दून विश्वविद्यालय में रजत जयंती वर्ष पर लोक एवं शास्त्रीय नृत्य कार्यशाला का आयोजन

देहरादून। दून विश्वविद्यालय के थिएटर विभाग एवं उत्तराखंड संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में विश्वविद्यालय की रजत जयंती वर्षगांठ के उपलक्ष्य में “लोक एवं शास्त्रीय नृत्य कार्यशाला” का आयोजन किया जा रहा है। यह पांच दिवसीय कार्यशाला विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित की जा रही है, जिसका समापन “निनाद महोत्सव” के दौरान एक विशेष नृत्य प्रस्तुति के रूप में किया जाएगा।

कार्यशाला में विश्वविद्यालय के 50 से अधिक छात्र-छात्राएं भाग ले रहे हैं, जो उत्तराखंड की समृद्ध लोक संस्कृति एवं भारतीय शास्त्रीय नृत्य की विभिन्न शैलियों का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।शास्त्रीय नृत्य का प्रशिक्षण प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना एवं कोरियोग्राफर शिवानी मिश्रा, निदेशक शिवोहम प्रोडक्शन, के निर्देशन में कराया जा रहा है। उनके साथ सौरभ त्रिपाठी और श्रीष्टी तिवारी सह-प्रशिक्षक के रूप में सहयोग दे रहे हैं।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल ने कहा,“लोक और शास्त्रीय नृत्य हमारी सांस्कृतिक जड़ों का जीवंत प्रतीक हैं। ऐसे आयोजन न केवल छात्रों को हमारी संस्कृति से जोड़ते हैं, बल्कि उनकी सृजनात्मकता और अभिव्यक्ति की क्षमता को भी निखारते हैं।”प्रो. एच.सी. पुरोहित, निदेशक, ने कहा कि यह कार्यशाला नृत्य के माध्यम से अभिव्यक्ति की विविधता और संवेदनशीलता को सिखाने का एक उत्कृष्ट प्रयास है।
इस अवसर पर प्रो. राजेश कुमार, डॉ. चेतना पोखरियाल, कुलसचिव श्री दुर्गेश डिमरी, डॉ. अजीत पंवार एवं डॉ. कैलाश कंडवाल ने भी छात्रों के उत्साह और नृत्य प्रदर्शन की सराहना की।कार्यशाला ने विश्वविद्यालय परिसर को संस्कृति, सृजनशीलता और परंपरा की एक जीवंत छटा से भर दिया है।
