देहरादून। सामान्य परिवार में जन्मी एक युवती को कड़ी मेहनत कर सरकारी नौकरी मिली तो अपनों के साथ खुशी मनाई और मिठाईयां बांटी। लेकिन लचर व्यवस्था और लापरवाही ने उसकी जान लें ली। वह मिठाई बांटकर वह घर भी नहीं लौटी थी कि रास्ते में एक नामी संस्थान की जर्जर बाउंड्रीवाल उसके ऊपर गिर गई। इससे युवती की जान चली गई और उसके भाई को गंभीर चोटें आईं। इधर, युवती की जान चले जाने के बाद जिम्मेदार व्यवस्था और घटना के लिए एक दूसरे को दोषी ठहरा रहे हैं। हालांकि छात्र नेताओं ने इस दुःखद घटना पर व्यवस्था को कोसा और जिम्मेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर हंगामा खड़ा कर दिया। इस पर पुलिस ने युवती की मौत की जिम्मेदारी के लिए डीएवी कॉलेज प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। मुकदमे के बाद जिम्मेदारी तय होगी, इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई है। ताकि आगे किसी निर्दोष की जान यूं न चली जाए।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक चकराता के गोगडिया क्षेत्र के ग्राम तपलाड निवासी सुष्मिता दून में सरकारी नौकरी की तैयारी कर रही थी। कुछ दिन पहले ही सुष्मिता की पुरोला डिग्री कालेज में कनिष्ठ सहायक पद पर नौकरी लगी थी। गत रात गुरुवार को वह अपने भाई रघुवीर तोमर के साथ पढ़ाई वाले संस्थान और परिचितों को नौकरी लगने की खुशी में मिठाई बांटकर वापस लौट रही थी, कि उसी दौरान डीएवी कालेज के पिछले गेट के पास उनके ऊपर कॉलेज की जर्जर दीवार गिर गई। हादसे में सुष्मिता की जान चली गई। जबकि उसके भाई रघुवीर को गंभीर चोटें आयी हैं। घटना की जानकारी मिलते ही सुष्मिता के परिजनों और डीएवी कॉलेज के छात्र नेताओं और सामाजिक संगठनों ने रात को हंगाम खड़ा कर सुष्मिता की जान के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
देर रात तक प्राचार्य का किया घेराव
रातभर लोगों ने डीएवी के प्राचार्य समेत अन्य का घेराव किया। रात को बात नहीं बनी तो सुबह फिर हंगामा खड़ा हो गया। इस पर छात्रों ने कॉलेज के प्राचार्य के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। इसके बाद पुलिस ने युवती की मौत के मामले में डीएवी कालेज प्रशासन के विरुद्ध डालनवाला थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। मुकदमा मृतक युवती सुष्मिता तोमर के भाई की तहरीर पर दर्ज किया गया। इससे पहले बीती रात भी घटना के बाद आक्रोशित छात्रों ने प्राचार्य के आवास का घेराव कर दिया था और धरने पर बैठ गए थे।
एक दूसरे पर डाली जिम्मेदारी
छात्र आरोप लगा रहे हैं कि कालेज प्रशासन को लंबे समय से दीवार की मरम्मत कराने के लिए कहा जा रहा है, लेकिन किसी के भी कान में जूं तक नहीं रेंगी। इस अनदेखी के चलते ही इतना बड़ा हादसा हो गया। हालांकि, कालेज प्रशासन दीवार की मरम्मत न किए जाने के पीछे इससे सटे बूढ़े पेड़ों को बता रहा है। प्राचार्य डॉ केआर जैन ने कहा कि छह माह पूर्व वन विभाग से पेड़ों को काटने की अनुमति मांगी थी। अनुमति न मिल पाने के चलते दीवार की मरम्मत भी नहीं की जा सकी।
इनके खिलाफ़ हुआ मुकदमा
इस हादसे में सुष्मिता की जान चली गई। जबकि रघुवीर गंभीर रूप से घायल हो गया। प्रकरण में कालेज प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मृतका के भाई की तहरीर पर डीएवी कालेज प्रशासन के विरुद्ध आईपीसी की धारा 239, 304-ए व 336 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।