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उत्तरकाशी के सहस्रताल ट्रैक पर फंसे 22 ट्रैकर, रास्ता भटकने पर 5 की मौत, 17 सकुशल !

देहरादून।  उत्तरकाशी जिले के सिल्ला-कुशकल्याण-सहस्त्रताल ट्रैक पर मौसम खराब होने के कारण फंसे 22 सदस्यीय ट्रैकिंग दल के रेस्क्यू आज भी जारी रहा। एसडीआरएफ और जिला प्रशासन ने रास्ता भटकने से ठंड के कारण मृतक 5 ट्रैकरों को हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर पोस्टमार्टम को जिला अस्पताल पहुंचा दिया है। जबकि 11 ट्रैकरों को हेलीकॉप्टर और 2 को पैदल मार्ग से रेस्क्यू किया गया है। बाकी 4 ट्रैकरों को सहस्रताल बेस कैम्प से रेस्क्यू करने का कार्य जारी है।

जिला प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक सिल्ला-कुशकल्याण-सहस्त्रताल ट्रैक पर मौसम खराब होने के कारण 22 ट्रैकर फंस गए थे। इनमें से 11 ट्रैकर्स वायु सेना के हैलीकॉप्टर द्वारा नटीण हैलीपैड में लाये गये, जिसमें 02 सिविल हैलीकॉप्टर के माध्यम से 08 ट्रैकर्स को सहस्त्रधारा देहरादून छोड़ा गया है। 03 ट्रैकर्स अभी नटीण में हैं, जिन्हे जिला मुख्यालय लाया जा रहा है। इसके अलावा 02 ट्रैकर्स ट्रैक कर सिल्ला गांव पहुँच गये हैं। जिन्हें बचाव दल एवं एम्बुलेंस से भटवाड़ी होते हुए जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी लाया जा रहा है। दोनों सामान्य है। सेना के चीता हेलीकॉप्टर के माध्यम से 05 शवों को नटीण हैलीपैड लाया गया। इन शवों को जिला चिकित्सालय, उत्तरकाशी लाया जा रहा है। जहां पर पचनामा और पोस्टमार्टम आदि कार्यवाही की जायेगी।खोज एवं बचाव अभियान हेतु गुरुवार प्रातः घटना स्थल के लिए रवाना किये गये वन विभाग के 10 सदस्य, 02 राजस्व उपनिरिक्षक व 02 होमगार्ड सहित ग्राम सिल्ला के कुछ लोग ट्रैक मार्ग में हैं। प्रातः उत्तरकाशी से एसडीआरएफ के 06 जवानों को टिहरी जिले के पिनस्वाड ग्राम से घटना स्थल पर पहुँचने हेतु रवाना किया गया है।बूढा़केदार-पिनस्वाड ग्राम टिहरी से घटना स्थल पर ट्रैकिंग मार्ग की दूरी लगभग 7 किमी कम है। घनसाली से वन विभाग के 03 एवं 01 स्थानीय निवासी घटना स्थल हेतु रवाना हुये हैं। जबकि जौलीग्रांट से एसडीआरएफ उच्च हिमालयन रेस्क्यू टीम को आज प्रातः 02 प्राईवेट हैलकॉप्टर के माध्यम से क्षेत्र की रेकी व राहत बचाव कार्यों हेतु भेजा गया था। जिनके द्वारा दिन भर हवाई रेस्क्यू ऑपरेशन में सहयोग किया गया। रेस्क्यू अभियान के लिए बैकअप के तौर पर नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के कुल 05 पर्वतारोही दल लाटा गांव में तैनात किए गए है।इस अभियान में सेना के दो चीता हेलीकॉप्टर द्वारा जिले के मातली एवं नटीण हेलीपैड को बेस बनाकर रेस्क्यू कार्य सम्पादित किया गया तथा 02 सिविल हैलीकॉप्टर द्वारा रेस्क्यू किए गए ट्रैकर्स को नटीण से सहस्त्रधारा देहरादून भेजा गया। जबकि सेना का एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर भी कार्रवाई के लिए तैयार रखा गया है। हेली सेवाओं के संचालन में हेतु मातली हैलीपैड में आईटीबीपी एवं हर्षिल में सेना का सहयोग लिया गया। आईटीबीपी मातली से भी एक डॉक्टर एवं सीओ, के नेतृत्व में 14 जवान घटना स्थल हेतु प्रातः को रवाना किए गए हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, भटवाड़ी को रेस्क्यू अभियान के बेस अस्पताल के रूप में एक्टिव करने के साथ ही लाटा गॉंव में भी चिकित्सक टीम तैनात की गई थी। जिला मुख्यालय पर जोशियाडा हेलीपैड को एक्टिव कर अग्निशमन टीम की तैनाती की गयी है। मातली हैलीपैड त्वरित कार्यवाही दल एनडीआरएफ की तैनाती की गयी है। नटीण हैलीपैड पर समन्वय हेतु खण्ड विकास अधिकारी व नायब तहसीलदार तैनात किए गए हैं। मौसम खराब होने के कारण आज हैली रेस्क्यू कार्य रोक दिया गया है। कल प्रातः पुनः हैली रेस्क्यू अभियान शुरू बाकी ट्रैकरों को सकुशल लाया जाएगा।  जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी, मुख्य विकास अधिकारी जय किशन, अपर जिलाधिकारी रजा अब्बास, उप जिलाधिकारी भटवाडी बुजेश कुमार तिवारी, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. बीएस रावत, जिला पर्यटन अधिकारी केके जोशी, आपदा प्रबन्धन अधिकारी देवेन्द्र पटवाल सहित अन्य अधिकारी तड़के से ही आपातकालीन परिचालन केन्द्र में उपस्थित रहते हुये रेस्क्यू कार्य के निर्देशन, निगरानी, समन्वय में जुटे रहे।

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