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अनूठी पहल: गोल्डन जुबली पर देश-दुनिया से जुटे पुरातन छात्र-छात्राएं, सम्मान के साथ अनुभव किए साझे

देहरादून। उत्तरकाशी पीजी कॉलेज के स्थापना के 50 साल पूरे होने पर पुरातन छात्र-छात्राओं की मौजूदगी में गोल्डन जुबली धूमधाम से मनाई गई। इस दौरान देश दुनिया में अहम पदों पर जिम्मेदारी संभाल रहे पूर्व छात्र-छात्राएं जैसे ही कॉलेज पहुंचे पुरानी यादें ताजा हो गई। इस दौरान लम्बे अरसे से मिले दोस्तों ने एक-दूसरे को गले लगाते हुए पुराने अनुभव साझा किए। साथ ही कॉलेज प्रबन्धन ने छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया।

गवर्नमेंट पीजी कॉलेज की 50 वीं वर्षगांठ पर दो दिवसीय पूर्व छात्र सम्मेलन का आयोजन किया गया। शनिवार को पहले दिन कॉलेज सभागार में इसका विधिवत शुभारंभ हो गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कॉलेज की प्रिंसिपल प्रो. सविता गैरोला ने सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा कार्यक्रम में उपस्थिति हेतु सभी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कॉलेज की छात्रा श्रुति रावत को भी पर्यावरण संरक्षण तथा महिला सशक्तिकरण हेतु साइकिल में संपूर्ण देश का भ्रमण करने पर बधाई दी। इस मौके पर सेवानिवृत्त आइएएस एवं कॉलेज के छात्र रहे सुवर्द्धन शाह बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में शामिल रहे। उन्होंने इस आयोजन के लिए कॉलेज को शुभकामनाएं दीं। कहा कि सभी पूर्व छात्र संगठित होकर कॉलेज तथा क्षेत्रीय विकास हेतु कार्य कर सकते हैं।

अति विशिष्ट अतिथि के रूप में सुषमा अग्रवाल तथा प्रोफेसर जानकी पंवार , विशिष्ट अतिथि के रूप में शिव रतन सिंह रावत तथा शान्ति रावत मौजूद रहे। सांय कालीन सत्र में अति विशिष्ट अतिथि के रूप में उच्च शिक्षा की उप निदेशक डॉ. ममता ड्यूडी, वर्तमान राज्य मंत्री तथा सेवा निवृत्त मनमोहन सिंह नेगी, डॉ विनायक बडोनी ,विशिष्ट अतिथि के रूप में एडमिरल बृजेश वशिष्ट तथा पर्वतारोही विजया पंत तुली, लोकेश प्रसाद नौटियाल विद्यमान थे। कार्यक्रम में सभी पूर्व छात्रों के लिए एक सूक्ष्म परिचय सत्र का आयोजन किया गया। इसी दौरान महाविद्यालय की स्मारिका का भी विमोचन किया गया, जिसमें महाविद्यालय के पूर्व छात्रों की कृतियों का संकलन किया गया है। इसके अतिरिक्त लोकेन्द्र प्रसाद नौटियाल ने अपनी पुस्तकें भी कॉलेज के पुस्तकालय को भेंट की। पहले दिन के कार्यक्रम का समापन छात्र-छात्राओं की रंगारंग प्रस्तुति के साथ हुआ कार्यक्रम का संयोजन प्रो. मधु थपलियाल ने किया। अध्यक्ष के रूप में बचन सिंह राणा तथा सचिव के रूप में डॉ महेन्द्र पाल सिंह परमार ने कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यक्रम का संचालन डॉ ऋचा बधानी, डॉ ममता ध्यानी तथा डॉ रुचि कुलश्रेष्ठ ने किया तथा कार्यक्रम में ल प्रोफेसर सुरेश चंद्र ममगाईं , डॉ. डी डी पैन्यूली आदि महाविद्यालय के सभी प्राध्यापकगण उपस्थित थे।

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