Uttarakhandआबकारी विभागउत्तराखंडकैबिनेट बैठक

बड़ी खबर….उत्तराखंड में माल्टा, काफल, सेब, नाशपाती, तिमूर, आडू से बनेगी देशी शराब, बागवानों और किसानों को मिलेगा फायदा

देहरादून।सरकार ने नई आबकारी नीति में किसानों और बागवानों का ध्यान रखते हुए हर साल बर्बाद होने वाले माल्टा, काफल, सेब, नाशपाती,
तिमूर, आडू को अब अनिवार्य रूप से देशी शराब में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा तस्करी और विदेशी शराब बेचने के मनमाने निर्णयों पर भी रोक लग सकेगी। इसके अलावा राज्य में आबकारी राजस्व अर्जन की दृष्टि से प्रथम बार ओवरसीज मदिरा की आपूर्ति के लिये थोक अनुज्ञापन FL-2(O) का प्राविधान किया गया है जिससे कस्टम बॉण्ड से आने वाली ओवरसीज मदिरा के व्यापार को राजस्व हित में नियंत्रित किया जा सकेगा।

सरकार ने आज आज नई आबकारी नीति को कैबिनेट में पास कर दी है। नीति में राज्य की कृषि/बागवानी से जुड़े कृषकों के हित में देशी शराब में स्थानीय फलों यथा कीनू, माल्टा, काफल, सेब, नाशपाती,
तिमूर, आडू आदि का समावेश किया जाना अनुमन्य किया गया है। इसके अलावा मदिरा दुकानों का व्यवस्थापन नवीनीकरण, दो चरणों की लॉटरी, प्रथम आवक प्रथम पावक के सिद्धांत पर पारदर्शी एवं 8 अधिकतम राजस्व अर्जन की दृष्टि से किया जाएगा। नीति में नवीनीकरण उन्ही अनुज्ञापियों का किया जाएगा जिनकी समस्त व्यपगत देयताएं बेबाक हो और प्रतिभूतियाँ सुरक्षित हो। आवेदक को आवेदन पत्र के साथ दो वर्ष का ITR दाखिल करना अनिवार्य होगा। एक आवेदक सम्पूर्ण प्रदेश में अधिकतम तीन मदिरा दुकानें आवंटित की जा सकेंगी।
प्रदेश के समस्त जनपदों में संचालित मदिरा दुकान के सापेक्ष उप दुकान खोले जाने की अनुमति राजस्व हित दी जा सकेगी। देशी मदिरा दुकानों में 36 प्रतिशत v/v तीव्रता की मसालेदार शराब या 25 प्रतिशत v/v तीव्रता की मसालेदार एवं सादा मदिरा एवं विशेष श्रेणी की मेट्रो मदिरा की आपूर्ति के प्राविधान किए गए है। विदेशी / देशी मदिरा के कोटे का अनंतरण कोटे के अधिभार के 10% तक अनुमन्य होगा।
विदेशी मदिरा में न्यूनतम प्रत्याभूत ड्यूटी का निर्धारण कर मदिरा ब्राण्डों का मूल्य विगत वर्षों की भाँति निर्धारित किया गया है, जिससे आबकारी राजस्व सुरक्षित रहें और उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर मदिरा उपलब्ध हो सके। प्रदेश में पर्यटन प्रोत्साहन एवं स्थानीय रोजगार की दृष्टि से पर्वतीय तहसील एवं जनपदों में मॉल्स डिपार्टमेन्टल स्टोर में
मदिरा बिक्री का अनुज्ञापन शुल्क ₹05 लाख (पाँच लाख)/दुकान का न्यूनतम क्षेत्रफल 400 वर्गफुट का प्रविधान किया है। 17. विगत वर्ष से भिन्न स्टार कैटेगरी के अनुसार बार अनुज्ञापन शुल्क निर्धारित किया गया है, इसी प्रकार पर्यटन की दृष्टि से सीजनल बार अनुज्ञापन शुल्क का प्रावधान किया गया है।परंपरागत रूप से अवैध कच्ची शराब के उत्पादन क्षेत्रों में लगातार प्रभावी प्रवर्तन कार्यवाही करने तथा ऐसे क्षेत्रों में वैध मदिरा के विक्रय को प्रोत्साहन करने हेतु उप दुकान का प्राविधान किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button