उत्तराखंड में करोड़ों की जमीनों की रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में सड़क पर उतरे वकील, पुलिस के खिलाफ खोला मोर्चा
देहरादून। उत्तराखंड में करोड़ों की जमीनों की फर्जी रजिस्ट्री मामले में वकीलों ने पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मामले में पुलिस द्वारा फर्जीवाड़े के लिए जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई करने की मांग की गई। साथ ही बेवजह वकीलों का उत्पीड़न का विरोध किया गया। बार एसोसिएशन देहरादून से जुड़े वकीलों ने एसएसपी दफ्तर का घेराव करते हुए एसआईटी से निष्पक्ष जांच कराने की मांग की।
उत्तराखंड में कलक्ट्रेट स्थित रिकॉर्ड रूम में लम्बे समय से रजिस्ट्री फर्जीवाड़े का खेल चल रहा था। मामला मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के संज्ञान में आया तो उन्होंने स्वयं रिकॉर्ड रूम पहुंचकर स्थिति देखी। इसके बाद फर्जीवाड़े की जांच को एसआईटी गठित हुई। एसआईटी ने मामले में आधा दर्जन मुकदमे भी दर्ज किए गए। इस मामले में शहर के नामी वकील कमल विरमानी समेत 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वकील की गिरफ्तारी और रजिस्ट्री विभाग के जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई न करने पर देहरादून बार एसोसिएशन ने पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया है। आज पुलिस कार्रवाई के विरोध में देहरादून बार एसोसिएशन से जुड़े सैकड़ों वकील मंगलवार को एकजुट हुए और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय का घेराव किया। तय कार्यक्रम के मुताबिक वकील कार्य से विरत रहे। साथ ही कचहरी प्रांगण स्थित बार भवन के सम्मुख एकत्रित हुए। यहां से रैली की शक्ल में एसएसपी कार्यालय पहुंचे और प्रदर्शन किया। वकीलों को पुलिस ने कार्यालय परिसर के बाहर ही रोकने का प्रयास किया। इससे हल्की नोक-झोंक भी हुई।
एसएसपी को सौंपा ज्ञापन
एसएसपी कार्यालय का घेराव करते हुए बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों व वकीलों ने पुलिस की कार्रवाई का विरोध करते हुए एसएसपी को ज्ञापन भी सौंपा। ज्ञापन में हापुड़ में अधिवक्ताओं पर किए गए लाठीचार्ज की निंदा भी की गई। इस दौरान बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल शर्मा और सचिव राजवीर सिंह बिष्ट ने कहा कि उन्हें पुलिस की कार्रवाई पर भरोसा नहीं है। रजिस्ट्री फर्जीवाड़े का यह प्रकरण बेहद गंभीर है। ऐसे में इसकी जांच सीबीआइ से कराई जानी चाहिए। क्योंकि, पुलिस दबाव में भी काम कर सकती है।
रिकॉर्ड रूम प्रभारी और रजिस्ट्रार को बचा रही पुलिस
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल शर्मा और सचिव राजबीर बिष्ट ने कहा कि रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में अभी तक रिकार्ड रूम प्रभारी व सब रजिस्ट्रार को जांच के दायरे में नहीं लिया गया है। जबकि फर्जी रजिस्ट्रियों को असल बताने वाली नकल की सत्यापित प्रति इन्हीं अधिकारियों के माध्यम से जारी की गई। इन्हीं नकल को विभिन्न राजस्व न्यायालय से लेकर हाईकोर्ट तक में लगाया गया। ऐसे में वकीलों ने भी ऐसी नकल से संबंधित रजिस्ट्रियों पर भरोसा किया। जो कि स्वाभाविक बात भी है।
सीबीआई जांच कराने की उठाई मांग
बार एसोसिएशन ने पूरे प्रकरण की जांच अब सीबीआइ से कराई जाने की मांग उठाई। कहा कि यह प्रकरण राज्य का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला भी साबित हो सकता है। ऐसे में सीबीआई से जांच कराई जाए। प्रदर्शन के दौरान देहरादून बार एसोसिएशन की समस्त कार्यकारिणी और बड़ी संख्या में सदस्य अधिवक्ता शामिल रहे। एसोसिएशन ने यह भी ऐलान कि ज्ञापन के क्रम में उचित निर्णय न किए जाने की दशा में आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।