देहरादून। चारधाम यात्रा व्यवस्था को लेकर पहली बार गठित यात्रा प्रभारी एवं ट्रैफिक निदेशक आईजी अरुण मोहन जोशी ने चार्ज लेते ही ट्रैफिक सुधार को मोर्चा संभाल लिया है। आज आईजी जोशी ने राजधानी के साथ ही चारधाम से जुड़े जिलों के पुलिस अधिकारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक ली। इस दौरान ट्रैफिक सुधार को बनाए गए एजेंडे के 10 बिंदुओं पर गहन चर्चा कर भविष्य की यात्रा को लेकर अभी से ठोस प्लान पर काम करने के निर्देश दिए हैं।
चारधाम में तीर्थयात्रियों की बढ़ती भीड़ से ट्रैफिक की समस्या बिकराल हो रही है। खासकर सँकरी सड़कों और पार्किंग के अभाव में तीर्थयात्रियों को भारी अव्यवस्था से जूझना पड़ रहा है। इसे देखते हुए सरकार ने पहली बार राज्य में ट्रैफिक निदेशक के साथ चारधाम यात्रा प्रभारी अधिकारी की जिम्मेदारी तेज तर्रार अफसर आईजी अरुण मोहन जोशी को सौंपी है। जोशी ने दून ट्रैफिक निदेशालय में कार्यभार ग्रहण करते ही ट्रैफिक सुधार को मोर्चा संभाल दिया है। रविवार को अवकाश के बावजूद आईजी ने चारधाम यात्रा रूट से लगे जिलों के कप्तान, ट्रैफिक प्रभारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक ली। इस दौरान भविष्य की यात्रा के लिए ठोस प्लान बनाने और इसी माह से दूसरे चरण की यात्रा शुरू होने को लेकर जरूरी व्यवस्थाओं में जुटने के निर्देश दिए हैं। आईजी ने कहा कि चारधाम हमारे प्रदेश की आर्थिक और रोजगार से जुड़ी यात्रा है। ऐसे में देश दुनिया से आने वाले पर्यटकों, तीर्थयात्रियों को असुविधा न हो, इसे लेकर अभी से तैयारी में जुट जाएं।
ट्रैफिक निदेशक ने इस एजेंडे पर की चर्चा
ट्रैफिक निदेशक आईजी जोशी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में चारधाम यात्रामार्ग पर स्थित जनपदों के प्रभारियों के साथ निम्न एजेण्डा के बिन्दुओं पर चर्चा की गईः-
1.चारधाम यात्रा में पार्किंग व्यवस्था
2. चारधाम यात्रा में स्लाईंडिग जोन
3. चारधाम यात्रा की यातायात कार्ययोजना
4. चारधाम यात्रा का व्यवस्थापन
5.चारधाम यात्रा में दुर्घटना संभावित स्थल
6. चारधाम यात्रा में बोटलनेक प्वाईंट
7. चारधाम यात्रा में जाम वाले स्थान
8. चारधाम यात्रा में वैकल्पिक मार्ग
9. चारधाम यात्रा का रुट प्लान
10. चारधाम यात्रा के सम्बन्ध में अन्य महत्वपूर्ण बिन्दु
ट्रैफिक सुधार को सभी इस प्लान पर करें कार्य
आईजी ने ट्रैफिक सुधार की गोष्ठी में सभी कप्तानों और ट्रैफिक प्रभारियों को निम्न निर्देश दिये गये –
1. चारधाम यात्रा में सामान्य दिवस एवं विशेष दिवसों पर आने वाले वाहनों का आंकलन कर लिया जाए तथा पहाड़ी मार्गों में वाहनों की क्षमता का भी आंकलन किया जाए । कितने वाहनों को आसानी से रेगुलेट किया जा सकता है इसका भी डाटा तैयार कर लिया जाए ।
2. चारधाम यात्रा मार्ग में लैण्ड स्लाईड, अतिवृष्टि आदि प्राकृतिक आपदाओ के चलते कई यात्रा बाधित हो जाती है जिस हेतु अपने-अपने जनपदों में पड़ने वाले ऐसे दुर्घटना संभावित स्थलों को चिन्हित किया जाए साथ ही अपने-अपने जनपदों में चारधाम यात्रा मार्ग मे पड़ने वाले शहरो, कस्बों, आश्रमों, मंदिरों आदि का विवरण तथा आपदा की स्थिति में चारधाम यात्रियों को उक्त स्थलों पर ठहराने हेतु इनकी क्षमता तथा कितने समय हेतु ठहराया जा सकता है का भी डाटा तैयार कर लिया जाए ।
3. माह अक्टूबर 2024 से पुनः प्रारम्भ होने वाली चारधाम यात्रा हेतु बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री एवं यमुनोत्री के लिए पूर्व में ही योजना बना लिया जाए कि चारधाम यात्रा में कितनी संख्या में वाहनों का आवागमन होगा तथा आपात स्थिति में किन-किन स्थानों पर कितने यात्रियो को ठहराया जा सकता है इस हेतु वैज्ञानिक तरीके से विश्लेषण कर लिया जाए ।
4. चारों धामों में मंदिर प्रांगण में यात्रीयों को लम्बी कतार में दर्शन हेतु खड़े ना रहे इस हेतु टोकन व्यवस्था अपनाये जाने हेतु अगले वर्ष होने वाली चारधाम यात्रा में विचार किया जाए और डिस्पले के माध्यम से टोकन नं0 को प्रदर्शित करने की व्यवस्था पर भी कार्य करें । जिसके अन्तर्गत यात्रियों के स्लाटस बनाकर पंक्ति को चलाया जायेगा। जिसके आधार पर यात्री को यह लाभ होगा कि यात्रियों को अनावश्यक ख़डें रहने से निजात मिलेगी और देर में नं0 आने की दशा में यात्री विश्राम भी कर सकता है।
5. यात्रा प्लान को राज्य की आर्थिकी से कैसे जोड़ा जाए जिससे स्थानीय व्यापारियों को भी इस यात्रा का लाभ प्राप्त हो सके इस बिन्दु को भी अग्रिम चारधाम यात्रा योजना में सम्मलित किया जाए।