“नशा मुक्त उत्तराखण्ड” को लेकर चलेगा स्वास्थ्य महकमे का महाभियान

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देश पर प्रदेशभर में राज्यव्यापी महाअभियान की शुरुआत हो चुकी है। इस अभियान का उद्देश्य प्रदेश को “नशा मुक्त उत्तराखण्ड” बनाना और जनता को सुरक्षित, गुणवत्तापूर्ण एवं प्रमाणिक औषधियाँ उपलब्ध कराना है। राज्य के फार्मा सेक्टर में व्याप्त विसंगतियों को समाप्त करने तथा युवा पीढ़ी को मादक औषधियों के दुष्प्रभाव से बचाने के उद्देश्य से यह कार्यवाही की जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित यह महाअभियान औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 और नियम 1945 के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि यह केवल औषधि नियंत्रण नहीं, बल्कि जनस्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा की दिशा में एक ठोस पहल है। इस अभियान में लापरवाही के लिए कोई स्थान नहीं है।
इस अभियान के तहत प्रदेशभर में स्प्यूरियस दवा माफिया के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जा रही है। नकली (Spurious), अधोमानक (Substandard), मिसब्रांडेड (Misbranded) और मादक औषधियों का निर्माण, भंडारण और विक्रय करने वालों पर निगरानी, औषधि निर्माता फर्मों, थोक विक्रेताओं, फुटकर विक्रेताओं एवं कच्चा माल आपूर्तिकर्ता फर्मों की विस्तृत जाँच, स्थानीय पुलिस और प्रशासन के सहयोग से संयुक्त छापेमारी की जायेगी। स्वास्थ्य सचिव ने कहा इस अभियान का स्पष्ट संदेश है कि जो भी व्यक्ति या संस्था नकली या नशीली औषधियों के व्यापार में लिप्त पाए जाएँगे, उनके विरुद्ध कठोर विधिक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने इस कार्यवाही हेतु विशेष क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) गठित की है, जिसका नेतृत्व सहायक औषधि नियंत्रक, कुमांउ मंडल हेमंत सिंह कर रहे हैं। यह QRT को विश्लेषणशाला की रिपोर्ट, जिला प्रशासन से प्राप्त सूचना और टोल फ्री हेल्पलाइन से मिली जानकारियों पर तत्काल कार्रवाई का अधिकार प्राप्त है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने टोल फ्री हेल्पलाइन 18001804246 शुरू की है। कोई भी नागरिक नकली, नशीली या संदेहास्पद औषधियों के संबंध में जानकारी इस पर साझा कर सकता है। शिकायतकर्ता की पहचान पूर्णतः गोपनीय रखी जाएगी। प्राप्त सूचनाओं पर त्वरित जांच और आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।