अपराधकानून को ठेंगागाज गिरीजमीन फर्जीवाड़ा

रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में हिस्ट्रीशीटर को बचाने वाले चौकी इंचार्ज पर गिरी गाज, गिरफ्तारी से बढ़ी जेल में बंद विरमानी की मुश्किलें

देहरादून। राजधानी में बहुचर्चित रजिस्ट्री घोटाला प्रकरण में मुजफ्फरनगर के नामी गैंगस्टर हिस्ट्रीशीटर को दून पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी को सख्त कार्रवाई से बचाने वाले चौकी इंचार्ज को एसएसपी ने हटा दिया है। साथ ही दरोगा की भूमिका की जांच के आदेश दिए गए हैं। इधर, रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंड वकील कमल विरमानी और केपी सिंह के करीबी विशाल की गिरफ्तार ने दोनों की मुश्किलें बढ़ा दी है। साथ ही गिरोह के कुछ नए लोगों का भी खुलासा किया है। जल्द मामले में कुछ और अपराधियों पर कार्रवाई हो सकती है।

एससपी अजय सिंह ने बताया कि डीएम दफ्तर से लगे रिकॉर्ड रूम में लोगों की करोड़ों की जमीनों के दस्तावेज अपने नाम करने की शिकायत जुलाई माह में प्रशासन को मिली। इन पर सहायक महानिरीक्षक निबंधन संदीप श्रीवास्तव व जिलाधिकारी द्वारा गठित समिति ने जांच रिपोर्ट सौंपते हुए अज्ञात अभियुक्तगणों की मिलीभगत से धोखाधड़ी की नियत से आपराधिक षडयन्त्र रचकर उप निबंधक कार्यालय प्रथम/द्वितीय जनपद देहरादून में भिन्न-भिन्न भूमि विक्रय विलेख से सम्बन्धित धारित जिल्दों के क्रमशरू (विलेख सं0 2719/2720 वर्ष 1972 विलेख सं0 3193 विलेख सं0 3192 विलेख सं0 545 वर्ष 1969 बिलेख सं०10802/10803 ) के साथ छेडछाड कर अभिलेखो की कूटरचना करना के सम्बन्ध में  कोतवाली नगर को तहरीर दी। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मु0अ0स0 281/2023 धारा 420/120बी/467/468/471 भादवि बनाम अज्ञात अभियुक्तगण पंजीकृत किया गया। उपरोक्त प्रकरण की विवेचना पुलिस अधीक्षक यातायात के नेतृत्व में गठित एस0आई0टी0 द्वारा की जा रही है।

30 से ज़्यादा रजिस्ट्रियों में पकड़ा फर्जीवाड़ा

टीम द्वारा रजिस्ट्रार ऑफिस से जानकारी करते हुए रिंग रोड से सम्बन्धित 30 से अधिक रजिस्ट्रियों का अध्ययन कर सभी लोगों से पूछताछ की। पूछताछ में कुछ प्रॉपर्टी डीलर के नाम प्रकाश में आये। इनके द्वारा गहन पूछताछ में उक्त फर्जीवाड़े में कई लोगों के नाम प्रकाश में आये। गठित एसआईटी टीम द्वारा कई संदिग्धों के विभिन्न बैंक अकाउण्ट का भी अवलोकन किया गया। बैंक खातों में करोड़ो रूपयो का लेन-देन होना पाया गया। इन लोगों द्वारा बनाये गये दस्तावेजों को रजिस्ट्रार कार्यालय से प्राप्त करने पर कई फर्जीवाड़े का होना भी पाया गया।

अब तक इनको किया जा चुका गिरफ्तार

पुलिस की एसआईटी ने पूर्व में गिरफ्तार अभियुक्तगण सन्तोष अग्रवाल,  दीप चन्द अग्रवाल,  मक्खन सिंह डालचन्द, वकील इमरान अहमद, अजय सिंह क्षेत्री, रोहताश सिंह,  विकास पाण्डे, -कुंवर पाल उर्फ केपी, वकील कमल विरमानी को गिरफ्तार किया जा चुका है। जो वर्तमान में न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार में निरूद्ध है। इन लोगों से विस्तृत पूछताछ में कई अन्य लोगों के नाम भी प्रकाश में आये थे। इनकी तलाश में गठित टीम द्वारा लगातार दबिशें, पतारसी सुरागरसी कर रही है।

 

