Uttarakhandउत्तराखंडचारधाम यात्रा

तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने शीतकालीन चारधाम यात्रा पर जताया सरकार का आभार

-मुख्यमंत्री धामी को 16 दिसंबर को ज्योतिर्मठ आने का दिया न्योता
-सरकार की अभिनव पहल का तीर्थपुरोहितों ने किया अभिनन्दन
-बोले, सीजन में दर्शन से वंचित श्रद्धालुओं को शीतकालीन यात्रा से मिलेगा लाभ
-चारों धाम के शीत निवास से लेकर प्रमुख पड़ावों का होगा विकास
-शीतकालीन यात्रा से स्थानीय लोगों और कारोबारियों को मिलेगा लाभ

देहरादून। उत्तराखंड चारधाम तीर्थपुरोहित महापंचायत ने धामी सरकार द्वारा शीतकालीन यात्रा शुरू करने का स्वागत किया है। महापंचायत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार जताते हुए कहा कि शीतकालीन यात्रा राज्य की आर्थिकी और स्थानीय लोगों की आजीविका का बड़ा आधार बनेगी। साथ ही देवभूमि से सनातन धर्म का संदेश देश दुनिया तक पहुंचेगा।

उत्तराखंड चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने गुरुवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर शीतकालीन यात्रा की अभिनव पहल पर आभार जताया। महापंचायत ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी वास्तव में धर्म रक्षक हैं। शीतकालीन चारधाम यात्रा से मुख्यमंत्री ने देवभूमि से सनातन धर्म की रक्षा का संदेश दे दिया है। कहा कि शीतकालीन यात्रा जहां धार्मिक आस्था और धामों के प्रति देश-दुनिया से आने वाले तीर्थयात्रियों के दर्शन से जुड़ी है। वहीं, देवभूमि से दुनिया तक आस्था का प्रवाह पहुंचाने में बड़ा कदम है। महापंचायत ने मुख्यमंत्री धामी की इस पहल को तीर्थपुरोहितों, होटल, ढाबा व्यवसायियों समेत यात्रा से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हजारों लोगों की आर्थिकी और आजीविका का आधार बताया है। इससे जहां स्थानीय लोगों को वर्षभर रोजगार मिलेगा। वहीं, धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों और प्रमुख पड़ावों का भी विकास होगा। महापंचायत ने मुख्यमंत्री धामी को 16 दिसंबर को जोशीमठ में ज्योतिषपीठ के आदि शंकराचार्य द्वारा शीतकालीन यात्रा को लेकर आयोजित कार्यक्रम में भी आमंत्रित किया है। कहा कि शीतकालीन यात्रा का निर्णय निश्चित ही राज्य के विकास में मील का पत्थर साबित होगा।
इस दौरान महापंचायत के सदस्यों और पंडा पुजारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि उत्तराखण्ड के चारों धामों यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ एवं बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद होने के बाद इन धामों की शीतकालीन पूजा, मां यमुना की खरसाली (खुशीमठ), मां गंगा की मुखवा (मुखीमठ), केदारनाथ की पूजा ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ एवं उद्धव व कुबेर की पूजा पांडुकेश्वर तथा शंकराचार्य के गद्दी स्थल ज्योतिर्मठ के नृसिंह मंदिर में की जाती है।
इस अवसर पर चारधाम महा पंचायत के अध्यक्ष एवं गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल,महापंचायत के महासचिव बृजेश सती, मीडिया प्रभारी रजनीकांत सेमवाल, गंगा पुरोहित सभा के अध्यक्ष संजीव सेमवाल, निखिलेश सेमवाल, अनिरुद्ध उनियाल, जगमोहन उनियाल, उमेश सती, प्रशांत डिमरी आदि उपस्थित थे।

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