उत्तराखंड के गौलापार में वन्यजीवों के दीदार की तैयारी, 27 करोड़ से बनेगी जू सफारी
देहरादून। उत्तराखंड के हल्द्वानी स्थित गौलापार में देश की सबसे सुंदर और बड़ी जू सफारी बनेगी। इसके लिए केंद्र ने 27 करोड़ स्वीकृत कर दिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्षों से अधर में लटकी इस योजना की सुध लेते हुए केंद्र से जरूरी स्वीकृति दिला दी है। अब वन विभाग को समय पर इस जू सफारी और वन्य जीवों का रेस्क्यू सेंटर बनाने के काम मे तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।
वन्य जीव संरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार लगातार काम कर रही है। इसके अलावा मानव और वन्यजीवों के संघर्ष को कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी दिशा में धामी सरकार ने कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र में दुनिया के पांच महाद्वीप की तर्ज पर वन्यजीवों के लिए सफ़ारी बनाने पर काम शुरू कर दिया है । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर भारत में पहली बार किसी जू (चिड़ियाघर) में विश्व के पांच महाद्वीप जैसे अफ़्रीका, ऑस्ट्रेलिया, युरोप , अमेरिका व एशिया में पाये जाने वाले वन्यजीवों के लिए विशेष बाड़ों का निर्माण किया जायेगा। इस योजना को भारत सरकार के चिड़ियाघर प्राधिकरण से मंज़ूरी मिल गई हैं ।
हरीश की घोषणा को पुष्कर धरातल पर उतरेंगे
जानकारी के अनुसार हल्द्वानी जू के लिए हरीश रावत सरकार ने अक्टूबर 2016 में चुनावी घोषणा करके शिलान्यास किया। लेकिन इसके बाद सरकार इस काम को भूल गई। नतीजतन लम्बे अरसे से अधर में लटकी इस योजना को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आगे बढ़ाने का बीड़ा उठाया और स्वयं योजना को लेकर दिलचस्पी दिखाई। इसके लि सेंट्रल जू अथारिटी और अन्य केंद्रीय एजेंसियों से अनुमतियां लेने का काम पूरा करवा लिया है।
अब गौलापार जू के पास ही वन्य जीव हॉस्पिटल व वाइल्डलाइफ़ रेस्क्यू सेंटर भी प्रस्तावित है। जिसके लिए केंद्र सरकार से बीस करोड़ से ज्यादा की रकम भी जारी की हुई है। ये योजना भी सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर फाइलों से बाहर निकाली जा रही है।
सीएम ने दिखाई दिलचस्पी तो दौड़ने लगी फ़ाइल
जानकारी के मुताबिक केंद्र में पिछली 28 नवंबर की बैठक में उत्तराखंड वन्यजीव अस्पताल सम्बंधी हर बाधा को दूर करते हुए इसका मास्टर प्लान स्वीकार करते हुए अनुमति पत्र जारी कर दिया है। गौलापार क्षेत्र में वन्य जीव अस्पताल, रेस्क्यू सेंटर में बाघ, तेंदुए, गिद्ध और अन्य दुर्लभ वन्य जीवों के संरक्षण और स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी कार्य योजना तैयार की गई थी। ये योजना फाइलों में ही घूम रही थी। सीएम धामी ने पिछली वन्य जीव बोर्ड की बैठक में इस बारे में वन अधिकारियो का जवाब तलब करते हुए उन्हे निर्देशित किया था। पिछले दिनों हाथियों की इलाज के अभाव में मौत, बाघ तेंदुए और भालू के इंसानों पर हमले किए जाने की घटनाएं बढ़ने पर मुख्यमंत्री धामी ने एक बार फॉरेस्ट अधिकारियो की क्लास ली थी। उन्होंने कहा था कि केंद्रीय योजना पर काम पूरा किया जाए। मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव वन आर के सुधांशु और वन विभाग के प्रमुख अनूप मलिक को निर्देशित किया था कि ” मुझे इस पर सिर्फ़ ओर सिर्फ़ रिजल्ट चाहिए”। जिसके बाद विभागीय स्तर पर इसकी प्रोजेक्ट फाइल को बाहर निकाला गया।
जू सफारी और वाइल्डलाइफ हॉस्पिटल को 300 एकड़ भूमि
जानकारी के अनुसार प्रस्तावित वन्य जीव हॉस्पिटल में वन्यजीवों के लिए बाड़े बनाकर उसे प्रस्तावित जू के पहले चरण का रूप दिया जाना है। उसके बाद यहां जू सफारी की योजना पीपीपी मोड में शुरू की जानी है। इस बारे में अब सभी अनुमतियां राज्य सरकार को प्राप्त हो गई है। यहां 50 बाघों और तेंदुए के बाड़े बनाए जाने है। जू और वन्य जीव अस्पताल के प्रस्तावित स्थल की चार दीवारी का काम पहले ही पूरा हो चुका है। कुछ विभागीय औपचारिकतायें पूरी करने का काम राज्य स्तर पर बाकि है। वन सचिव आर के सुधांशु का कहना है कि हम हल्द्वानी के जू और वाइल्ड लाइफ हॉस्पिटल के निर्माण पर तेजी से काम कर रहे है। सभी एजेंसियों सीएम के निर्देश पर हर बाधा को दूर करती जा रही है। जल्द ही इस योजना को 300 एकड़ पर मूर्त रूप दिया जाएगा।
मानव और वन्यजीव संघर्ष निवारण के
जो काम पूर्ववर्ती सरकारों ने अधूरे छोड़े थे, उनको पूरा करने का हमने संकल्प लिया है। हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र में जू सफारी और वन्य जीव अस्पताल के निर्माण को जल्द धरातल पर उतार लिया जाएगा। यहां वन्य जीव अस्पताल के बन जाने से वन्य जीवों के इलाज में बड़ी सुविधा मिलेगी। हमारे यहां हाथी, बाघ, तेंदुए के इलाज के लिए यह बेहतर अस्पताल होगा। दूसरे राज्यो से भी यहां घायल वन्य जीव को इलाज के लिए ला सकेंगे। भारत सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए 27 करोड़ स्वीकृत किए हैं।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड