उत्तराखंड में यहां मनाई जा रही पौराणिक और सांस्कृतिक विरासत से जुड़ी बाल, बेटी और भव्य भैलू “बग्वाल”,
देहरादून। उत्तराखंड में पौराणिक और सांस्कृतिक लोकपर्वों की लम्बे फेरहिस्त हैं, जो आज भी अलग अलग अंदाज और परम्पराओं के साथ राज्यभर में मनाए जाते हैं। इन्हीं में से एक उत्तरकाशी जिले की बाड़ाहाट की बग्वाल (मंगसिर की बग्वाल) भी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और वैभवशाली इतिहास को समेटे हुई है। इस साल भी मंगसिर की बग्वाल को बड़े धूमधाम से मनाने का निर्णय लिया है। तीन दिन के इस भव्य और दिव्य लोकपर्व को बाल, बेटी और भैलू बग्वाल के रूप में 10 से 12 दिसम्बर तक मनाया जाएगा। इसके लिए आयोजनकर्ता ने जिम्मेदारी बांटते हुए तैयारियां शुरू कर दी हैं।
दरअसल, उत्तरकाशी जिला देवभूमि उत्तराखंड की महान संस्कृति तथा परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है। यहां धार्मिक, पर्यटन और सांस्कृतिक आयोजन वर्षभर चलते हैं। सदियों से इनका केंद्रबिंदु बाड़ाहाट रहा है। इनमें माघ मेला यानी बाड़ाहाट का थौला, वारुणी यात्रा, हरि महाराज की जातरा, कांडर भैरव की पूजा जैसे कई आयोजन होते रहते हैं। इन्हीं में से एक मंगसिर की बग्वाल का लोकपर्व पर्व भी अलग स्थान रखता है। जिले का सामाजिक संगठन अनघा फाउंडेशन इस आयोजन की जिम्मेदारी कई सालों से संभाले हुए है। इस बार भी फाउंडेशन ने इस आयोजन को भव्य और दिव्य रूप देकर यादगार बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए आज अनघा फाउंडेशन की बैठक काशी विश्वनाथ मंदिर प्रांगण में आयोजित की गई। जिसमें बग्वाल की तैयारी की अंतिम रूपरेखा प्रस्तुत की गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि इस वर्ष तीन दिवसीय बग्वाल को तीनों दिन अलग – अलग रुपों में मनाया जाएगा। प्रथम दिवस 10 दिसंबर को *बाल बग्वाल* के रूप में मनाई जाएगी जिसमें सिर्फ बच्चों द्वारा कार्यक्रम प्रस्तुत किए जायेगे, द्वितीय दिवस 11 दिसंबर को मातृशक्ति के नाम पे *बेटी बग्वाल* मनाई जाएगी जिसमें सिर्फ महिलाओं द्वारा कार्यक्रम प्रस्तुत किए जायेगे और तृतीय दिवस 12 दिसंबर को मुख्य बग्वाल यानी भैलू बग्वाल का आयोजन किया जाएगा।
शहर में तीन दिन चलेंगे ये कार्यक्रम
तीनों दिन नगर मे सांस्कृतिक यात्रा निकाली जाएगी साथ ही स्कूली बच्चों की शैक्षणिक प्रतियोगिता- गढ़ चित्रण, गढ़ भाषण, गढ़ औखाण् ,देव डोली छुलाई, खेलकूद प्रतियोगिता-तीन टांग दौड़, रस्साकशी, पीठागराम,भैलु नृत्य, रासो नृत्य एवम अन्य कार्यक्रम) आयोजित किए जाएंगे।
रस्साकसी प्रतियोगिता रहेगी आकर्षण
इस वर्ष मुख्य आकर्षक महिलाओं और पुरूषों की रस्साकसी प्रतियोगिता मुख्य आकर्षण रहेगा. साथ ही गढ़ संग्रहालय मे पौराणिक वस्तुओं के साथ ही उत्तरकाशी इतिहास के झरोखों से चित्र प्रदर्शनी व गढ़ भोज में गढ़वाल के लजीज़ व्यंजनों का आनंद ले सकेंगे।
बैठक में इनको सौंपी जिम्मेदारी
बैठक में अनघा के अध्यक्ष राघवेन्द्र उनियाल, संयोजक अजय पुरी, सचिव सुभाष कुमाई, शूरवीर मार्टोलिया, कन्हैया सेमवाल, महेश उनियाल, कृष्णा बिजलवान, प्रताप बिष्ट, महेन्द्र पाल परमार, ममता रावत, कुसुम रेखी, रेशमा चौहान, रजनी चौहान, रमा डोभाल, मनोज भंडारी, जगमोहन चौहान, मंगल चौहान, पृथ्वी राणा, अंकित ममगाई, अशोक सेमवाल ,पारस कोटनाला, दुर्गा पंवार, रेखा चौहान आदि शामिल रहे।