उत्तराखंड में स्मार्ट मीटर लगने से उपभोक्ताओं की हर शिकायत का स्मार्ट समाधान

देहरादून। उत्तराखंड में स्मार्ट मीटर लगने से बिजली उपभोक्ताओं की हर समस्या का स्मार्ट समाधान होगा। यानी अब अब मीटर खराब, जलने, रीडिंग न करने या फिर गलत रीडिंग करने जैसी समस्याओं का तत्काल निदान होगा। इसके अलावा उपभोक्ताओं की गलत बिलिंग की समस्या का भी स्मार्ट मीटर लगने से पूरी तरह से समाधान हो जाएगा। स्मार्ट मीटर जहां बिजली विभाग की जिम्मेदारी तय करेगा, वहीं उपभोक्ताओं की सौ फीसद सुरक्षा, सुविधा और समस्याओं के समाधान में मील का पत्थर साबित होगा।
राज्य में स्मार्ट मीटर को लेकर हो रही बेवजह की राजनीति के बीच प्रमुख सचिव ऊर्जा डॉ आर मीनीक्षी सुंदरम ने स्मार्ट मीटर को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी है। प्रमुख सचिव ने कहा कि स्मार्ट मीटर लगने से बिजली उपभोक्ताओं की मीटर रीडिंग या बिलिंग संबंधित शिकायतों का तत्काल समाधान होगा। यानी मीटर और बिल को लेकर आने वाली समस्याओं में अप्रत्याशित तरीके से कमी आएगी। उन्होंने कहा कि साथ स्मार्ट मीटर बिना शुल्क के बदले जाएंगे। मीटर बदलने का कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। डॉ आर मीनीक्षी सुंदरम ने कहा कि स्मार्ट मीटर अत्याधुनिक तकनीकी से बना बिजली मीटर है। इस मीटर का कन्ट्रोल पूरी तरह उपभोक्ता के हाथ में रहता है। इससे आपको पल पल बिजली उपयोग की जानकारी समेत सभी जरूरी सूचनाएं, बिजली उपयोग की तुलना, भुगतान के कई विकल्प मिल जाते हैं। ऐसे में स्मार्ट मीटर बिजली उपभोक्ताओं कि सुरक्षा, सुविधा और समस्याओं के समाधान का स्मार्ट माध्यम है।
इसलिए ज़रूरी स्मार्ट मीटर
प्रमुख सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि यह एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है, जो भारत सरकार के सहयोग से भी सभी राज्यों में चलाया जा रहा है। प्रमुख सचिव ऊर्जा ने कहा कि अभी यूपीसीएल के उपभोक्ता शिकायत निवारण केंद्र के साथ ही सीएम हेल्पलाइन और विभागीय शिविरों में सबसे अधिक शिकायतों बिलिंग और रीडिंग को लेकर आती हैं। ऐसे में अब स्मार्ट मीटर लगने के बाद मीटर रीडिंग में मानवीय हस्तक्षेप समाप्त हो जाएगा, इससे बिलिंग सम्बन्धी शिकायतों में अप्रत्याशित कमी आएगी। उपभोक्ता को खपत का विवरण मोबाइल एप पर उपलब्ध, होगा जिससे वो अपनी बिजली खपत को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकेंगे। साथ ही विद्युत फाल्ट व सप्लाई बाधित होने की सूचना भी तुरंत विभाग तक पहुंच जाएगी। उन्होंने बताया कि रूफ टॉप सोलर लगाने पर यही मीटर नेट मीटर की तरह कार्य करेगा।
स्मार्ट मीटर लगाने पर नहीं लगेगा कोई शुल्क
प्रमुख सचिव ऊर्जा ने बताया कि पुराने मीटर को स्मार्ट मीटर से बदलने पर कोई इंस्टॉलेशन शुल्क नहीं लिया जायेगा। वर्तमान में भारत सरकार के निर्देश पर पोस्ट पेड मीटर ही लगाए जा रहे हैं। फिर भी कोई उपभोक्ता स्वेच्छा से प्री पेड मीटर की सेवाएं लेना चाहता हैं तो उन्हें घरेलू कनेक्शन पर वर्तमान में लागू विद्युत दरों पर 4 प्रतिशत तथा अन्य श्रेणी के उपभोक्ताओं को 3 प्रतिशत की छूट मिलेगी।
अफसर, मंत्री और विधायक लगाएंगे स्मार्ट मीटर
प्रमुख सचिव सुंदरम ने बताया की मुख्यमंत्री के निर्देश पर विभाग के मंत्रिगणों, विधायकों और अधिकारियों के सरकारी और निजी आवासों पर स्मार्ट मीटर लगाने का अभियान चलेगा। साथ ही घर बैठे मीटर को मोबाइल ऍप या ऑनलाइन रिचार्ज करने पर बिजली बिल पर लगने वाले ब्याज या लेट फीस से भी छुटकारा मिलेगा।
जून 2026 तक 15 लाख उपभोक्ताओं का लक्ष्य
प्रमुख सचिव ऊर्जा ने कहा कि छुट्टियों के दिनों में या रात में बैलेंस खत्म होने के बाद भी बिना रूकावट बिजली की उपलब्धता बनी रहेगी। उन्होने बताया कि योजना के तहत जून 2026 तक 15.88 लाख उपभोक्ताओं सहित 59212 ट्रासंफार्मर और 2602 फीडर के मीटर बदले जाने हैं।