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उत्तराखंड में चौफाल लगाकर जज ने दी सुलभ और सस्ते न्याय की जानकारी, जन जन तक कानूनी सेवा पहुंचाने का संकल्प

देहरादून। जन जन तक कानूनी सेवा पहुंचे, इसके लिए विधिक जागरूकता की जरूरत है। कई बार जानकारी के अभाव में पीड़ित को न्याय नहीं मिलता है। जबकि आम जनों को सुलभ एवं सस्ते न्याय दिलाने के लिए हर जिले और राज्य में विधिक सेवा प्राधिकरण बना है। प्राधिकरण समाज के आर्थिक कमजोर और अन्य जरूरतमंद लोगों को न्याय दिलाने में संकल्पकृत है।

जनपद चमोली के गोपेश्वर स्थित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की और से इन दिनों विधिक साक्षरता शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। पैनइंडिया अभियान के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सिविल जज (सीनियर डिवीजन) सिमरनजीत कौर ने  शिविर में कहा कि समाज के कमजोर वर्गों जो आर्थिक या अन्य निर्योग्यता के कारण न्याय प्राप्त करने से वंचित रहते हैं, उनको निशुल्क विधिक सेवा उपलब्ध कराना तथा सुलभ एवं सस्ते न्याय की व्यवस्था है। उन्होंने दशोली प्रखंड के किलोडी गांव एवं जिला मुख्यालय के विकासनगर हल्दापानी वार्ड में आयोजित शिविर में आमजनों को कानूनी सेवा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दी। सचिव ने कहा कि हमारा संविधान प्रत्येक व्यक्ति को गरिमामय जीवन जीने के लिए अधिकार प्रदान करता है। संविधान में आम लोगों को कई अधिकार प्राप्त हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति के साथ किसी भी प्रकार का शोषण एवं उत्पीड़न नहीं होना चाहिए। यह तभी संभव है जब प्रत्येक व्यक्ति को विधिक जानकारी हो। उन्होंने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकरण के तहत राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं तहसील विधिक सेवा प्राधिकरण अस्तित्व में है। लेकिन कई बार लोगों को इसकी जानकारी न होने से कानूनी सेवा के लिए भटकना पड़ता है। उन्होंने समितियों के कार्य की जानकारी विस्तृत रूप से लोगों को समझाया।

प्राधिकरण की सचिव ने कहा कि पैनइंडिया अभियान के तहत जनपद के सभी गांव में पैरा लीगल स्वयं सेवकों के माध्यम से घर घर जाकर लोगों को विधिक सेवा प्राधिकरण के बारे में अवगत कराने पर भी जोर दिया। कहा
कि देश में विधिक सेवा प्राधिकरण का उद्देश्य निशुल्क कानूनी सहायता उपलब्ध कराना है। इससे समाज में महिलाओं, वृद्धजनों, भूतपूर्व सैनिकों, आर्थिक और शारीरिक कमजोरी के कारण असमर्थ व्यक्तियों एवं असहाय और निर्बल वर्ग के लिए विधिक सेवा प्राधिकरण एवं विधिक सेवा समितियों के माध्यम से जनमानस को सुलभ न्याय सुनिश्चित किया जाता है। इस मौके पर अधिवक्ताओं, समाज के जागरूक लोगों और आमजनों ने शिविर में भाग लिया है।

इन्होंने ने महत्वपूर्ण जानकारी

इस अवसर पर पैरा लीगल स्वयंसेवक एवं हिमाद समिति के सचिव उमाशंकर बिष्ट ने कहा कि विगत 31 अक्टूबर से 13 नवंबर 2022 तक विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से अभियान संचालित कर लोगों को विधिक जानकारी के साथ ही विभिन्न लोक कल्याणकारी योजनाओं बच्चों और महिलाओं संबंधित विभिन्न कानून के बारे में घर घर जाकर जागरूक किया जा रहा है । साथ ही उन्होंने पोस्टर और बैनर के माध्यम से समुदाय में विधिक जागरूकता के लिए पैरा लीगल स्वयंसेवक के संदर्भ में भी अवगत कराया । उन्होंने कहा कि गांव स्तर पर पंचायत प्रतिनिधि सामाजिक संगठनों के सदस्य महिला संगठनों के पदाधिकारियों स्वयं सहायता समूह के सदस्यों आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं तथा आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से भी लोगों को विधिक जानकारी दी जा रही है। उन्होंने समाज की सभी व्यक्तियों से अनुरोध किया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की दिशा निर्देशानुसार संचालित इस अभियान में सहयोग देकर समाज की कमजोर एवं निर्बल वर्गों को विधिक रुप से सशक्त करने में अपना योगदान प्रदान करेंगे । इस अवसर पर अध्यापिका जया चौधरी ने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से संचालित यह अभियान समाज को सशक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। अभियान में बाल कल्याण समिति की सदस्य उषा रावत अधिवक्ता गीता बिष्ट, पैनल अधिवक्ता शंकर सिंह मनराल, सामाजिक कार्यकत्री अनीता नेगी ,उम्मा थपलियाल, हिमाद समिति के दीपक नेगी सहित कई लोगों ने विचार व्यक्त किए।

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