उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा दिव्यांग व वंचित बच्चों की शिक्षा पर कार्यशालाओं का आयोजन

देहरादून। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय, हल्द्वानी द्वारा दिव्यांग और वंचित बच्चों की शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और आशा कार्यकत्रियों के लिए दो दिवसीय कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। पहली कार्यशाला सोमवार को न्यू होली लाइफ इंटर कॉलेज बड़कोट में आयोजित की गई, जिसमें बड़कोट ब्लॉक की 33 आंगनबाड़ी और तीन आशा कार्यकत्रियों ने भाग लिया। वहीं, दूसरी कार्यशाला 18 फरवरी को राजकीय महाविद्यालय, चिन्यालीसौड़ में आयोजित होगी, जिसमें चिन्यालीसौड़ ब्लॉक की 30 कार्यकत्रियां और आशा शामिल होंगी।
इस कार्यशाला में उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के तरुण नेगी असिस्टेंस प्रोफेसर और वरिष्ठ पत्रकार ओंकार बहुगुणा ने दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 और वंचित बच्चों की शिक्षा की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “दिव्यांग और वंचित बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना समाज की जिम्मेदारी है। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की भूमिका इस दिशा में सबसे महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा की नींव रखती हैं।”
कार्यशाला में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को दिव्यांग बच्चों की जरूरतों, उनके अधिकारों, शिक्षा के नवीन तरीकों और सरकारी योजनाओं की जानकारी दी गई। साथ ही, उन्हें यह भी सिखाया गया कि सीमित संसाधनों में भी वे किस प्रकार इन बच्चों को शिक्षा से जोड़े रख सकती हैं।
कार्यशालाओं के संयोजक डॉ. सिद्धार्थ कुमार पोखरियाल ने बताया कि यह पहल उत्तराखंड राज्यपाल के “एक विश्वविद्यालय एक शोध” मिशन के तहत की गई है, जिसके अंतर्गत उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय को दिव्यांग और वंचित बच्चों की शिक्षा पर शोध करने का दायित्व सौंपा गया है।आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रशिक्षण से उन्हें अपने कार्य क्षेत्र में नई ऊर्जा और दिशा मिलेगी।
इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य मनोज कुमार जोशी, काजल,शीतल,नीता,अंकित सहित आंगनवाडी संगठन की अध्यक्षा बामु रावत, रसना नौटियाल,योगेश्वरी भद्री आदि सामिल रही ।