देहरादून। पुलिस हिरासत से भागकर लक्ष्मणझूला क्षेत्र में गंगा में छलांग लगाने वाले युवक के मामले में न्यायालय ने बड़ा आदेश दिया है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पौड़ी की अदालत ने पूरे प्रकरण में थाना लक्ष्मणझूला के पूर्व थानाध्यक्ष और पुलिस चौकी प्रभारी तपोवन के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने प्रकरण में अन्य की संलिप्तता पाए जाने पर भी मुकदमा दर्ज करने को कहा है।
जानकारी के अनुसार इसी साल अगस्त माह में उत्तरकाशी के चौंडियाट गांव (धौंत्री) निवासी युवक केदार सिंह पुत्र लक्ष्मण सिंह अग्निवीर भर्ती में कोटद्वार गया था। वहां से लौटने पर वह ऋषिकेश के मुनिकीरेती क्षेत्र में ठहरा था। जहां 22 अगस्त को कथित चोरी के एक मामले में टिहरी जिले के थाना मुनिकीरेती पुलिस ने हिरासत में लिया था। मामला दूसरे थाना क्षेत्र का होने पर मुनिकीरेती पुलिस ने केदार को लक्ष्मणझूला थाना का होने के चलते केदार को लक्ष्मणझूला पुलिस को सौंप दिया था। पुलिस का दावा है कि हिरासत के दौरान केदार ने भाग कर गंगा में छलांग लगा दी। मामले को पुलिस ने पहले तो दबाए रखा। लेकिन सोशल मीडिया और सामाजिक संगठनों ने आवाज उठाई तो मामले में कार्रवाई बकरते हुए पुलिस ने लक्ष्मणझूला के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक संतोष कुंवर को हटा दिया गया था। इस मामले में न्याय न मिलने पर केदार के पिता लक्ष्मण सिंह ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पौड़ी की अदालत में पुलिस के खिलाफ शिकायती प्रार्थना पत्र दिया था। मामले की पैरवी कर रहे अधिवक्ता महेश बलूनी ने बताया कि सीजेएम रवि प्रकाश शुक्ला की अदालत ने तत्कालीन थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर संतोष कुंवर और चौकी प्रभारी तपोवन आशीष चौहान के खिलाफ मुकदमे के आदेश दे दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि यदि मामले में किसी अन्य की संलिप्तता भी सामने आती तो उसके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया जाए। बहरहाल मामले में कोर्ट के आदेश से पुलिस में हड़कंप मचा है। जबकि परिजनों को न्याय मिलने की उम्मीद जाग गई हैं। उधर, एसएसपी पौड़ी श्वेता चौबे ने कोर्ट से मुकदमे के आदेश की पुष्टि की है।