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धराली आपदा: संचार और सड़क व्यवस्था ध्वस्त होने से गंगोत्री तक का क्षेत्र देश -दुनिया से कटा

देहरादून। उत्तरकाशी के हर्षिल और धारली में आई आपदा के बाद संचार और सड़क व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है. इसे हर्षिल घाटी, गंगोत्री धाम समेत अंतरराष्ट्रीय चीन बॉर्डर तक का संपर्क देश दुनिया से कट गया है. यहां गंगानी के पास लिमच्छा गाड़ का पुल बहने से सड़क मार्ग से धारली तक पहुंचाना और कठिन हो गया है. जबकि कई जगह सड़क पर मलबा आने और भूस्खलन सक्रिय होने से भी आवाजाही और जोखिम भरी बनी हुई है, उधर, मौसम खराब होने से हेली से भी रेसक्यू नहीं हो पा रहा है.

सीमांत जनपद उत्तरकाशी के पर्यटक स्थल धराली और हर्षिल में गत दिवस खीर गंगा में बाढ़ आने से भारी तबाही हुई है. यहां खीर गंगा और तिल गाड़ नदी में बादल फटने से हरसिल और धराली का आबादी क्षेत्र, बाजार और सेना का कैंप ध्वस्त हो गया है. इससे बड़ी संख्या में ग्रामीण और व्यवसाय प्रभावित हुए हैं. जानकारी के अनुसार अभी तक इस आपदा में सैकड़ो लोग लापता बताए जा रहे हैं. इसके अलावा सेना के एक दर्जन जवान भी लापता होने की सूचना है. इधर, लगातार गंगोत्री हाईवे पर जगह जगह मलबा आने और भूस्खलन होने से गंगोत्री, हर्षिल घाटी तक सड़क मार्ग से आवाजाही पूरी तरह से बाधित है. इसके अलावा मोबाइल टावर भी आपदा की जद में आने से नेटवर्क ध्वस्त हो गया है. इससे पूरी घाटी, गंगोत्री धाम और चीन बॉर्डर तक का संपर्क पूरी तरह से बाधित है.जबकि गंगनानी और डबरानी के बीच लिमच्छा गाड़ का पुल भी आपदा की भेंट चढ़ गया है. यह पुल गंगोत्री गंगोत्री धाम और हर्षिल को जोड़ने के लिए एकमात्र सड़क मार्ग से जुड़ा है. इसके बाद सिर्फ हेली रेस्क्यू के अलावा कोई दूसरा वैकल्पिक मार्ग गंगोत्री तक के लिए नहीं है. बहराहल सड़क और संचार व्यवस्था ध्वस्त होने से पूरी घाटी का देश दुनिया से संपर्क कट गया है,  वही संचार व्यवस्था भी ध्वस्त होने से लोगों का आपस में 24 घंटो से संपर्क नहीं हो पा रहा है. इससे आपदा प्रभावितों और स्थानीय लोगों को और अधिक परेशानियां उठानी पड़ रही है, हालांकि जिला प्रशासन का कहना है कि जल्द वैकल्पिक पुल और संचार व्यवस्था को शुरू कर दिया जाएगा.

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