उत्तराखंडकोर्ट का निर्णयविधानसभा सत्र

उत्तराखंड विधानसभा में क्यों विधायक ने कहा इन तीन विभागों को “चटक”, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा सत्र में आज राज्य में अतिक्रमण के नाम पर हो रहे उत्पीड़न पर विधायकों ने आम लोगों की पीड़ा खुलकर सदन में उठाई। इस दौरान प्रतापनगर के विधायक विक्रम सिंह नेगी ने सीधे तौर पर कहा कि इन दिनों तीन विभाग बड़े “चटक” नजर आ रहे हैं। ये तीनों विभाग आधी अधूरी जानकारी के आजादी से पहले बसे बाजारों और कस्बों पर सीधे डोजर चला रहे हैं। इससे ग्रामीण इलाकों में जहां हजारों लोगों की आजीविका छीनने से बेरोजगार हो गए, वहीं बारिश और धूप में राहगीरों को आश्रा देने वाले होटल, ढाबे टूटने से पीने का पानी तक नसीब नहीं हो रहा है। विधायक नेगी के अलावा विपक्ष के सभी विधायकों ने तथ्यात्मक जानकारी देते हुए सरकार से इस कार्रवाई को रोकने के लिए ठोस कानून लाने का अनुरोध किया है।

विधानसभा में अनुपूरक बजट पेश होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने विधायकों को 310 के कार्यस्थगन आदेश के तहत नियम 58 में सुनने का मौका दिया। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि अतिक्रमण हटाने के नाम पर जो आम लोगों का उत्पीड़न हो रहा है, उसके लिए सरकार को कानून लाना होगा। उन्होंने सत्तापक्ष के विधायकों और मंत्रियों से कहा कि विपक्ष तो जनता से बोल देगा कि हमने उनकी आवाज सदन में जोरदार तरीके से उठाई, लेकिन सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया, ऐसे में सत्ता और विपक्ष से हटकर इस मुद्दे पर का कानून लाना होगा। तभी वर्षों पुरानी बाज़ार, कस्बे और लोगों की जीवनभर की कमाई सुरक्षित रह पाएगी। सदन में प्रतापनगर के विधायक विक्रम नेगी ने कहा कि इन दिनों अतिक्रमण के नाम पर उत्तराखंड के तीन विभाग बहुत चटक बने हुए हैं। इनमें राजस्व विभाग के पटवारी, कानूनगो, तहसीलदार, लोक निर्माण विभाग का अमीन, जेई, एई और एक्सईएन तथा वन विभाग का पतरोल यानी फॉरेस्ट गार्ड, रेंजर और एसडीओ ने आम लोगों को ऐसा डराया जा रहा कि लोग उनको देखते ही दहशत में आ रहे हैं। विधायक ने कहा कि उनके क्षेत्र या पूरे उत्तराखंड में आजादी से पहले जो सड़कें बनी हैं, वह 5 मीटर पास हैं। उन सड़कों पर पहले छोटे वाहन चलते थे। उत्तराखंड बनने से पहले लोक निर्माण विभाग ने कुछ सड़कों को जरूर 12 मीटर किया था। लेकिन राज्य बनने के बाद सरकार ने पहाड़ में भूमि की अनुपलब्धता पर इसमें संशोधन कर 7 से 9 मीटर कर दिया था। लेकिन ये तीनों चटक विभाग गैरकानूनी तरीके से लोगों के 12 मीटर तक लाल निशान लगाने का काम कर रहे हैं। इससे लोग खासे परेशान हैं। सदन में विधायक हरीश धामी, राजेंद्र सिंह भंडारी, उप नेताप्रतिपक्ष भुवन कापड़ी, समेत अन्य ने भी इस मसले पर विधानसभा अध्यक्ष का ध्यान आकर्षित कर सरकार से कानून लाने का अनुरोध किया। बहरहाल अतिक्रमण को लेकर सदन में पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने खुलकर आम लोगों की समस्याओं के प्रति सरकार का ध्यान आकर्षित किया है।

 

 

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