उत्तराखंडजमीन फर्जीवाड़ा

सुप्रीम कोर्ट के वकील ने की रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में जेल गए वकील कमल विरमानी की पैरवी, जमानत पर कोर्ट का फैसला सुरक्षित

देहरादून। उत्तराखंड में करोड़ों की जमीनों की फर्जी रजिस्ट्री के आरोप में गिरफ्तार देहरादून के नामी वकील कमल बिरमानी की जमानत याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट से आये वरिष्ठ वकील ने पैरवी की। इस दौरान जिला जज प्रदीप पंत ने करीब दो घण्टे से ज्यादा बहस सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया है। अब जमानत को लेकर कोर्ट के अंतिम फैसले पर सभी की निगाहें लगी हुई है।

राजधानी में कोरोना काल और अन्य दिनों में जमीन फर्जीवाड़े के बड़े गैंग ने प्लानिंग से दूसरों की जमीनों के फर्जी दस्तावेज बनाकर अपने नाम किये। यह धांधली कहीं और नहीं बल्कि अति सुरक्षित डीएम दफ्तर से लगे रिकार्ड रूम में की गई। हालांकि मामला भी डीएम की सुनवाई में सामने आया तो जांच पड़ताल शुरू हुई। इस गंभीर मामले का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी रिकॉर्ड रूम पहुंचकर व्यवस्था का जायजा लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने मामले में कड़ी कार्रवाई के लिए एसआईटी से जांच कराने के निर्देश दिए। इस मामले के एसआईटी जमीन फर्जीवाड़े गैंग के मास्टरमाइंड सहारनपुर निवासी केपी सिंह समेत 10 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। इसी मामले में देहरादून बार के नामी वकील कमल विरमानी का नाम आने पर पुलिस ने उन्हें 27 अगस्त को गिरफ्तार किया। तब से विरमानी जेल में बंद हैं। विरमानी ने जमानत को लेकर याचिका जिला जज कोर्ट में दायर की। याचिका पर गत दिवस सुनवाई नहीं हो पाई। आज विरमानी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धांत लूथरा पैरवी करने पहुंचे। जबकि उनके साथ बार एसोसिएशन देहरादून समेत अन्य सीनियर वकील भी बहस में शामिल हुए। करीब दो घण्टे तक बहस हुई। इस पर कोर्ट ने विरमानी की जमानत याचिका पर निर्णय सुरक्षित रख लिया है। बहरहाल अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील गुरु प्रसाद ने मजबूती के साथ पैरवी की। अब जमानत पर क्या फैसला होगा, इस पर सभी की निगाहें टिकी है।

 

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