अपराधएसटीएफ की बड़ी कार्रवाईकानून को ठेंगा

उत्तराखंड में करोड़ों के फ्लैट फर्जीवाड़े में राखी और दीपक मित्तल की गिरफ्तारी बनी पुलिस के लिए चुनौती

देहरादून। उत्तराखंड में कई सफेदपोश, नौकरशाहों, डॉक्टर एवं अन्य प्रतिष्ठत लोगों से आवासीय फ्लैट्स के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले इनामी बिल्डर दीपक मित्तल और राखी मित्तल की गिरफ्तारी पुलिस के लिए चुनौती बन गई है। मामले में पुलिस ने दीपक मित्तल के पिता अश्विनी मित्तल, पार्टनर राजपाल वालिया और उनकी पत्नी शैफली वालिया को पुलिस अब तक गिरफ्तार कर चुके हैं। सभी को जेल भेज दिया है। लेकिन मुख्य अभियुक्त दीपक और उसकी पत्नी राखी अभी भी पुलिस के लिए पहेली बनीं हुई है।

उत्तराखंड की राजधानी में करीब 90 फ्लैट खरीदारों के 45 करोड़ रुपये से अधिक की राशि डकार कर बैठे पुष्पांजलि इंफ्राटेक के निदेशकों को लम्बे समय तक पुलिस तलाश नहीं कर पाई या यूं कहें कि पुलिस ने उनकी खुलेआम छूट दे रखी थी। लेकिन अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार की सख्ती से इन बिल्डरों की उलटी गिनती शुरू होती दिख रही है। इस घोटाले की अहम कड़ी निदेशक दीपक मित्तल और उसकी पत्नी राखी मित्तल अभी फरार चल रहे हैं। इनकी गिरफ्तारी होगी भी या नहीं, इस पर संशय बना हुआ है। जबकि परियोजना के अन्य निदेशक राजपाल वालिया को उत्तराखंड की एसटीएफ ने शुक्रवार को नैनीताल से गिरफ्तार कर बड़ी कार्रवाई की है। इससे पहले राजपाल वालिया की पत्नी शेफाली वालिय को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) गिरफ्तार कर चुकी है और दूसरी तरफ दीपक मित्तल के पिता अश्वनी मित्तल को देहरादून पुलिस गिरफ्तार करने के साथ ही पुलिस रिमांड में भी ले चुकी है। अब केस की महज एक कड़ी दीपक और राखी की गिरफ़्तारी होनी बाकी है। ये दोनों भगौड़े आरोपित अभी दुबई में बताए जा रहे हैं और पुलिस समेत ईडी व रेरा के साथ लुका-छिपी खेल रहे हैं। इन दोनों ठगों की गिरफ्तार कब तक होगी, इस पर पुलिस भी चिंता के दिख रही है। हालांकि राजधानी की कमान तेज तर्रार कप्तान अजय सिंह के हाथों सौंपे जाने से इनकी गिरफ्तारी तय मानी जा रही है।

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