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राजधानी में 50 बीघा जमीन पर दर्ज 49 तालाब और जोहड़ों को तलाशने की मुहिम

देहरादून। राजधानी देहरादून में सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज होने के बावजूद अतिक्रमण और अन्य कारणों से गायब हो गए करीब 49 तालाब, जोहड़ और जलमग्न जमीनों की तलाश की मुहिम शुरू हो गई है। करीब 50 बीघा से ज्यादा जमीनों पर दर्ज इन तलाबों को जल संरक्षण की दृष्टि से तलाशने को लेकर हिमालय पर्यावरण जड़ी बूटी एग्रो संस्थान जाड़ी ने डीएम को पत्र लिखकर जांच की मांग की है। साथ ही डीएम को राजधानी के अलग अलग क्षेत्रों में स्थित इन स्थानों की सूची सौंपते हुए जल वर्ष 2025 की मुहिम को सफल बनाने की मांग की है।

राजधानी देहरादून के नगर निगम सीमा में करीब 13 अलग अलग क्षेत्रों में श्रेणी 6(1) की भूमि पर 49 तालाब, जोहड़, जलमग्न स्थान दर्ज हैं। सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज इन स्थानों पर मौजूद जमीन की माप करीब 50 बीघा से ज्यादा है। लेकिन वर्तमान में यह स्थान या तो गायब हो गए या फिर अतिक्रमण की जद में आ गए हैं। ऐसे में जल संकट की चुनौती के समाधान के लिए राज्य में काम कर रही सामाजिक संस्था हिमालय पर्यावरण जड़ी बूटी एग्रो संस्थान जाड़ी ने ‘वर्ष 2025 को जल वर्ष’ के रूप में मनाने के साथ ही इन स्थानों की तलाश की मुहिम शुरू कर दी है। इसके लिए संस्था ने देहरादून के तालाबों एवं जोहड़ को अतिक्रमण से मुक्ति दिलाने के लिए जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए राजधानी के तालाबों, झीलों, प्रकृतिक जल स्रोतो को अतिक्रमण से मुक्त करवाने के मांग की है। साथ ही सरकार एवं समाज से आग्रह किया जा रहा है कि कल के लिए जल मुहिम में इन स्थानों की अहम भूमिका रहेगी। ऐसे में राजस्व के रिकार्ड में दर्ज 49 तालाब, जोहड़ की तलाश कर उनको संरक्षित किया जाए। इसकी सूची भी डीएम को सौंपी गई है। जल सरक्षन के ब्रांड एम्बेसडर द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने कहा की पानी को बचाने के लिए कड़े निर्णय लेने की आवश्यकता है। इसमें मानवीय अतिक्रमण के अलावा सीमेंट से भी प्राकृतिक जल स्रोत, तालाबों को मुक्त करना अतिआवश्यक है, ताकि कल के लिए जल की इस मुहिम को बल मिल सके। उन्होंने सरकारी योजनाओं में प्राकृतिक जल स्रोतो, तालाबों, धारो, तालाबों, नोलो आदि पर सीमेंट का प्रयोग प्रतिबंधित किए जाने की मांग उठाई है। उन्होंने यह भी कहा कि ‘जल वर्ष 2025’ को मनाने का उद्देश्य इन प्रयासों को राज्यव्यापी अभियान में बदलना है, जिससे हर नागरिक जल संरक्षण में अपना योगदान दे सके।

इन स्थानों पर 6(1) श्रेणी की जमीन

अजबपुर कलां, अधोइवाला, कांवली, नथुवावाला, निरंजनपुर, ब्राह्मणवाला, माजरा, मेंहूवाला,मोथरोवाला, लाडपुर, सेवला खुर्द, हरबन्सवाला, हर हरबजवाला आदि क्षेत्रों में करीब 49 तालाब, जोहड़, जलमग्न भूमि सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज है। लेकिन यहां कुछ स्थानों पर ही नाममात्र के तालाब और जलमग्न जमीनें मौजूद हैं।

 

 

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