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चमोली के आबकारी अधिकारी की सर्विस ब्रेक कर डीएम ने की बड़ी कार्रवाई

देहरादून/चमोली। डीएम चमोली संदीप तिवारी ने आबकारी अधिकारी की सर्विस पर ब्रेक लगाकर मनमानी पर बड़ा ब्रेक लगाया है। साथ ही दफ्तर में नदारद मिले दो अन्य कर्मियों की एक एक दिन की वेतन पर रोक लगाते हुए आगे की वेतन वृद्धि रोकने के आदेश दिए हैं। डीएम की इस कार्रवाई से आबकारी विभाग से लेकर कई महकमों में हड़कंप मचा है। इधर, जिला आबकारी अधिकारी की मनमानी, अवैध शराब तस्करी समेत अन्य गंभीर लापरवाही को लेकर लंबे समय से शिकायतें मिल रही थी। डीएम ने शासन को पत्र लिखकर अधिकारी के खिलाफ विस्तृत जांच करने की भी बात कही है।

चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने मंगलवार को जिला आबकारी कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान कार्यालय में जिला आबकारी अधिकारी दुर्गेश त्रिपाठी के साथ ही दो अन्य कर्मचारी कार्यालय से नदारद मिले। जिलाधिकारी ने आबकारी अधिकारी के साथ ही अन्य कर्मचारियों के एक दिन का वेतन काटने और आबकारी अधिकारी त्रिपाठी की सर्विस ब्रेक करने और अन्य कर्मचारियों की वेतन वृद्धि पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि चमोली में नये वित्तीय वर्ष में अंग्रेजी शराब की दुकानों का व्यवस्थापन किया जाना है। जिसके लिए मंगलवार को आबकारी अधिकारी को बुलाया गया था। लेकिन आदेशों के बावजूद आबकारी अधिकारी कार्यालय में उपस्थित नहीं हुए। जिस पर जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने अपर जिलाधिकारी विवेक प्रकाश के साथ जिला आबकारी कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान जहां कार्यालय से जिला आबकारी अधिकारी दुर्गेेश्वर कुमार त्रिपाठी गायब मिले। साथ ही सहायक लेखाकार धीरज भट्ट और कनिष्ठ सहायक मनीष रावत भी कार्यालय से नदारद पाए गए। इस दौरान कार्यालय पीआरडी कर्मचारी के भरोसे छोड़ा गया था। जिस पर जिलाधिकारी ने कार्रवाई करते हुए आबकारी अधिकारी का एक दिन का वेतन रोकते हुए सर्विस ब्रेक कर दी है। साथ ही सहायक लेखाकार और कनिष्ठ सहायक के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए एक दिन का वेतन रोकते हुए वेतन वृद्धि पर भी रोक लगा दी है। उधर, आबकारी अधिकारी दुर्गेश कुमार त्रिपाठी की तैनाती के दौरान से ही चमोली जिले में अवैध शराब की गंभीर शिकायतें मिल रही थी। जबकि आबकारी अधिकारी के अक्सर मुख्यालय से नदारद रहने की शिकायतें प्रशासन को मिल रही थी। इसके अलावा जिले में अंग्रेजी शराब की दुकानों में ओवर रेटिंग समेत आबकारी अधिनियम की धज्जियां उड़ाई जा रही थी। साथ ही चंडीगढ़, हरियाणा आदि राज्यों की ब्रांड की तस्करी खुलेआम चल रही थी। खासकर पुलिस ने जहां कई तस्करों को गिरफ्तार किया है, वहीं आबकारी विभाग की कार्रवाई सिर्फ औपचारिक रूप से कागजों में चल रही थी। आज डीएम की बड़ी कार्रवाई से न केवल आबकारी विभाग, बल्कि मुख्यालय तक हड़कंप मचा है।

 

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