के पूर्वानुमान को दृष्टिगत रखते हुए जिला प्रशासन को अलर्ट मोड पर रखें एवं सभी सहयोगी संस्थाओं से निरन्तर समन्वय बनाये रखें। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि जनपदों में खाद्यान से संबंधित सभी वस्तुओं के साथ ही दवाओं की भी पर्याप्त उपलब्धता रखी जाएं। शासन के उच्चाधिकारियों एवं सचिव आपदा प्रबंधन को भी जिलाधिकारियों से निरन्तर समन्वय बनाये रखने के मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिवृष्टि से प्रदेश में बहुत लोग प्रभावित हुए हैं। कुछ लोगों ने अपने परिवार के लोगों को खोया है। काफी लोग बेघर हुए हैं। ऐसे लोगों के लिए जल्द ही एक योजना लाई जा रही है। बेघर हुए लोगों को पुनर्वास की व्यवस्था, उनके रोजगार के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की जायेगी। जिन बच्चों ने इस आपदा में अपने माता-पिता को खो दिया है, उन बच्चों के लिए शिक्षा का इस योजना के तहत प्रबंध किया जायेगा। अतिवृष्टि के कारण प्रदेश में आपदा की स्थिति है। सड़कों, पुलों, मकानों, फसलों, बिजली एवं पानी की लाईनों का भी काफी नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा राज्य में अतिवृष्टि से एक हजार करोड़ से भी अधिक की परिसम्पति का प्रदेश को नुकसान हुआ है। भारत सरकार की टीम ने राज्य में हो रहे नुकसान का प्रारंभिक रूप में सर्वे भी किया है। आपदा से हो रहे नुकसान का आकलन करने के लिए राज्य सरकार से भी भारत सरकार को पत्र भेजा रहा है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव शैलेश बगोली, सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण रिद्धिम अग्रवाल, अपर सचिव सविन बंसल एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।