बड़ी खबर…..उत्तराखंड को मिला देश के सबसे बड़े कानून यूसीसी का ड्राफ्ट
देहरादून। उत्तराखंड सरकार को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का ड्राफ्ट मिल गया है। यूसीसी के लिए गठित विशेषज्ञ समिति की अध्यक्ष रंजना देसाई की मौजूदगी में समिति के सदस्यों ने आज (शुक्रवार) को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री आवास में हुए सादे समारोह में ड्राफ्ट सौंप दिया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चुनाव के दौरान जनता से वायदा किया था कि सत्ता में आये तो उत्तराखंड में देश का सबसे बड़ा कानून समान नागरिक संहिता लागू किया जाएगा। इसके लिए पांच सदस्य कमेटी गठित की गई। कमेटी ने अलग अलग इलाकों में जनसुनवाई, बैठकें कर करीब दो साल के बाद ड्राफ्ट तैयार किया है। आज मुख्यमंत्री धामी को कमेटी की अध्यक्ष रंजना देसाई के साथ सभी सदस्यों ने मुख्यमंत्री को ड्राफ्ट सौंपा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड की देवतुल्य जनता से जो वादा किया था, वह पूरा होने वाला है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में यह महत्वपूर्ण कार्य शुरू किया गया है। सभी के सहयोग से इसको अंजाम तक पहुंचाएंगे। ड्राफ्ट मिल गया है, अब इसका विधिक परीक्षण, चर्चा कर विधानसभा में पेश किया जाएगा। यहां विधेयक लाने के बाद इस कानून के रूप में लागू किया जाएगा। इधर, विधानसभा सत्र पांच से आठ फरवरी तक आहूत किया गया है। उत्तराखंड सरकार की ओर से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) बिल छह फरवरी को विधानसभा में पेश किया जाएगा। सत्र से पहले विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण की अध्यक्षता में कार्यमंत्रणा की बैठक में सदन संचालित करने के लिए एजेंडा तय किया जाएगा।
यूसीसी पर सबसे पहले हुआ फैसला
बता दें कि पुष्कर सिंह धामी दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अपने वायदे के अनुसार 23 मार्च 2022 को हुई पहली मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य में नागरिक संहिता कानून (यूसीसी) लागू करने का फैसला किया। यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए 27 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजना देसाई की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति गठित कर दी गई।
यह है पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति
सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजना देसाई की अध्यक्षता में गठित समिति में दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रमोद कोहली, उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल और सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़ शामिल हैं।
क्या है समान नागरिक संहिता:
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) में देश में निवास कर रहे सभी धर्म और समुदाय के लोगों के लिए समान कानून की वकालत की गई है। अभी हर धर्म और जाति का अलग कानून है, इसके हिसाब से ही शादी, तलाक जैसे व्यक्तिगत मामलों में निर्णय होते हैं। यूसीसी लागू होने के बाद हर धर्म और जाति के नागरिकों के लिए विवाह पंजीकरण, तलाक, बच्चा गोद लेना और सम्पत्ति के बंटवारे जैसे मामलों में समान कानून लागू होगा।