बिजली दरों पर गलतफहमी दूर करने मैदान में उतरा यूपीसीएल, “न तो निगम दरें बढ़ाता है, न उपभोक्ताओं पर बोझ डालने की मंशा”

देहरादून। उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPCL) ने प्रदेश में बिजली दरों को लेकर हाल ही में मीडिया में प्रकाशित कुछ समाचारों को भ्रामक और तथ्यहीन करार दिया है। निगम के अनुसार इन खबरों के कारण उपभोक्ताओं और जनप्रतिनिधियों के बीच अनावश्यक भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है।
यूपीसीएल ने स्पष्ट किया कि बिजली दरों में वृद्धि का निर्णय निगम नहीं लेता, बल्कि दरों का अंतिम निर्धारण उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (UERC) द्वारा एक पारदर्शी प्रक्रिया, विस्तृत वित्तीय विश्लेषण और जनसुनवाई के बाद किया जाता है। निगम की भूमिका केवल नियामक मानकों के अनुसार आवश्यक तकनीकी और वित्तीय आंकड़े आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने तक सीमित है। यूपीसीएल ने स्पष्ट किया कि मीडिया में प्रकाशित “16% विद्युत दर वृद्धि” का आंकड़ा नई दर वृद्धि नहीं है, बल्कि पूर्व वित्त वर्षों के True-up समायोजन का परिणाम है।विशेष रूप से वर्ष 2024–25 में स्वीकृत ARR और वास्तविक ARR के बीच अंतर अधिक निकलने के कारण लगभग 13.59% तकनीकी समायोजन की आवश्यकता उत्पन्न हुई है।
निगम के अनुसार यदि UPCL को वैधानिक दावे समय पर मिल जाते तो यह तकनीकी अंतर बनता ही नहीं और 16% जैसा बड़ा आंकड़ा सामने नहीं आता। इसलिए इसे नई दर वृद्धि के रूप में प्रस्तुत करना गलत और भ्रामक है। यूपीसीएल ने बताया कि वित्त वर्ष 2026–27 की ARR एवं टैरिफ़ याचिका में केवल 2.64% सामान्य वृद्धि का प्रस्ताव रखा गया है, जिसे उपभोक्ता हितों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
टैरिफ़ प्रस्ताव 10 दिसंबर 2025 तक UERC के समक्ष प्रस्तुत किए जाएंगे, जिसके बाद आयोग उपभोक्ताओं और हितधारकों से आपत्तियाँ और सुझाव आमंत्रित करेगा। इसके लिए प्रदेशभर में जनसुनवाई आयोजित करेगा तथा सभी वित्तीय और तकनीकी बिंदुओं की जांच करने, उपभोक्ता हितों को सर्वोच्च रखते हुए अंतिम आदेश जारी करेगा।निगम ने कहा कि वर्तमान चरण में किसी भी वृद्धि को अंतिम या लागू मानना उचित नहीं है।
आयोग ने हमेशा उपभोक्ता हितों को प्राथमिकता दी
प्रकाशित आँकड़ों के अनुसार 2025–26 में UPCL ने 12.01% वृद्धि का प्रस्ताव रखा था, जबकि आयोग ने केवल 5.62% वृद्धि मंजूर की तथा 2024–25 में प्रस्ताव 27.06% था, जबकि स्वीकृत वृद्धि केवल 7.66% रही है।इन उदाहरणों को निगम ने इस बात का प्रमाण बताया कि आयोग उपभोक्ता हितों को सर्वोपरि रखते हुए संतुलित निर्णय लेता है।
सुदृढ़ और विश्वसनीय बिजली आपूर्ति के लिए कार्य जारी
निगम के अनुसार प्रदेश में बिजली आपूर्ति को बेहतर बनाने के लिए निगम बड़े पैमाने पर कार्य कर रहा है, जिसमें उपकेंद्रों का निर्माण, ट्रांसफॉर्मर क्षमता वृद्धि, पुरानी लाइनों का उन्नयन, भूमिगत केबलिंग, स्मार्ट मीटरिंग तथा डिजिटल बिलिंग, फॉल्ट प्रबंधन और ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम
जैसे आधुनिक प्रयास शामिल हैं। इनसे लाइन लॉस में कमी और बिजली आपूर्ति की विश्वसनीयता में सुधार हुआ है।
उपभोक्ता हमारी प्राथमिकता हैं: यूपीसीएल
निगम ने कहा कि उपभोक्ताओं पर अनावश्यक आर्थिक बोझ डालने का इरादा किसी भी रूप में नहीं है। पूरे प्रदेश के उद्योगों, व्यापारियों, किसानों और घरेलू उपभोक्ताओं को विश्वसनीय, किफायती और गुणवत्तापूर्ण विद्युत सेवाएं प्रदान करना ही निगम की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
फाइनल टैरिफ़ का निर्णय केवल और केवल UERC द्वारा उपभोक्ता हितों को ध्यान में रखते हुए ही लिया जाएगा।
