उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री ने स्कूली बच्चों को परोसा “गढ़भोज”, अब मिड डे मील में भी हुआ शामिल

देहरादून। उत्तराखंड में “मिड डे मील” में अब गढ़भोज यानी राज्य के पारंपरिक उत्पादों से बना भोजन भी शामिल होगा। शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने प्रथम गढ़भोज दिवस पर स्कूली छात्र-छात्राओं को गढ़भोज परोसते हुए शुभारंभ किया है। इस दौरान मंत्री ने स्वयं भी गढ़भोज का स्वाद लिया और इसे बच्चों के स्वास्थ्य के हितकाती बताया। कहा कि गढ़भोज हमारी पहचान के साथ साथ आर्थिक सुधार का भी जरिया बनेगा।
हिमालय पर्यावरण जड़ी बुटी एग्रो संस्थान के द्वारा देहरादून के नेताजी सुभाष चन्द्र बोस बालिका आवासीय छात्रावास में प्रथम गढ़ भोज दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रदेश के शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत के द्वारा “मिड डे मिल” में गढ़ भोज को शामिल करने की विधिवत शुरुआत की। शिक्षा मंत्री ने स्कूली बच्चों को गढ़ भोज की थाली परोसी व खुद भी छात्रो के साथ गढ़ भोज का स्वाद लिया।इस अवसर पर जाड़ी संस्थान के द्वारा वर्ष 2000 से उत्तराखंड के पारम्परिक भोजन को पहचान व थाली का हिस्सा बनाने के लिये चलाये जा रहे गढ़ भोज अभियान की मंत्री ने सराहना की। कहा की उत्तराखंड 52 गढ़ो का प्रदेश है। गढ़ भोज मे 52 गढ़ो की फसलो, परंपराओ व स्वाद का समावेश है। हमारे प्रदेश मे कई वीर भड़ हुये है सभी गढ़ भोज खा के स्वस्थ तंदुरुस्त रहे। आज से उत्तराखण्ड के हर स्कूल में सप्ताह के एक दिन गढ़ भोज बनेगा। जो हमारे स्वस्थ व समृद्ध उत्तराखंड की कल्पना को साकार करेगा। हमारा भोजन दुनिया के भोजन से सर्वोतम भोजन है। भोजन की दुनिया में आने वाली सदी मे गढ़ भोज की होगी।
गढ़भोज पुस्तक का विमोचन किया
शिक्षा मंत्री ने डा. अरविन्द दरमोडा की लिखी पुस्तक गढ़ भोज एक दृषि व स्कूली पाठ्यक्रम के लिये द्वारिका प्रसाद सेमवाल द्वारा लिखी *गढ़ भोज उत्तराखंड का परंपरागत भोजन* पुस्तक का विमोचन किया। आने वाले समय मे गढ़ भोज दिवस भोजन के उत्सव के रूप मे जाना जायेगा। गढ़ भोज दिवस को अगले वर्ष स्वयं स्कूल-कालेज के माध्यम से मनाएगी।
राज्य की पहचान है गढ़भोज
पद्मश्री कल्याण सिह रावत ने कहा की द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने गढ़ भोज अभियान के माध्यम से उत्तराखंड के भोजन को मुख्यधारा से जोड़ने का एतिहासिक कार्य किया।
इस अवसर पर गढ़ भोज अभियान के प्रणेता द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने कहा की 21 साल के संघर्ष को आज शिक्षा मंत्री ने मिड डे मिल में शामिल कर गढ़ भोज अभियान को स्वीकार्यता दी। आज मनाया गया गढ़ भोज दिवस नई पीडी को अपनी जड़ो से जुड़ने का माध्यम बनेगा। वर्ष मे एक दिन एसा हो जब प्रदेश भर मे एक साथ भोजन का उत्सव मनाये अपने परंपरागत भोजन के बारे मे जानकारी जुटाये व दस्तावेजीकरण करे इस उदेश्य से गढ़ भोज दिवस मनाना शुरू किया गया।
नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने का अभियान
इस अवसर पर शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने कहा की गढ़ भोज नई जनरेशन को अपनी जड़ों से जोड़ने व बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाने का सबसे सरल उपाय हो सकता है। गढ़भोज से स्वस्थ के साथ आर्थिकी भी समृद्ध होगी। उन्होंने कहा कि गढ़भोज को मिड डे मील में शामिल करने से बच्चों को अपने पारंपरिक खाद्य उत्पादों की जानकारी मिलेगी।
इनको किया गया सम्मानित
शिक्षा मंत्री द्वारा विभिन्न विधालय मे गढ़ भोज अभियान से जुडकर बेहतरीन कार्य करने वाले शिक्षको व समाजिक कार्यकर्ताओ का सम्मान किया गया। इनमें सुरक्षा रावत रा. ई. कालेज श्री कालखाल उत्तरकाशी, चैत राम सेमवाल टिहरी, संजीव सेमवाल टिहरी, आलोक बिजल्वाण आराकोट, विकास पंत पौड़ी, संदीप उनियाल रेणुका समिति उत्तरकाशी, लता नौटियाल नोगांव, शिवम देहरादून।
गढ़भोज में ये परोसा
इस अवसर पर मंत्री ने गढ़भोज में स्कूली छात्रों ने लाल चावल, झंगोरे की खीर, चौसा, माण्ड का सूप, मडुए की पुड़ी व राजमा के स्वादिष्ट व्यंजन परोसे गए।