अपराधउत्तराखंडएसटीएफ की बड़ी कार्रवाई

उत्तराखंड में “मुन्ना भाईयों” का गैंग बनाने वाला “सरगना” गिरफ्तार, 36 से ज्यादा लोगों को बांटी “डॉक्टर” की डिग्री

देहरादून। उत्तराखंड में फर्जी डॉक्टरों की भर्ती यानी डिग्री बांटने वाला मास्टरमाइंड इमलाख एसटीएफ के हत्थे चढ़ गया है। एसटीएफ जांच में आरोपी राज्य में करीब 36 से ज्यादा लोगों को फर्जी मुन्ना भाइयों को डिग्री दे चुका है। जबकि अभी जांच में कई और जानकारियां सामने आ रही है। एसटीएफ की टीम इमलाख के उत्तराखंड कनेक्शन की जांच कर रही है। सब कुछ ठीक रहा तो जल्द बड़े खुलासे की उम्मीदें हैं।

उत्तराखण्ड एसटीएफ ने फर्जी बीएएमएस डाॅक्टरों की फर्जी डिग्री तैयार करने वाले मास्टर माइन्ड इमलाख को अजमेर से किया गिरप्तार। आरोपी बाबा ग्रुप आफ काॅलेज का चेयरमेन तथा दसवीं पास। इमलाख मुजफ्फनगर कोतवाली का हिस्ट्रीशीटर है। उत्तराखण्ड एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने बताया कि विगत माह में एसटीएफ द्वारा उत्तराखण्ड में प्रैक्टिस कर रहे बी0ए0एम0एस0 की फर्जी डिग्री वाले आयुर्वेदिक चिकित्सकों के गिरोह का भण्डाफोड़ किया गया था, जिसकी विवेचना जनपद देहरादून पुलिस द्वारा की जा रही है। इस गिरोह का मास्टर माइण्ड इमलाख पुलिस की पकड़ से बाहर चल रहा था, तथा उसकी गिरप्तारी पर 25 हजार रूपये का ईनाम घोषित किया गया था।

36 डॉक्टरों को किया चिन्हित

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल द्वारा यह भी बताया गया कि एसटीएफ की जांच में आर्युवेदिक डॉक्टरों के फर्जीवाड़ा में करीब 36 डॉक्टरों को चिन्हित किया गया था तथा जांच में प्रकाश में आया था कि आयुर्वेदिक चिकित्सकों की फर्जी डिग्री राजीव गांधी हेल्थ एण्ड साईंस यूर्निवसिटी कर्नाटका के नाम से बाबा ग्रुप ऑफ काॅलेज मुजफफरनगर के मालिक इमरान और इमलाख द्वारा तैयार की गयी थी। जिसको लेकर थाना नेहरूकालोनी देहरादून में मुकदमा एसटीएफ की ओर से दर्ज कराया गया था। जिसकी जांच देहरादून एसआईटी द्वारा की जा रही है। एसटीएफ ने शुरूवात में दो फर्जी चिकित्सकों प्रीतम सिंह एवं मनीष अली को गिरप्तार किया गया था तथा पूर्व में एसटीएफ की टीम द्वारा बाबा ग्रुप आॅफ काॅलेज मुजफ्फरनगर में दबिश देकर इमरान पुत्र इलियास निवासी शेरपुर मुजफ्फरनगर को काॅलेज से ही गिरप्तार किया गया, था जिसके कब्जे से एसटीएफ को कई राज्यों की युनिर्वसिटियों की फर्जी ब्लैंक डिग्रियां, फर्जी मुद्राएं एवं फर्जी पेपर एवं कई अन्य कूट रचित दस्तावेज बरामद हुए थे।

मुजफफरनगर का कुख्यात हिस्ट्रीशीटर

जांच के दौरान फर्जी डिग्री बनाने का मास्टरमाइंड एवं मुख्य अभियुक्त इम्लाख का नाम पता प्रकाश में आया जो कि बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज का मुख्य स्वामी है। जिसकी गिरप्तारी के लिये एसटीएफ तभी से निरन्तर प्रयास कर रही थी। इमलाख के बारे में जानकारी की गयी तो वह कोतवाली मुजफफरनगर का कुख्यात हिस्ट्रीशीटर है। इसके द्वारा अपने भाई इमरान के साथ बरला थाना क्षेत्र मुजफ्फरनगर में बाबा ग्रुप ऑफ काॅलेज के नाम से मेडिकल डिग्री काॅलेज भी खोला हुआ है जो कि बीफार्मा,बीए, बीएससी, आदि के कोर्स संचालित करता है।यह भी जानकारी हुई कि इम्लाख बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज, मुजफ्फरनगर का स्वामी है एवं इसके विरुद्ध फर्जी डिग्री दिलवाने के कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, इसे यूपी का सबसे बड़ा शिक्षा माफिया कहा जाता है। *मुकदमा दर्ज होने के तुरंत बाद मुख्य अभियुक्त इम्लाख अपना मोबाइल बंद कर मुजफ्फरनगर से फरार हो गया था एवं अपनी गिरफ्तारी से बच रहा था जिसकी गिरफ्तारी पर उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय देहरादून द्वारा ₹25000 का इनाम घोषित किया गया ।*

अजमेर से किया गिरफ्तार

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल द्वारा बताया गया कि दिनांक 1 फरवरी 2023 को एसटीएफ टीम को सूचना प्राप्त हुई की इम्लाख अजमेर में छुप कर रह रहा है एसएसपी एसटीएफ के निर्देश पर एक टीम देहरादून से जयपुर के लिए रवाना हुई। एसटीएफ टीम द्वारा दिनांक 02 फरवरी को मुखबिर की सूचना एवं टेक्निकल स्पोर्ट से अभियुक्त इम्लाख को किशनगढ़ जिला अजमेर राजस्थान से गिरफ्तार किया गया।*

आरोपी से ये हुई बरामदगी

ईनामी अपराधी की गिरफ्तारी की सूचना इस मामले में जनपद की एसआईटी को दी गयी है तथा विवेचक को बुलाकर ईनामी अपराधी उनके सुपुर्द किया गया है। गिरफ्तार अभियुक्त इम्लाख की निशादेही पर विवेचक द्वारा बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज मु0नगर से कई युनिर्वसिटीज की जाली दस्तावेज/ फर्जी डिग्री इत्यादि एवं जाली मोहर बरामद हुए है।।

आपराधिक इतिहास

इम्लाख मुज्जफरनगर थाना सदर का हिस्ट्री शीटर है। जिसके विरुद्ध धोखाधड़ी मारपीट बलवे के कई आपराधिक मामले दर्ज हैं जिनका विवरण संलग्न है।

एसटीएफ टीम:

निरीक्षक अबुल कलाम, उप निरीक्षक यादवेंद्र बाजवा, उपनिरीक्षक दिलबर सिंह नेगी, हेड कांस्टेबल संजय कुमार, हेड कांस्टेबल संदेश यादव, कांस्टेबल महेंद्र नेगी, कॉन्स्टेबल मोहन असवाल, पुलिस टीम –si सुनील नेगी,si अमित ममगाईं।

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