उत्तराखंड पुलिस बदमाशों के लिए “काल” और आमजनों के लिए बन रही “ढाल”
देहरादून। राजधानी दून में मित्र पुलिस बदमाशों के लिए “काल” तो आमजनों की सुरक्षा में “ढाल” बन रही है। खासकर पुलिस हर माह छोटे से बड़े बदमाशों के खिलाफ तबाड़तोड़ कार्रवाई कर कड़ा सबक सीखा रही है। रविवार रात को भी पुलिस ने एक बदमाश को मुठभेड़ में दबोच कर आमजनों के बीच दहशत फैलाने का सबक सिखाया है। वहीं , मुठभेड़ के बाद अस्पताल में बदमाश को देखने गए एसएसपी अजय सिंह को जब रात 1 बजे भीड़ में एक महिला की गोद में मासूम बच्ची दिखी तो उन्होंने महिला के पास जाकर जानकारी ली। महिला ने बच्ची को इलाज न मिलने की गुहार पर एसएसपी ने मौके पर सीओ की गाड़ी मंगवाई और डॉक्टरों की सलाह पर निजी अस्पताल में इलाज को भेजा। जहां मासूम बच्ची की सभी जांचें करवाने के बाद उचित इलाज मिल रहा है। एसएसपी अजय सिंह की इन मानवीय संवेदनाओं की सोशल मीडिया से लेकर आम लोगों के बीच जमकर तारीफ हो रही है।
राजधानी के दून अस्पताल में रविवार को एसएसपी अजय सिंह इलाज को तड़फ रही 1 साल की मासूम के लिए देवदूत बन कर आये। दअरसल, देर रात प्रेमनगर क्षेत्र में पुलिस के साथ एक बदमाश की मुठभेड हुई थी। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में बदमाश मुशरफ उर्फ छोटा को घायल कर दबोच लिया। इस दौरान बदमाश के पैर में गोली लगने पर पुलिस इसे दून अस्पताल में इलाज को ले गई। इसकी खबर एसएसपी अजय सिंह को लगी तो वह पहले मौके पर और फिर बदमाश की स्थिति को देखने दून अस्पताल गये थे। इस दौरान अस्पताल में मरीजों तथा अन्य लोगों की काफी भीड होने के कारण एक महिला, जो अपनी गोद में एक छोटी बच्ची के इलाज को इधर उधर परेशान दिख रही थी। यह देख एसएसपी अजय सिंह ने महिला से जानकारी ली तो महिला द्वारा एसएसपी को बताया गया कि उनकी 01 वर्ष की बेटी आज घर में गिर गई थी। बच्ची के सर पर अन्दरूनी चोटें आने से बच्ची बेहोशी की हालत में है। यह सुनते ही एसएसपी अजय सिंह ने अस्पताल के डॉक्टरों को बच्ची को दिखवाया गया। डॉक्टरों ने सिटी स्कैन व अन्य जांच की बात कही। अस्पताल में ज्यादा भीड़ होने पर एसएसपी ने परेशान महिला को बच्ची का इलाज प्राईवेट अस्पताल में जल्द कराने का भरोसा देते हुए सीओ प्रेमनगर के माध्यम से उनके सरकारी वाहन में बच्ची को सिनर्जी अस्पताल भिजवाया। जहां महिला दरोगा को मदद के लिए तैनात कर बच्ची का सिटी स्कैन और सभी जांचें करवाने के बाद उचित इलाज के लिए भर्ती कराया। जहां बच्ची को इलाज मिलने पर, उसके स्वास्थ में सकारात्मक सुधार हो रहा है। एसएसपी अजय सिंह की इस पहल की जहां सोशल मीडिया से लेकर आमजनों के बीच जमकर तारीफ हो रही है, वहीं महिला और उनके परिजन एसएसपी को भगवान का दर्जा देते हुए नहीं थक रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि वास्तव में रात 1 बजे बच्ची को समय पर इलाज मिलने से उसकी जान खतरे से बाहर आ गई।