धामी सरकार ने बड़ा कदम उठाया: यूकेएसएसएससी परीक्षा नकलकांड की होगी सीबीआई जांच

देहरादून। उत्तराखंड में चर्चित अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) परीक्षा नकलकांड अब सीबीआई (CBI) के हवाले होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को इस मामले की सीबीआई जांच की संस्तुति को हरी झंडी दे दी है। धामी सरकार का कहना है कि यह निर्णय युवाओं के हितों और भविष्य की पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
हाल ही में मुख्यमंत्री धामी खुद परेड ग्राउंड पर बेरोजगार संघ के धरना स्थल पर पहुंचे थे। यहां उन्होंने प्रदर्शनकारियों से सीधे संवाद किया और सीबीआई जांच कराने का ऐलान किया था। युवाओं को भरोसा दिलाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा था कि पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस दिशा में किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा।
मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट कहा कि युवाओं के मन में किसी भी प्रकार की शंका या संदेह नहीं रहना चाहिए। यही कारण है कि राज्य सरकार ने इस पूरे मामले को राज्य स्तरीय जांच एजेंसियों तक सीमित रखने के बजाय केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंपने का फैसला किया है। सीबीआई की गहन और निष्पक्ष जांच से दोषियों को कानून के दायरे में लाकर कठोरतम सजा दी जाएगी। सीबीआई जांच की संस्तुति को लेकर बेरोजगार संगठनों और युवाओं ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है। वहीं विपक्षी दलों ने कहा है कि अब देखना होगा कि जांच किस तरह से आगे बढ़ती है और क्या वाकई “बड़े चेहरे” कानून के शिकंजे में आते हैं।
सीबीआई की जांच से यह तय होगा कि पेपर लीक और नकल के पीछे कौन-कौन से तंत्र सक्रिय थे, और इसमें किन अधिकारियों, कर्मचारियों या माफिया का हाथ था। युवाओं को अब उम्मीद है कि इस कदम से उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं को लेकर नई पारदर्शी व्यवस्था स्थापित होगी।
क्या है पूरा मामला?
- यूकेएसएसएससी स्नातक स्तर की परीक्षा में नकल और पेपर लीक के आरोप सामने आए थे।
- छात्रों और बेरोजगार संघ ने कई जगह आंदोलन और विरोध प्रदर्शन किए।
- सरकार पर भर्ती घोटाले को दबाने के आरोप लगे थे।
- अब सरकार ने मामला सीबीआई को सौंपकर निष्पक्ष जांच का रास्ता खोल दिया है।