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एसएसबी प्रशिक्षु अधिकारियों से मिले डीजीपी उत्तराखण्ड, सीमा सुरक्षा व आंतरिक शांति पर साझा किए अनुभव

देहरादून। उत्तराखण्ड पुलिस मुख्यालय में आज पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ की अध्यक्षता में एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) के 13th AC (LDCE) के 12 प्रशिक्षु सहायक कमांडेंटों के साथ एक संवाद गोष्ठी (Interaction Meeting) आयोजित की गई। प्रशिक्षु अधिकारी वर्तमान में एसएसबी अकादमी भोपाल (म.प्र.) में प्रशिक्षणरत हैं और शैक्षिक भ्रमण के तहत उत्तराखण्ड आए हुए हैं।

डीजीपी ने अधिकारियों को राज्य की भौगोलिक स्थिति, पुलिस संगठन की संरचना तथा यहाँ की विशिष्ट चुनौतियों के बारे में विस्तार से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की 283 किमी लंबी भारत–नेपाल सीमा पर सुरक्षा सुनिश्चित करना, सीमा पार अपराधों की रोकथाम और आपदा प्रबंधन में एसएसबी और उत्तराखण्ड पुलिस का समन्वय सेवा, सुरक्षा और बंधुत्व का प्रतीक है।

डीजीपी ने बताया कि वर्तमान में नेपाल सीमा पर राज्य पुलिस की 13 थानें, 14 चौकियाँ और 19 इकाइयाँ सक्रिय हैं, जबकि एसएसबी की 4 बटालियन और 71 बॉर्डर आउटपोस्ट (BOPs) सीमा सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं। इसके साथ ही रानीखेत में एसएसबी का सीमान्त मुख्यालय और अल्मोड़ा में सेक्टर मुख्यालय भी स्थापित है। हाल ही में नेपाल में हुए घटनाक्रम को ध्यान में रखते हुए सीमा की संवेदनशीलता और सुरक्षा प्रबंधन पर विशेष चर्चा की गई।उन्होंने कहा कि सीमा क्षेत्रों में संयुक्त गश्त, खुफिया जानकारी का आदान–प्रदान, अवैध गतिविधियों और तस्करी पर नियंत्रण जैसी संयुक्त कार्यवाहियों से न केवल सुरक्षा मजबूत होती है, बल्कि स्थानीय जनता में विश्वास और शांति भी कायम रहती है।

डीजीपी ने प्रशिक्षु अधिकारियों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे प्रशिक्षण से सीखे गए अनुभवों को भविष्य की जिम्मेदारियों में लागू कर देश की आंतरिक सुरक्षा को और अधिक सुदृढ़ बनाएँ। इस अवसर पर डीजीपी ने एसएसबी अकादमी भोपाल की सेनानायक सुवर्णा सजवाण को प्रतीक चिन्ह भी भेंट किया।

कार्यक्रम का संचालन पुलिस अधीक्षक क्राइम विशाखा अशोक भदाणे ने किया। इस मौके पर **एडीजी (अपराध एवं कानून व्यवस्था) वी. मुरुगेशन, आईजी नारायण सिंह नपलच्याल, आईजी प्रशिक्षण अनंत शंकर ताकवाले, आईजी एससीआरबी सुनील कुमार मीणा आदि मौजूद रहे।

 

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