उत्तराखंडभ्रष्टाचार पर बड़ी कार्रवाईसरकार का फैसला

उत्तराखंड में भ्रष्टाचार रोकने को सरकार देगी पैसा, ट्रैप मनी से ऐसे जाल में फंसेंगे बड़े भ्रष्टाचारी

देहरादून। उत्तराखंड में भ्रष्टाचार रोकने तथा भ्रष्टाचारियों को सलाखों के भीतर डालने को सरकार ने देश के चुनिंदा राज्यों की तर्ज पर ट्रैप फंड को स्वीकृति दे दी है। यानी अब भ्रष्टाचारियों को पकड़वाने के लिए सरकार फंड देगी और छोटा-बडा भ्रष्टाचारी जेल में होगा। इसके लिए सरकार ने राज्य विजिलेंस को दो करोड़ का रिवाल्विंग फंड आज स्वीकृत कर दिया है। सरकार के इस निर्णय से भ्रष्टाचारियों पर बड़ा प्रहार तय है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने भ्रष्टाचारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी कर दी है। विजिलेंस के टोल फ्री नम्बर से भ्रष्टाचारियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद अब एक और नायब तरीका अपनाते हुए ट्रैप फंड को स्वीकृति दे दी है। इसके तहत सरकार ने भ्रष्टाचारियों को पकड़वाने में रकम देने वाले पीड़ितों को उनकी रकम लौटाने को बजट स्वीकृत किया है। यानी यदि कोई किसी भ्रष्टाचारी को पकड़वाने में अपनी रकम बतौर रिश्वत देता तो यह रकम केस प्रॉपर्टी बन जाती है, जो कोर्ट की लंबी प्रक्रिया के बाद ही वापस मिल पाती है। लेकिन अब सरकार ने इसके बदले पीड़ित को समय पर उसकी रकम लौटाने के लिए रिवॉल्विंग फंड स्वीकृत कर दिया है। इससे अब भ्रष्टाचारियों से परेशान लोग अपनी रकम देने में नहीं कतराएंगे। यानी रिश्वतखोरी में मोटी रकम दी तो वह भी सरकार रिवॉल्विंग फंड से लौटा देगी। यानी कि अब इस फंड से रकम शिकायतकर्ता को दी जाएगी, ताकि भ्रष्टाचारियों को दबोचने में ज्यादा से ज्यादा लोग आगे आएं। अपर सचिव ललित मोहन रयाल की तरफ से निदेशक विजिलेंस को लिखे गए पत्र में कहा गया कि घूसखोरी की रकम अब परिवादियों को जांच अफसर द्वारा दी जाएगी। इसका शासनादेश भी आज जारी हो गया है।।अब इस शासनादेश के मुताबिक रिश्वतखोरी की रकम लौटाने की कार्रवाई राज्य में होगी तथा भ्रष्टाचारियों को पकड़वाने की कार्रवाई भी तेज होगी।

रिवाल्विंग फंड के लिए यह व्यवस्था 
आज जारी शासनादेश के मुताबिक रिवाल्विंग फंड के प्रयोग को लेकर अपर सचिव ललित मोहन रयाल ने विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यह दिशा-निर्देश विजिलेंस निदेशक को भेजे गए पत्र में स्पष्ट किए गए हैं। जिसके मुताबिक दो करोड़ रुपये का इंतजाम राज्य आकस्मिकता निधि से किया गया है। इस राशि को किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में बचत खाता खोलकर जमा कराने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही कहा गया है कि जिस मद में यह राशि स्वीकृत की गई है, उसका प्रयोग उसी मद में किया जाएगा। इसकी अनदेखी किए जाने पर सक्षम अधिकारी का उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाएगा।

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