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पुरोला विधायक पर दो युवकों ने लगाया मारपीट का गंभीर आरोप, दून पुलिस को दी तहरीर

देहरादून। पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल एक बार फिर चर्चाओं में है। इस बार क्षेत्र के दो युवकों ने विधायक पर विधायक हॉस्टल में बुलाकर मारपीट के गंभीर आरोप लगाए हैं। युवकों ने इस सम्बंध में नेहरू कॉलोनी पुलिस को लिखित तहरीर दी है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। इधर, विधायक ने युवकों को नशेड़ी बताते हुए खुद की जान को खतरा बताया है।

उत्तरकाशी जिले की पुरोला विधानसभा से दुर्गेश्वर लाल भाजपा से विधायक हैं। कभी व्यवस्थाओं के खिलाफ मुखर तो कभी मंत्री और अफसरों से भिड़ने वाले विधायक दुर्गेश्वर लाल इस बार दो युवाओं को विधायक आवास बुलाने के बाद उनकी पिटाई करने के कारण चर्चा में हैं। नेहरू कॉलोनी पुलिस को दी गई तहरीर में युवाओं ने आरोप लगाया हैं कि विधायक के द्वारा उन्हें महंत इंद्रेश अस्पताल से अपनी गाड़ी में बैठाने के बाद सीधे विधायक हॉस्टल ले जाया गया। आरोप है कि उन्हें गाड़ी से उतारकर वह जबरन अपने कमरे में ले गये। जहाँ बातचीत करते करते विधायक ने उनके साथ मारपीट शुरू कर दी। युवाओं ने विधायक पर मोबाइल छीन लेने जैसे आरोप लगाए गए हैं। नेहरू कॉलोनी चौकी में विधायक दुर्गेश्वर लाल के खिलाफ दी गई तहरीर में पीड़ित कुलदीप और अतुल ने विधायक पर पहले भी धमकाने का आरोप लगाया है। आरोप लगाया कि उनके ईलाके में जल जीवन मिशन में घोटाले के एक मामले को लेकर उन्होंने विधायक से शिकायत की थी। लेकिन विधायक के इशारे पर ठेकेदार उनको जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। इधर, विधायक दुर्गेश्वर लाल का कहना हैं कि दोनों युवा नशेडी किस्म के हैं, ऐसे में उनको उनसे जान का खतरा बना हुआ है। विधायक ने युवाओं  से मारपीट की बात को फर्जी करार दिया है। उधर, पिछले दिनों सोशल मीडिया में भी कुछ दिनों पहले दोनों युवाओं का एक वीडियो वायरल हुआ था,जिसमें कुलदीप और अतुल नाम के इन युवाओं ने विधायक को पर आरोप लगाया था कि जल जीवन मिशन में हुए घोटाले में ठेकेदार को विधायक दुर्गेश्वर लाल का संरक्षण है। बहरहाल नेहरू कॉलोनी पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।

 

उद्यान घोटाले पर मुखर हुए थे विधायक

विधायक दुर्गेश्वर लाल ने पुरोला विधानसभा क्षेत्र की जरमोला नर्सरी में लाखों रुपये के सेब पौधों को लेकर भी मोर्चा खोला था। विधायक ने बिना जड़ वाले सेब की पौध को उखाड़कर पूरे मामले की जांच की मांग उठाई थी। इसके अलावा पुरोला में तैनात दो आईएफएस अधिकारियों के खिलाफ वन मंत्री के यहां मोर्चा खोला था। यह दोनों घटनाएं खूब चर्चाओं में रही थी। इनमें उद्यान घोटाले में जांच बैठी और अब सीबीआई मामले की जांच कर रही है।

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