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देहरादून में बादल फटने से मची तबाही, 10 की मौत – सीएम धामी ने संभाला मोर्चा

देहरादून। देर रात सहस्रधारा और आसपास के इलाकों में बादल फटने से भारी तबाही मच गई। तेज़ बारिश और अचानक बढ़े जलस्तर से नदियां उफान पर आ गईं, जिससे कई मकान, सड़कें और पुल बह गए। आपदा में अब तक 10 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि कई लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। हालात इतने गंभीर हो गए कि कई लोग जान बचाने के लिए बिजली के खंभों और ऊंची जगहों पर चढ़ गए।

सुबह से चला रेस्क्यू अभियान
भारी बारिश से देहरादून-पांवटा राजमार्ग, मसूरी-दून मार्ग समेत 20 से 30 सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। करीब एक हजार से अधिक लोग अलग-अलग स्थानों पर फंसे थे, जिन्हें एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस ने रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला। सबसे बड़ी चुनौती फुलेट गांव में रही, जहां एक मकान ढहने से आठ मजदूर दब गए। स्थानीय लोगों ने दो को सुरक्षित निकाल लिया है, बाकी की तलाश जारी है।

अफवाहों से बढ़ा डर
दिन में सहस्रधारा क्षेत्र में झील टूटने की अफवाह फैलने से अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोग दुकानों और घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर भागते दिखे।

सरकार की पहल – राहत शिविर बने होटल
जिलाधिकारी सविन बंसल ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत सहस्रधारा और आसपास के क्षेत्रों के पांच होटलों को राहत शिविर में बदलने का आदेश दिया है। इन होटलों में प्रभावित परिवारों को अस्थायी रूप से ठहराया जा रहा है।

सीएम धामी ने संभाली कमान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद शाम को आपदा परिचालन केंद्र पहुंचकर अधिकारियों संग बैठक की। उन्होंने प्रभावितों को हर संभव मदद देने और त्वरित राहत कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र ने देहरादून समेत चमोली, चंपावत, ऊधमसिंह नगर, बागेश्वर और नैनीताल जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। 21 सितंबर तक प्रदेशभर में तेज़ दौर की बारिश होने की संभावना जताई गई है। लोगों से अपील – प्रशासन ने आमजन से अफवाहों पर ध्यान न देने और सुरक्षित स्थानों पर बने रहने की अपील की है

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