आदेश का विरोधउत्तराखंडदो टूक

देहरादून में जबरन फिटनेस सेंटर भेजने वाले आदेश पर बवाल, 15 से ज्यादा यूनियन ने आरटीए के खिलाफ खोला मोर्चा

देहरादून। आरटीए देहरादून के एक आदेश पर बवाल शुरू हो गया है। सिटी बस महासंघ द्वारा आयोजित संयुक्त प्रेस वार्ता में 15 से ज्यादा यूनियन ने आरटीए देहरादून के आदेश की खिलाफत करते हुए तुगलकी आदेश वापस लेने की मांग की है। कहा कि आरटीए ने जो जबरन एक सेंटर से फिटनेस कराने और डीजल चलित हजारों वाहनों को बाहर करने का जो आदेश दिया है, वह बड़े भ्र्ष्टाचार की और इशारा कर रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री से पूरे मामले की जांच कराने और तुगलकी आदेश को रद करने की मांग की है।

सिटी बस यूनियन के साथ संयुक्त रूप से देहरादून की अधिकांश अलग-अलग 15 से ज्यादा यूनियनों ने आज कोर्ट रोड में प्रेस वार्ता को संबोधित किया। यूनियन के अध्यक्ष विजयवर्धन डंडरियाल ने कहा कि डोईवाला सेंटर में नियम विरुद्ध गाड़ियों को आरटीए देहरादून द्वारा जबरदस्ती फिटनेस सेंटर में भेजने हेतु भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। आरटीए देहरादून के तालिबानी आदेश के तहत डीजल चालित हजारों वाहन जैसे ऑटो रिक्शा, टेंपो विक्रम, सिटी बस,स्टेज कैरिज बस, टूरिस्ट बस,उत्तराखंड परिवहन निगम की बस, टेंपो ट्रैवलर्स,टैक्सी ,मैक्सी ,टाटा मैजिक, डंपर आदि हजारों वाहन सड़कों से गायब हो जाएंगे।इससे लाखों लोगों के आगे रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा। कहा कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने जो अधिसूचना फरवरी 2022 में जारी की है, उसमें साफ है कि 1 अप्रैल 2023 से भारी वाहन माल वाहन और भारी यात्री वाहनों के लिए फिटनेस अनिवार्य की गई है। जबकि मध्यम भार वाले यात्री और हल्के मोटर वाहन के लिए 1 जून 2024 से फिटनेस करना अनिवार्य है। लेकिन देहरादून में इसे लेकर जो आदेश जारी किए गए वह 1 नवम्बर 2022 से लागू किया गया है। आरटीए के इस आदेश को निरस्त करने की मांग करते हुए यूनियन ने मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री को पत्र भेजा है। पत्रकार वार्ता में 15 से ज्यादा यूनियन के पदाधिकारियों ने भाग लिया है।

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