राजपुर में करोड़ों की जमीनों का ऐसे किया फर्जीवाड़ा

पुलिस ने पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर प्रकाश में आया कि राजपुर रोड जाखन में स्थित भू-स्वामी स्वरूप रानी की भूमि के भी विलेख कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर पूर्व की भांति तैयार कर मुजफ्फरनगर निवासी मांगे राम के नाम किये गये। यहां फर्जी तरीके से रजिस्ट्रार रिकॉर्ड रूम में चढ़ाया गया। इस कूटरचित अभिलेख की जांच करने पर पाया कि अभियुक्तगणों द्वारा उक्त भूमि के विलेख मांगे राम के नाम तैयार करने के पश्चात इसकी मुत्योपरान्त इनकी वसीयत तैयार कर इनके पुत्र विशाल कुमार के नाम होना दर्शाया गया। जिसके आधार पर यह भूमि रेखा शर्मा पत्नी संजय शर्मा को विक्रय किया गया। तत्पश्चात यह भूमि रेखा शर्मा से देहरादून निवासी कमल जिंदल को यह बेची गयी। एसआईटी टीम ने दस्तावेजों की जांच उपरांत पतारसी सुरागरसी करने पर 28 सितंबर की शाम को मुजफ्फरनगर से अभियुक्त विशाल को मु0अ0सं0 28123 धारा 420/467/468/471/120बी भादवि0 में गिरफ्तार किया गया।

 

हिस्ट्रीशीटर विशाल की फर्जीवाड़े में ये थी भूमिका

अभियुक्त गण से पूछताछ में यह बात प्रकाश में आयी कि अभियुक्त विशाल कुमार प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता है तथा अभियुक्त के विरूद्ध मुजफ्फरनगर में पूर्व से कई अभियोग पंजीकृत है। अभियुक्त का आपराधिक इतिहास है तथा मुजफ्फनगर से हिस्ट्रीशीटर भी है। अभियुक्त प्रॉपर्टी के सिलसिले में देहरादून आया करता था। वर्ष 2018 में अभियुक्त की मुलाकात वकील कमल विरमानी से हुई थी। कमल विरमानी द्वारा ही अभियुक्त को जाखन में स्वरूप रानी की प्रॉपर्टी दिखायी गयी थी। यह भी बताया कि स्वरूप रानी की मृत्यु हो चुकी है। उनकी लडकियां बाहर नोएडा तथा विदेश में रहती है। कमल विरमानी द्वारा ही विशाल कुमार को वकील इमरान के पास भेजा गया। उसके पश्चात विशाल कुमार की मुलाकात केपी से करायी गयी। इन सभी ने मिलकर वर्ष 1978 में फर्जी विलेख पत्र बना कर जाखन स्थित प्रॉपर्टी स्वरूपरानी से विशाल कुमार के पिता मांगेराम के नाम विलेख पत्र बनवाकर उन्हें अपने अन्य सहयोगियों की मदद से रजिस्ट्री कार्यालय में दर्ज करा दिया गया। इसके पश्चात मांगे राम के नाम से बतौर वसीयत जाखन स्थित प्रोपर्टी विशाल कुमार के नाम होना दिखाया गया।

तीन करोड़ में किया जमीन का सौदा

एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि फर्जीवाड़े से हासिल प्रॉपर्टी को आरोपी ने संजय शर्मा के साथ 02 करोड़ 90 लाख में सौदा तय करते हुए बतौर रजिस्ट्री संजय शर्मा की पत्नी रेखा शर्मा के नाम कर दी गयी। जिसमें संजय शर्मा से इन लोगों को 45 लाख रूपये प्राप्त हुए। इन रुपयों को उपरोक्त चारों लोगो द्वारा आपस में बांट लिया गया। उक्त प्रॉपर्टी दाखिल खारिज न होने के कारण इन लोगो द्वारा पुनः उक्त भूमि को दलाल रकम सिंह के माध्यम से देहरादून निवासी कमल जिंदल को बतौर रजिस्ट्री विक्रय कर दी गयी। जिसमें इनको 40 लाख रुपये कमल जिंदल से प्राप्त हुए। उक्त रकम भी उपरोक्त सभी लोगों द्वारा आपस में बांट लिया गया। इसके उपरान्त इन लोगो द्वारा उक्त प्रोपर्टी पर कब्जे का प्रयास किया जाने लगा। जिसकी जानकारी स्वरूप रानी की पुत्री मिनाक्षी सूद व किरन दुवे को होने पर इनके द्वारा राजपुर थाने पर अभियुक्तगण विशाल कुमार व संजय शर्मा के विरूद्ध मु0अ0सं0 73/ 2023 दर्ज करवाया गया।

कमल विरमानी ने दी विशाल की राय

मुकदमा दर्ज होने के उपरान्त कमल विरमानी व इमरान की सलाह पर विशाल कुमार व संजय शर्मा द्वारा मूल रजिस्ट्री खो जाने की बात तत्कालीक विवेचक को बतायी गयी। साथ ही इनके द्वारा उक्त रजिस्ट्री खो जाने बाबत वर्ष 2022 में मुजफ्फनगर थाना मंडी में गुमशुदगी लिखवायी गयी।  मुजफ्फनगर के अखबार में भी यह बात छपाई गयी। मूल दस्तावेज प्राप्त न होने के कारण राजपुर थाना पर दर्ज इनके विरूद्ध अभियोग में धारा 420/120बी भादवि0 में आरोप पत्र मा० न्यायालय प्रेषित किया गया।

 

