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उत्तराखंड में इस थानेदार ने शुरू की अनोखी पहल, “चाय पर चौपाल लगाकर जनता को पढ़ा रहे कानून का पाठ”

देहरादून। टिहरी जिले के लम्बगांव थाने की पुलिस इन दिनों पुलिस क्षेत्र से लगे गांव कस्बों में चाय पर चौपाल लगाकर  कानून का पाठ पढ़ा रही है। लम्बगांव पुलिस की इस अनोखी पहल पर गांव वाले बढ़ चढ़कर भाग ले रहे। इस दौरान आम लोगों में पुलिसिया डर कम होने से मित्रता की भावना जागृत हो रही है। खासकर गांव के महिलाएं इस अभियान में शरीक होकर कानूनी का ज्ञान ले रही हैं।

टिहरी और उत्तरकाशी जनपद की सीमा पर लम्बगांव थाना पड़ता है। शराब और नशे की तस्करी के लिहाज से यह क्षेत्र राजस्व पुलिस के पास रहते समय कुछ संवेदनशील रहा। जिसके चलते यहां पुलिस थाना खोला गया। इस थाने में अधिकांश ठेठ पहाड़ी गांव शामिल हैं। गांव के सरल और सीधे लोग पुलिस से कई कारणों से दूरियां बनाते हैं। लेकिन यहां तैनात हुए थानेदार महिपाल रावत ने जनता और पुलिस के बीच की दूरी कम करने की ठानी है। थानेदार अक्सर क्षेत्र के बड़े कस्बों और गांव में जा कर लोगों के दुःख दर्द में शामिल होते हैं। साथ ही पुलिस व्यवस्था की बारीकी भी बताते हैं। इन दिनों थानेदार रावत ने जनता के बीच कानून की मजबूती और जागरूकता को अनोखी पहल शुरू की है। थानेदार ने चाय पर चौपाल लगाकर लोगों को पहले थाने में आमंत्रित किया। फिर लोगों के साथ नशा, साइबर अपराध, मानव तस्करी, महिला अपराध रोकने, ट्रैफिक नियमों की जानकारी दी। इस दौरान लोगों को भरोसा दिया कि पुलिस आम जनता के लिए है। कानून तोड़ने वाले और अपराध करने वालों के खिलाफ जनता को भी पुलिस का साथ देना चाहिए। इस दौरान युवाओं में बढ़ती नशे की लत को रोकने की पहल घर से करने को कहा। चाय पर चौपाल के दौरान पुलिस ने गौरा शक्ति एप के बारे में जानकारी दी। थानाध्यक्ष महिपाल रावत ने बताया कि इस पहल से गांव गांव में आम जनमानस जागरूक हो रहा है। साथ ही पुलिस की एक बेहतरीन छवि भी आम जनता के मन में उजागर हो रही है। उन्होंने बताया कि पुलिस के प्रति विश्वास एवं मित्रता भावना जागृत करने में कार्यक्रम बेहतर माध्यम है। इस कार्यक्रम का नाम उन्होंने “चाय विद पुलिस”  और “आवा पुलिस की छुई सुणला” भी दिया है। यह अभियान  लम्बगांव थाने के ग्राम रौला कोट में भी हुआ। जहां लोगों ने खूब अपनी अपनी समस्याओं से अवगत कराया और कानून की जानकारी प्राप्त की। जल्द प्रतापनगर, निचली रमोला, उपली रमोली के गांव और प्रमुख कस्बों में यह कार्यक्रम चलाया जाएगा।

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