उत्तराखंड उच्च न्यायिक सेवा में पहाड़ की बेटी का चयन, विपरीत परिस्थितियों में हासिल किया मुकाम
देहरादून। उत्तराखंड उच्च न्यायिक सेवा परीक्षा में अंजली बेंजवाल बहुगुणा का चयन हुआ है। अंजलि ने विपरीत परिस्थितियों में यह मुकाम हासिल किया है। अंजली का मायका रुद्रप्रयाग और ससुराल पौड़ी के बलोड़ी में है। अंजली को मिली इस सफलता पर परिजनों और अधिवक्ताओं में खुशी की लहर है।
अंजली के जेठ और वरिष्ठ पत्रकार हिमांशु बहुगुणा की फेसबुक वॉल से मिली जानकारी के मुताबिक उच्च न्यायिक सेवा उत्तराखंड के लिए अंजली का चयन हुआ है। उन्होंने लिखा कि अंजली की मेहनत, लगन और लक्ष्य के प्रति समर्पण को सलाम है। इस सफलता के पीछे उनके पति एडवोकेट अतुल बहुगुणा, सास ससुर, अंजली के माता-पिता, बेटे हनु सबका बहुत सहयोग रहा। अंजली की यह सफलता इस मायने में भी काबिले तारीफ है कि उसने इस परीक्षा की तैयारी एक लक्ष्य को लेकर की और सफलता पाई।
एक माह की बेटी और कड़ाके की ठंड के बीच दी परीक्षा
अंजली साक्षात्कार के समय अपनी 1 माह की बच्ची के साथ नैनीताल की ठंड में साक्षात्कार के लिए गई। उसने यह सफलता पहले ही प्रयास में हासिल की है। इसके लिए अंजली की तैयारी के लिए उनके ससुर और सास का भी बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने बहू को इस कदर सहयोग किया कि आज वह सफलता के मुकाम पर है।
बेटे को दादी-दादा के पास भेजा
अंजली ने अपनी तैयारी के लिए नैनीताल में पढ़ रहे 6 साल के बेटे हनु को पढ़ाई के लिए देहरादून दादा दादी के साथ रखा और अतुल व अंजली नैनीताल हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करते रहे। वहीं साथ साथ तैयारी भी चलती रही। उच्च न्यायिक सेवा कठिन परीक्षा मानी जाती है।
माता-पिता का बड़ा मार्गदर्शन
अंजली के पिता और माता का लालन पालन और मार्ग दर्शन उसकी सफलता का राज है। पिता कात्यायनी प्रसाद बेंजवाल दिल्ली विश्व विद्यालय में ज्वाइंट रजिस्ट्रार के पद से सेवा निवृत हुए हैं। अंजलि भी बचपन से दिल्ली विश्वविद्यालय कैंपस की कॉलोनी में रही है। वहीं से उसकी पढ़ाई हुई है। उनका मूल गांव रुद्रप्रयाग जिले का प्रसिद्ध बेंजी गांव है। इस सफलता से हमारे पूरे गांव में खुशी की लहर है। अंजली का ससुराल बलोडी श्रीनगर गढ़वाल के पास खिर्सू ब्लॉक में है। अंजली का कहना है कि उसकी कोशिश होगी कि वह न्यायिक सेवा में उच्च मानदंड स्थापित करेगी और इस सेवा के माध्यम से प्रत्येक जरूरतमंद को न्याय मिल सके।