मतभेदों के बीच अब 31 अक्टूबर व 1 नवंबर को होगा उत्तराखंड एक्स-रे प्राविधिक संगठन का दिवार्षिक अधिवेशन

देहरादून। उत्तराखंड एक्स-रे प्राविधिक संगठन का दिवार्षिक अधिवेशन, जो संगठन के नियमों के अनुसार सात माह पूर्व होना था, अब आठ महीने की देरी के बाद आयोजित होने जा रहा है। संगठन के भीतर लंबे समय से चली आ रही आंतरिक खींचतान और गुटबाजी के कारण अधिवेशन की प्रक्रिया अटकी हुई थी।
पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष राजवीर सिंह गौड़ ने कहा कि वर्तमान संगठन अध्यक्ष, महासचिव एवं अन्य पदाधिकारी अपने कार्यकाल की अवधि पूरी होने के बावजूद अधिवेशन आयोजित करने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि संगठन के चुनाव की तिथि को बार-बार आगे बढ़ाकर अधिवेशन से बचने की कोशिश की जा रही है।गौड़ ने यह भी कहा कि संगठन का उद्देश्य प्राविधिक संवर्ग के हितों की रक्षा करना है, लेकिन जब नेतृत्व ही लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं से दूर हो जाए तो संगठन की साख पर प्रश्नचिह्न लगना स्वाभाविक है।
वहीं, संगठन से जुड़े अभय नेगी ने जानकारी दी कि महानिदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण से परामर्श के बाद अब अधिवेशन की तिथि 31 अक्टूबर और 1 नवंबर तय की गई है। इस दौरान संगठन के आगामी कार्यकाल के लिए नए पदाधिकारियों का चुनाव भी संपन्न कराया जाएगा।संगठन के वरिष्ठ सदस्य विनोद पांडे ने कहा कि यह अधिवेशन पूरे प्राविधिक समुदाय के लिए महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने राज्यभर के एक्स-रे प्राविधिक कर्मचारियों से अपील की कि वे अधिक से अधिक संख्या में अधिवेशन में उपस्थित होकर अपनी भागीदारी और एकजुटता दर्ज करें।अधिवेशन में संगठन के विभिन्न जिला इकाइयों के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे, जिसमें संवर्ग से जुड़े मुद्दों जैसे—पदोन्नति, वेतन विसंगति, सेवा शर्तों में सुधार और कार्यस्थल की सुविधाओं पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
उत्तराखंड एक्स-रे प्राविधिक संगठन प्रदेश के स्वास्थ्य तंत्र की एक अहम इकाई है। संगठन के भीतर लोकतांत्रिक प्रक्रिया और पारदर्शिता बनाए रखना न केवल सदस्यों के हित में है, बल्कि यह पूरे स्वास्थ्य विभाग की कार्यसंस्कृति को भी प्रभावित करता है।