पूछताछ में बताए कई नए नाम, होगी बड़ी कार्रवाई

अभियुक्त विशाल कुमार ने पुलिस पूछताछ में कमल विरमानी, केपी सिंह के अलावा अन्य कई अभियुक्तगण के नाम भी बताए। अब इनके विरूद्ध भी एसआईटी टीम द्वारा गहन जांच एवं साक्ष्य संकलन किया जा रहा है। शीघ्र ही प्रकाश में आये अन्य अभियुक्तगणों के विरूद्ध नियमानुसार विधिक कार्यवाही की जा रही है। इनमें कुछ प्रॉपर्टी डीलर, वकील, और रजिस्ट्री दफ्तर से जुड़े लोग शामिल बताए जा रहे हैं।

हिस्ट्रीशीटर विशाल के खिलाफ दर्ज मुकदमे

आपराधिक इतिहास- दौराने पूछताछ अभियुक्त विशाल कुमार उपरोक्त के विरुद्ध निम्न अभियोग पूर्व में दर्ज होना पाया गया।
हिस्ट्रीशीट संख्या: 97-ए कौशल उर्फ विशाल, पुत्र मांगा निवासी: शान्ति नगर
थाना: नई मण्डी जनपद मुजफ्फरनगर
01: मु0अ0सं0: Nil/98 धारा:41, 102 सीआरपीसी व 411 भादवि थाना: काधंला, शामली उ0प्र0
02: मु0अ0सं0: 131/98 धारा: 394 भादवि थाना: काधंला, शामली उ0प्र0
03: मु0अ0सं0: 132/98 धारा: 4/25 आर्म्स एक्ट थाना: काधंला, शामली उ0प्र0
04: मु0अ0सं0: 516/07 धारा: 307 भादवि थाना: नई मण्डी, मुजफ्फरनगर उ0प्र0
05: मु0अ0सं0: 33/08 धारा: 3/25 आर्म्स एक्ट थाना: नई मण्डी, मुजफ्फरनगर उ0प्र0
06: मु0अ0सं0: 1409/08 धारा: 420, 411 भादवि, 41/102 सीआरपीसी थाना: नई मण्डी, मुजफ्फरनगर उ0प्र0
07: मु0अ0सं0: 1905/18 धारा: 411, 414, 482 भादवि, 41/102 सीआरपीसी थाना:सिंहनीगेट गाजियाबाद उ0प्र0
08: मु0अ0सं0: 188/19 धारा: 60, 63 आबकारी अधि0, 272,273 भादवि थाना: नई मण्डी, मुजफ्फरनगर उ0प्र0
09: मु0अ0सं0: 422/19 धारा: 2/3 गैंगस्टर एक्ट भादवि थाना: नई मण्डी, मुजफ्फरनगर उ0प्र0
10: मु0अ0सं0: 469/19 धारा: 420, 465, 468, 471, 414 भादवि थाना: सिविल लाइन, मुजफ्फरनगर उ0प्र0
11: मु0अ0सं0: 560/19 धारा: 420, 467, 468, 471 भादवि थाना: नई मण्डी, मुजफ्फरनगर उ0प्र0
12: मु0अ0सं0: 600/19 धारा: 2/3 गैंगस्टर एक्ट, थाना:सिविल लाइन, मुजफ्फरनगर उ0प्र0
13: मु0अ0सं0: 388/20 धारा: 307 भादवि थाना: नई मण्डी, मुजफ्फरनगर उ0प्र0
14: मु0अ0सं0: 389/20 धारा: 3/25 आर्म्स एक्ट थाना: नई मण्डी, मुजफ्फरनगर उ0प्र0
15: मु0अ0सं0: 427/20 धारा: 420, 467, 468, 471 भादवि थाना: नई मण्डी, मुजफ्फरनगर उ0प्र0

इसलिए नप गए चौकी इंचार्ज जाखन

थाना राजपुर के पंजीकृत मुoअoसंo 73/ 2023 अंतर्गत धारा 420 /467/ 468 /471/ 120B IPC बनाम विशाल कुमार वादिया मीनाक्षी सूद के प्रार्थना पत्र की जांच उपरांत दिनांक 5 मार्च 2023 को पंजीकृत किया गया। जिसकी विवेचना उपनिरीक्षक सुमर सिंह के सुपुर्द की गई। विवेचना के दौरान उच्च अधिकारियों द्वारा समय-समय पर विवेचक को विवेचना में ठोस कार्रवाई किए जाने की लगातार निर्देश दिए गए। परंतु विवेचक द्वारा उच्च अधिकारी के निर्देशों को गंभीरता से ना लेते हुए व अभियुक्त विशाल के विरुद्ध धारा 467 /468 /471 IPC को पृथक करते हुए उक्त अभियोग में अंतर्गत धारा 420/ 120 IPC में दिनांक 7 जुलाई 2023 को आरोप पत्र प्रेषित किया गया। विवेचक द्वारा अभियुक्त के विरुद्ध ठोस कार्रवाई न करने पर लापरवाही करने के संदर्भ में एसएसपी देहरादून द्वारा उप निरीक्षक सुमेर कुमार को तत्काल पुलिस कार्यालय अटैच करने के आदेश दिए हैं।

 

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