
देहरादून। राजधानी में रिलायंस ज्वेलरी शोरूम डकैती मामले में पुलिस के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है। पुलिस ने गैंग को कार समेत अन्य मामले में मदद करने वाले दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। दोनों से वैशाली थाने में पूछताछ चल रही है। हालांकि अभी पुलिस को मुख्य आरोपियों और लूट का सामान बरामद करना बाकी है। लेकिन पुलिस जिस तरह से कड़ी से कड़ी जोड़ रही है, उससे जल्द खुलासे की उम्मीद की जा रही है।
राजधानी के राजपुर रोड पर दिन दहाड़े हुईं 14 करोड़ ( पुलिस के अनुसार) के जेवरातों की लूट मामले में पुलिस पिछले 9 नवम्बर से देशभर में बदमाशों की धरपकड़ में लगी हुई है। स्वयं कप्तान अजय सिंह भी टीम के साथ दूसरे राज्यों में डेरा डाले हुए हैं। इसी का परिणाम रहा कि आज पुलिस के हाथ पहली कामयाबी के रूप में दो बदमाश पकड़ में आये। एसएसपी अजय सिंह के अनुसार वारदात में शामिल अभियुक्तों को फंडिंग करने वाला संदिग्ध शातिर और षड्यंत्र में शामिल अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया है। जबकि अन्य अभियुक्तों सहित कई अभी रडार पर हैं। बिहार में दून पुलिस द्वारा गिरफ्तार अभियुक्त अमृत के मोबाइल से महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। साथ ही विशाल कुमार को भी बदमाशों को लॉजिस्टिक मुहैया कराने और घटना के साक्ष्य जैसे अभियुक्त द्वारा घटना के दौरान पहने कपड़े, टोपी आदि के साथ षड्यंत्र में शामिल होने पर गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार अभियुक्त विशाल गैंग के सदस्यों को वर्चुअल फोन प्रोवाइड करवाता था। जिससे गैंग के सदस्यों का लोकेशन ट्रेस करना काफी मुश्किल था। इसके साथ ही गैंग के सदस्य olx से ही वारदात को अंजाम देने के लिए वाहन खरीदते थे। गैंग के सदस्य ज्यादातर घटनाओं में पोर्टेबल सिग्नल जैमर का भी इस्तेमाल करते थे, ताकि कोई भी वारदात की सूचना पुलिस को न दे सके।
मध्यप्रदेश और बिहार में ताबड़तोड़ दबिश
राज्य स्थापना दिवस के दिन रिलायंस शोरूम में करोड़ों की लूट में अब तक की जांच में पुलिस को कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त हुई है। कटनी तथा लातूर, सांगली में भी हुई इसी प्रकार की घटनाओं की जानकारी पर टीमों द्वारा घटनाओं की जानकारी में पाया कि उक्त गैंग द्वारा बेहद शातिराना तरीके से घटनाओं का अंजाम दिया जाता था। उनके द्वारा घटना करने के दौरान पोटेबल सिगनल जैमर का इस्तेमाल किया जाता था, जिससे मौके पर कोई सेंसर ट्रिगर ना हो पाए और ना ही कोई फोन कॉल हो पाए। कटनी(मध्य प्रदेश)नतथा सांगली (वेस्ट बंगाल)की घटनाओं में भी अभियुक्तों द्वारा पोर्टेबल सिगनल जैमर का इस्तेमाल किया जाना प्रकाश में आया है। इसके अतिरिक्त अभियुक्तों द्वारा घटनाओं को करने के लिए या तो चोरी की गाड़ियों का इस्तेमाल किया जाता था या फर्जी आईडी पर OLX से गाड़ियां खरीद कर उन गाड़ियों से घटनाओं का अंजाम दिया जाता था। देहरादून में हुई घटना में अभियुक्तों द्वारा चोरी की वाहनों का इस्तेमाल किया गया था जबकि लातूर व कटनी में अभियुक्तो द्वारा OLX के माध्यम से फर्जी आई0डी0 पर गाड़ियां खरीदी गई थी। घटनाओं के दौरान आपस में संपर्क करने के लिए अभियुक्तो द्वारा पश्चिम बंगाल तथा बिहार की फर्जी आईडी पर सिम ख़रीदे जाते थे, जिन्हें घटना करने के बाद नष्ट कर दिया जाता था।
वैशाली में चल रही बदमाशों से पूछताछ
