सीएम धामी ने विद्या भारती प्रतिभा सम्मान समारोह में मेधावी छात्रों को किया सम्मानित

नैनीताल। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को नैनीताल स्थित पार्वती प्रेमा जगाती सरस्वती विहार में विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान उत्तराखंड द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह में हिस्सा लिया। इस अवसर पर उन्होंने उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा में मेरिट लिस्ट में स्थान प्राप्त करने वाले विद्या भारती विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं।
मुख्यमंत्री ने मेधावी छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि यह सम्मान छात्रों में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार करेगा तथा उन्हें भविष्य की सभी परीक्षाओं में भी श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने विद्या भारती संस्थान की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्था भारतीय संस्कृति और राष्ट्रभक्ति के विचारों को आत्मसात करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा योगदान दे रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1952 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रेरणा से शुरू हुए पहले सरस्वती शिशु मंदिर से आज विद्या भारती एक विशाल वृक्ष बन चुका है। वर्तमान में यह संस्था देशभर में लगभग 13,000 औपचारिक एवं 12,000 अनौपचारिक विद्यालयों के माध्यम से 35 लाख छात्रों को शिक्षा और संस्कार प्रदान कर रही है। उत्तराखंड में भी इसका योगदान अनुकरणीय है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने विद्या भारती के सात स्कूलों को सैनिक स्कूल के रूप में स्थापित करने हेतु चयनित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने नई शिक्षा नीति को सबसे पहले लागू करने का कार्य किया। कक्षा 1 से 12 तक सरकारी स्कूलों में निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराई जा रही हैं। कक्षा 1 से 8 तक जूट बैग भी प्रदान किए जा रहे हैं।मुख्यमंत्री मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना के तहत छात्रवृत्ति दी जा रही है। प्रत्येक विकासखंड के हाईस्कूल और इंटर कॉलेज के टॉपर छात्रों को भारत भ्रमण पर ले जाया जा रहा है। उच्च शिक्षा में 20 मॉडल कॉलेज, महिला छात्रावास, आईटी लैब और परीक्षा भवन बनाए जा रहे हैं।ब्रिटेन और इन्फोसिस स्प्रिंग बोर्ड के साथ समझौते से छात्रों को वैश्विक शिक्षा के अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि युवाओं को बेहतर अवसर देने के लिए देश की शीर्ष 100 रैंकिंग वाली संस्थाओं में प्रवेश लेने वाले छात्रों को भी प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया है। पिछले चार वर्षों में 25,000 से अधिक युवाओं को योग्यता और प्रतिभा के आधार पर रोजगार मिला है। उन्होंने हाल ही में सामने आए UKSSSC परीक्षा प्रकरण का उल्लेख करते हुए कहा कि दोषियों पर कठोर कार्रवाई होगी और दूध का दूध, पानी का पानी कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की पाठ्य पुस्तकों में राज्य आंदोलन के जननायकों की गाथाएँ शामिल की गई हैं।‘बस्ता रहित दिवस’ और विरासत पुस्तक जैसी पहल से बच्चों में रचनात्मकता और सांस्कृतिक चेतना विकसित की जा रही है। आईटी सेंटर फॉर हिंदू स्टडीज की स्थापना दून विश्वविद्यालय में की गई है। UPSC, CDS और NDA परीक्षाओं में सफल होने वाले छात्रों को साक्षात्कार की तैयारी हेतु ₹50,000 की वित्तीय सहायता दी जा रही है।
कार्यक्रम में प्रांत प्रचारक डॉ. शैलेंद्र, डॉ. नरेंद्र सिंह भंडारी (अध्यक्ष, अखिल भारतीय शिक्षा समिति उत्तराखंड), विधायक सरिता आर्या, विधायक राम सिंह कैड़ा, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, आयुक्त कुमाऊँ दीपक रावत, आईजी रिद्धिम अग्रवाल, जिलाधिकारी वंदना, एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।