बिहार के वैशाली में दून पुलिस को अभियुक्तों (operational secret hideout हाउस) के बारे में जानकारी प्राप्त हुई जिसे गैंग द्वारा ( hideout control) के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। देहरादून घटना के शामिल अभियुक्तो द्वारा भी यही से कंट्रोल किया जा रहा था। घटना को अंजाम देने से पूर्व अभियुक्तों द्वारा उक्त स्थान पर एकत्रित हुए थे तथा यही से अपने टास्क के लिए रवाना होते थे। टास्क पूरा करने के उपरांत अभियुक्त पुनः उसी पूर्व निर्धारित कंट्रोल हाईड आउट हाउस में ही मिलते थे तथा उसके बाद आगे की रणनीति तय करते थे। पुलिस द्वारा वैशाली में उक्त हाईड आउट हाउस में दबिश देकर देहरादून की घटना में शामिल अभियुक्तों के महत्वपूर्ण साक्ष्यों को बरामद किया गया है, इसी सीक्रेट हाइड आउट हाउस में टास्क देने के साथ-साथ गैंग के सदस्यों को हथियार, पैसे व गाड़ियों की जानकारी व सिमकार्ड और मोबाइल, कपड़े सभी सामान उपलब्ध कराया जाता था।
वारदात को फंडिंग की जानकारी मिली
इसके अतिरिक्त किसी घटना के समय अभियुक्तो को की जाने वाली फंडिंग के संबंध में भी पुलिस टीम को काफी महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं जिससे यह जानकारी प्राप्त हुई है की गैंग सरगना द्वारा जेल के अंदर से ही अभियुक्त को घटना के दौरान पैसे ट्रांसफर करवाए जाते थे।
नजीबाबाद के कनेक्शन की कर रहे जांच
देहरादून में घटित घटना से पूर्व भी घटना में शामिल अभियुक्तो के खातों में पैसों का ट्रांजैक्शन होना पाया गया है तथा अभियुक्तों द्वारा हरिद्वार के गेस्ट हाउस में रुकने के दौरान जो कपड़े घटना के दौरान पहने गए थे। वह कपड़े हरिद्वार से जाकर नजीबाबाद के एक स्टोर से खरीदे जाने की जानकारी मिली है। नजीबाबाद से भी पुलिस टीम द्वारा अभियुक्तों के विरुद्ध ठोस सबूत मिले है।साथ ही अंबाला में गिरफ्तार अभियुक्त रोहित जो वेस्ट बंगाल की घटना में शामिल अभियुक्तों को फंडिंग कर रहा था, वही कनेक्शन बिहार में दून पुलिस द्वारा गिरफ्तार अभियुक्त अमृत के मोबाइल से बरामद हुआ है, साथ ही विशाल कुमार को भी लॉजिस्टिक मुहैया कराने और घटना के साक्ष्य जैसे अभियुक्त द्वारा घटना के दौरान पहने कपड़े, टोपी आदि के साथ षड्यंत्र में शामिल होने पर गिरफ्तार किया गया है अभियुक्त विशाल गैंग के सदस्यों को वर्चुअल फोन प्रोवाइड करवाता था जिससे गैंग के सदस्यों का लोकेशन ट्रेस करना काफी मुश्किल था।
यमुनानगर में असफल रहे बदमाश
इसी माह के 8 नवंबर को यमुनानगर ज्वेलरी शॉप पर पांच बदमाशो ने हथियारों के बल पर शॉप लूटने की कोशिश की थी, पर दुकान वालों की समझदारी से घटना करने में नाकाम रहे। चार बदमाश भाग गए व एक बदमाश पवन को दुकानदारों ने हथियार सहित पड़कर पुलिस के हवाले किया। जिसने पूछताछ पर बताया की उनका गैंग दो माह पहले से यमुनानगर के पास मकान किराए पर लेकर रह रहा था। दिनांक 08/09/23 को यमुनानगर में उन्होंने पूर्व से योजना के तहत घटना करने का प्रयास किया परंतु पकड़े गए।अभियुक्त गण 03 मोटरसाइकिल में आए थे व 04 बदमाश 02 मोटरसाइकिल लेकर भाग गए। गिरफ्तार अभियुक्त पवन ने बताया की सुबोध गैंग के सक्रिय सदस्य ही देहरादून में घटना करने आये थे जिनके बारे में पूछताछ में अहम सुराग दून पुलिस को मिले है। अभी तक उपरोक्त प्रकरण में बिहार में दून पुलिस द्वारा दो लोग को गिरफ्तार किया गया है जिनका ट्रांजिट रिमांड न्यायालय से लिया जायेगा।